लखनऊः राजधानी के गोमतीनगर रेलवे स्टेशन के दिन अब बहुरने वाले हैं. जी हां, इस रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद तेज हो गयी है. गोमतीनगर स्टेशन के विश्वस्तरीय हो जाने से चारबाग रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ कम हो जायेगी. इस स्टेशन के अपग्रेडेशन का काम एनबीसीसी और आरएलडीए दोनों साथ मिलकर कर रहे हैं.
स्टेशन पर हो रहा है ये काम
आईआईटी दिल्ली की डिजाइन पर गोमती नगर रेलवे स्टेशन का फिर से डेवलपमेंट किया जा रहा है. रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए), एनबीसीसी के साथ मिलकर ईपीसी मोड पर रिडेवलपमेंट का काम कर रहा है. रेलवे स्टेशन का दो चरणों मे पुनर्विकास किया जाएगा. पहले चरण में स्टेशन बिल्डिंग, एयर कान्कॉर्स, फूड कोर्ट्स, प्लेटफार्मों का नवीनीकरण शामिल है. दूसरे चरण में कमर्शियल डेवलपमेंट और बेसमेंट पार्किंग का काम पूरा होगा. स्टेशन के रिडेवलपमेंट के लिए अनुमानित कुल निर्माण लागत 190 करोड़ रुपए है. कामर्शियल डेवलपमेंट के लिए अनुमानित लागत 170 करोड़ रुपए है. इसके अलावा स्टेशन में आने-जाने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग जगह बेसमेंट पार्किंग, सीसीटीवी, वातानुकूलित कॉमन स्पेस, इंटीग्रेटेड बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम, बागवानी की सुविधाएं होंगी.
60 साल की लीज सेल के लिए बन रहा स्टेशन
आरएलडीए के वाइस चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा बताते हैं कि गोमती नगर कॉमर्शियल और रिटेल हब के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है. स्टेशन रणनीतिक रूप से कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. स्टेशन को 60 साल की लीज सेल के लिए बनाया जा रहा है. अभी स्टेशन पर केवल तीन प्लेटफॉर्म हैं, साथ ही तीन और प्लेटफॉर्म बनाए जा रहे हैं. रेलवे स्टेशन के पास करीब 38 एकड़ भूखंड हैं, जिसमें से आठ एकड़ भूमि का उपयोग स्टेशन के पुनर्विकास और रिटेल व कमर्शियल डेवलपमेंट दोनों के लिए किया जा रहा है.