लखनऊः यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकारी मशीनरी को सुधारने में लगे हैं. लेकिन राजधानी में ही सरकारी कर्मचारी उनकी मेहनत पर पतीला लगाने में जुटे हैं. असल में शहर के सरकारी कार्यालयों की स्थितियां यही बयां कर रही है. ईटीवी भारत की टीम ने गुरुवार को राजधानी के एलडीए, स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग मुख्यालय से लेकर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र तक का निरीक्षण किया. जिसमें ये स्थितियां सामने आई हैं.
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री की ओर से कर्मचारियों को नियमित रूप से कार्यालयों में उपस्थित होने के निर्देश दिये गये हैं. मुख्य सचिव ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर कहा कि कार्यालय का समय सुबह 9ः30 बजे से शाम छह बजे तक है. बीच में आधे घंटे यानी दोपहर एक से डेढ़ बजे भोजनावकाश है.
LDA में सुबह 10 बजे से सारे अफसर गायबः सुबह 10 बजे लखनऊ विकास प्राधिकरण में काम शुरू होने का नियत वक्त है. मगर गुरुवार को सुबह 10 बजे जब ईटीवी संवाददाता ने एलडीए ऑफिस का मुआयना किया तो अफसर गायब दिखे. कुछ कर्मचारी आये थे, तो वहीं चतुर्थ श्रेणी के अधिकांश कर्मचारी अपने काम पर पहुंच चुके थे. एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, सचिव पवन कुमार गंगवार और अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा सुबह 10 बजे के बाद तक ऑफिस नहीं पहुंचे थे. इनके अलावा लगभग सभी अफसर नदारद रहे. लिपिक वर्ग के कर्मचारी 10 बजे तक 25 फीसदी ही पहुंचे थे. यह बात अच्छी थी कि चतुर्थ वर्ग के अधिकांश कर्मचारी समय पर आए थे.
अभी कोई नहीं है, साढ़े दस बजे आते हैं साहबः ईटीवी भारत की टीम गुरुवार सुबह 9: 30 बजे स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर पहुंची. इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र भी पहुंची. इस दौरान टीम को दफ्तर में सफाई करते कर्मी राम स्वरूप मिले. उनसे स्टॉफ और प्राचार्य के दफ्तर में आने का वक्त पूछा गया. इस पर रामस्वरूप ने कहा कि अभी दफ्तर में कोई नहीं है. साढ़े दस बजे साहब आयेंगें. यह हाल तब है जब साहब को सरकार ने कैम्पस में ही आवास दिया है.
इसे भी पढ़ें- SP मुखिया के बयान पर चाचा शिवपाल हुए आक्रामक, कहाः मैं BJP के संपर्क में हूं, तो अखिलेश मुझे निकाल क्यों नहीं देते?
नदारद मिले परिवहन विभाग के अधिकारीः ईटीवी भारत ने गुरुवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय का रिएलिटी चेक किया, तो साढ़े नौ बजे तक काफी कम अधिकारी दफ्तर पहुंचे मिले. लेकिन तमाम ऐसे अधिकारी भी थे, जो 10 बजे के बाद तक दफ्तर की कुर्सी पर काबिज नहीं हुए. इसके साथ ही कर्मचारी भी दफ्तर से गायब थे. कुछ अधिकारी समय से थोड़ा लेट दफ्तर पहुंचे. 9:30 से 10 बजे के बीच विभाग के मुखिया ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू करीब 9:40 पर दफ्तर पहुंचे. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (लखनऊ जोन) निर्मल प्रसाद 10 बजे के बाद भी दफ्तर नहीं पहुंचे. ज्यादातर अधिकरियों का 10 बजे से 10:15 के बीच दफ्तर पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ. लेट पहुंचने पर अधिकारियों का यह भी तर्क था कि शहर में जाम की काफी समस्या है. इसलिए 10 से 15 मिनट लेट हो ही जाना होता है. अधिकारी ये भी कहते हैं कि अगर 9:30 बजे आ भी जाएं, तो छह बजे कभी घर तो नहीं जा सकते. दफ्तर में सात तो बजता ही है, इसलिए थोड़ा बहुत लेट लतीफी चलती है, लेकिन 10 बजे से पहले दफ्तर पहुंच ही जाते हैं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप