ETV Bharat / state

Good News: पॉलीटेक्निक में एक लाख सीट पर दाखिले के लिए होगी काउंसलिंग, ये रहीं तैयारियां

author img

By

Published : Nov 15, 2021, 2:28 PM IST

उत्तर प्रदेश में पॉलीटेक्निकल संस्थानों में दाखिलों से चूके छात्रों के लिए अच्छी खबर है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से दाखिले का एक और अवसर दिए जाने की तैयारी है. एआईसीटीई ने 25 नवम्बर तक दाखिले लेने की छूट दी है.

पॉलीटेक्निक प्रवेश के लिए होगी फिर से काउंसलिंग
पॉलीटेक्निक प्रवेश के लिए होगी फिर से काउंसलिंग

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पॉलीटेक्निकल संस्थानों में दाखिलों से चूके व इसमें प्रवेश न पाने की वजह से निराश छात्रों के लिए अच्छी खबर है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से दाखिले का एक और अवसर दिए जाने की तैयारी है.

दरअसल संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से दाखिले में एक और अवसर दिए जाने की तैयारी है. प्रभारी सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा राम रतन ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने 25 नवम्बर तक दाखिले लेने की छूट दी है. इसके आधार पर यूपी के पॉलीटेक्निकल संस्थानों में खाली सीटों पर प्रवेश के लिए भी और चरण की काउंसलिंग कराना चाहते हैं. इसके लिए शासन की मंजूरी ली जा रही है.

उत्तर प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए 10 चरणों की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कुल 2.33 लाख सीटें हैं. इनमें, 1.32 लाख पर दाखिले हुए हैं. इस बाबत प्रभारी सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा राम रतन ने बताया कि करीब 1.01 लाख सीट अभी खाली हैं. इन पर दाखिले के लिए एक और अवसर दिए जाने की तैयारी की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार शाम या मंगलवार सुबह तक नया कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा.

कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों के चलते अचानक फार्मेसी पाठ्यक्रम की डिमांड बढ़ गई है. इस समय डिप्लोमा इन फार्मेसी में दाखिले के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रही है. इस पाठ्यक्रम की डिमांड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिप्लोमा इन फार्मेसी की साल भर की सरकारी फीस करीब 42 हजार रुपये है.

यह भी पढ़ें: 14 करोड़ टीकाकरण करने वाला देश का पहला राज्य बना यूपी

दरअसल, कॉलेजों में 1.50 लाख से लेकर दो लाख रुपये तक लिए जा रहे हैं. छात्र और अभिभावक लाइन लगाकर यह शुल्क जमा भी कर रहे हैं. प्रदेश में डिप्लोमा इन फार्मेसी के सरकारी कॉलेज नहीं हैं. यह पाठ्यक्रम ही निजी संस्थानों के सहारे चल रहा है. इस पाठ्यक्रम को छोड़कर पॉलीटेक्निक के ज्यादातर कोर्स डिमांड से बाहर हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में पॉलीटेक्निकल संस्थानों में दाखिलों से चूके व इसमें प्रवेश न पाने की वजह से निराश छात्रों के लिए अच्छी खबर है. संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से दाखिले का एक और अवसर दिए जाने की तैयारी है.

दरअसल संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर से दाखिले में एक और अवसर दिए जाने की तैयारी है. प्रभारी सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा राम रतन ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने 25 नवम्बर तक दाखिले लेने की छूट दी है. इसके आधार पर यूपी के पॉलीटेक्निकल संस्थानों में खाली सीटों पर प्रवेश के लिए भी और चरण की काउंसलिंग कराना चाहते हैं. इसके लिए शासन की मंजूरी ली जा रही है.

उत्तर प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए 10 चरणों की काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. कुल 2.33 लाख सीटें हैं. इनमें, 1.32 लाख पर दाखिले हुए हैं. इस बाबत प्रभारी सचिव संयुक्त प्रवेश परीक्षा राम रतन ने बताया कि करीब 1.01 लाख सीट अभी खाली हैं. इन पर दाखिले के लिए एक और अवसर दिए जाने की तैयारी की जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार शाम या मंगलवार सुबह तक नया कार्यक्रम घोषित कर दिया जाएगा.

कोरोना संक्रमण और उसके बाद की स्थितियों के चलते अचानक फार्मेसी पाठ्यक्रम की डिमांड बढ़ गई है. इस समय डिप्लोमा इन फार्मेसी में दाखिले के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रही है. इस पाठ्यक्रम की डिमांड का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिप्लोमा इन फार्मेसी की साल भर की सरकारी फीस करीब 42 हजार रुपये है.

यह भी पढ़ें: 14 करोड़ टीकाकरण करने वाला देश का पहला राज्य बना यूपी

दरअसल, कॉलेजों में 1.50 लाख से लेकर दो लाख रुपये तक लिए जा रहे हैं. छात्र और अभिभावक लाइन लगाकर यह शुल्क जमा भी कर रहे हैं. प्रदेश में डिप्लोमा इन फार्मेसी के सरकारी कॉलेज नहीं हैं. यह पाठ्यक्रम ही निजी संस्थानों के सहारे चल रहा है. इस पाठ्यक्रम को छोड़कर पॉलीटेक्निक के ज्यादातर कोर्स डिमांड से बाहर हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.