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गोरखनाथ मंदिर हमला: मुर्तजा बना रहा था एक खतरनाक मोबाइल APP, जिसका नाम था...

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Published : Apr 8, 2022, 1:37 PM IST

Updated : Apr 8, 2022, 1:44 PM IST

मुर्तजा अपने आतंकी आकाओं के कहने पर JARIMA नाम का जेहादी ऐप डिजाइन कर रहा था. JARIMA का अरबी अनुवाद जुल्म होता है. अरबी भाषा के इस ऐप को डिजाइन करने के लिए वो पीयर-टू-पीयर ऐप के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था. वहीं, इस ऐप डिजाइन का मकसद इसके जरिए उन लोगों को जोड़ना था, जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है.

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लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC के जवानों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी से जुड़े नए खुलासे ने सबको चौंका दिया है. मुसलमानों पर अत्याचार की कहानी बताने वाला मुर्तजा ATS के सामने धीरे-धीरे राज खोल रहा है. ISIS कैंप में रहने वाली एक लड़की को पैसे भेजने व अरबी कोड का खुलासा होने के बाद अब एक मोबाइल एप्लीकेशन से जुड़ी बात सामने आई है.

मुर्तजा अब्बासी अपने आतंकी आकाओं के कहने पर JARIMA नाम का जेहादी ऐप डिजाइन कर रहा था. JARIMA का अरबी अनुवाद जुल्म होता है. अरबी भाषा के इस ऐप को डिजाइन करने के लिए वो पीयर-टू-पीयर ऐप के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था. वहीं, इस ऐप डिजाइन का मकसद इसके जरिए उन लोगों को जोड़ना था, जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है.

इसे भी पढ़ें - गोरखनाथ मंदिर हमला: मुर्तजा के आतंक का कोड ATS ने किया डिकोड!

पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग मुर्तजा आतंकियों से जरिमा ऐप को बनाने में मदद लेने के लिए संदेश लेने में करता था. पहले भी आतंकी पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग अपने संदेशों को भेजने में करते थे.

पीयर-टू-पीयर एक ऐसा संचार माध्यम है जिसे एक नेटवर्क बनाकर एक ग्रुप प्राइवेट संदेश भेज सकते हैं. पीयर-टू-पीयर साइबर अपराधों के लिए भी अपराधी प्रयोग करते हैं. केमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद मुर्तजा ने ऐप डेवलपर का कोर्स भी किया था. ATS ने जिस लैपटॉप को मुर्तजा के पास से बरामद किया था, वो इसी ऐप को बनाने के लिए प्रयोग कर रहा था.

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लखनऊ: गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC के जवानों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी से जुड़े नए खुलासे ने सबको चौंका दिया है. मुसलमानों पर अत्याचार की कहानी बताने वाला मुर्तजा ATS के सामने धीरे-धीरे राज खोल रहा है. ISIS कैंप में रहने वाली एक लड़की को पैसे भेजने व अरबी कोड का खुलासा होने के बाद अब एक मोबाइल एप्लीकेशन से जुड़ी बात सामने आई है.

मुर्तजा अब्बासी अपने आतंकी आकाओं के कहने पर JARIMA नाम का जेहादी ऐप डिजाइन कर रहा था. JARIMA का अरबी अनुवाद जुल्म होता है. अरबी भाषा के इस ऐप को डिजाइन करने के लिए वो पीयर-टू-पीयर ऐप के जरिए संदेशों का आदान-प्रदान करता था. वहीं, इस ऐप डिजाइन का मकसद इसके जरिए उन लोगों को जोड़ना था, जो जिहाद के रास्ते पर आना चाहते हैं या जिन्हें लगता था कि मुसलमानों पर जुल्म हो रहा है.

इसे भी पढ़ें - गोरखनाथ मंदिर हमला: मुर्तजा के आतंक का कोड ATS ने किया डिकोड!

पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग मुर्तजा आतंकियों से जरिमा ऐप को बनाने में मदद लेने के लिए संदेश लेने में करता था. पहले भी आतंकी पीयर-टू-पीयर ऐप का प्रयोग अपने संदेशों को भेजने में करते थे.

पीयर-टू-पीयर एक ऐसा संचार माध्यम है जिसे एक नेटवर्क बनाकर एक ग्रुप प्राइवेट संदेश भेज सकते हैं. पीयर-टू-पीयर साइबर अपराधों के लिए भी अपराधी प्रयोग करते हैं. केमिकल इंजीनियरिंग करने के बाद मुर्तजा ने ऐप डेवलपर का कोर्स भी किया था. ATS ने जिस लैपटॉप को मुर्तजा के पास से बरामद किया था, वो इसी ऐप को बनाने के लिए प्रयोग कर रहा था.

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Last Updated : Apr 8, 2022, 1:44 PM IST
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