लखनऊ : यह वह भूमि है जिसने कई पीढ़ियों से भारत को सींचा है. अगर इतिहास में जाएं तो उत्तर प्रदेश की भूमि का महत्व वर्तमान और आधुनिक भारत में ही नहीं, बल्कि प्राचीन भारत में भी इस की प्राथमिकता हमेशा रही है और आगे भी रहेगी. जहां एक तरफ हमारे प्रधानमंत्री जो चुनौतियों में अवसर खोजते हैं. दूसरी ओर सीएम योगी ने बीते सात सालों में उत्तर प्रदेश को पूरी तरह से बदल दिया है. यह इंडिया का नया ग्रोथ इंजन बनकर उभरा है.
यह बातें केंद्रीय नागर विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहीं. वे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन सिविल एविएशन इन उत्तर प्रदेश- द इमर्जिन्ग अपारचुनिटीज विषय पर आयोजित सत्र में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. सिंधिया की अध्यक्षता में सिविल एविएशन में विकास की सम्भावनाओं पर हुई चर्चा हुई. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. इस सेशन में कुल 620 करोड़ रुपये के 3 एमओयू भी साइन किए गए. पहला एमओयू कार्गो और दूसरा एमओयू एयरपोर्ट ऑपरेशन तथा तीसरा एमओयू एमआरओ सर्विस से जुड़ा है.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि नागर विमानन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने बहुत ही तेजी के साथ विकास किया है. पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाले राज्य का गौरव उत्तर प्रदेश को प्राप्त होने जा रहा है. सिंधिया ने कहा कि 67 सालों में उत्तर प्रदेश में केवल 74 एयरपोर्ट ही बनकर तैयार थे. पर बीते 9 सालों में मोदी सरकार ने 73 एयरपोर्ट का निर्माण कराने के साथ ही वहां संचालन की व्यवस्था भी शुरू करा दी है. आगामी 27 फरवरी को कर्नाटक में हम 74 एयरपोर्ट का उद्घाटन करने जा रहे हैं. मोदी जी के सोच का ही नतीजा है कि एविएशन सेक्टर में बीते 9 सालों में दुगने एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले देश में कुल 400 एरोप्लेन थे, पर बीते 9 सालों में इनकी संख्या बढ़कर 700 हो गई है. आठ महीने पहले अकाशा एयरलाइंस केवल दो हवाई जहाज से शुरू हुआ था. आज उसके बेड़े में 16 हवाई जहाज शामिल हो गए हैं.
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट विकास की इस ऊंचाई को एक नया आयाम देने में बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो रहा है. इस आयोजन में देश और दुनिया के कोने-कोने से आए हुए दस हजार से ज्यादा डेलीगेट्स प्रतिभाग कर रहे हैं. यह उत्तर प्रदेश में निवेशकों के बढ़ते भरोसे और विश्वास का प्रमाण है. किसी भी राज्य की औद्योगिक एवं आर्थिक प्रगति में ट्रांसपोर्टेशन एवं कनेक्टिविटी की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है. पिछले करीब छह वर्षों के दौरान माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में हमने इस सेक्टर में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की है. रोड और एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुआ है. एक्सप्रेसवेज और एयरपोर्ट्स उत्तर प्रदेश के सिग्नेचर बनकर उभरे हैं.
वर्ष 2017 में जब हम सरकार में आए थे, तो प्रदेश में केवल दो एयरपोर्ट क्रियाशील थे. जल्द ही उत्तर प्रदेश को पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट वाला देश का पहला राज्य होने का सौभाग्य प्राप्त होने जा रहा है. वह जेवर एयरपोर्ट जो चुनावों में बोतल के जिन्न की तरह बाहर आता था और चुनाव होते ही ठंडे बस्ते में चला जाता था. आज धरातल पर साकार रूप ले रहा है. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी आकार ले रहा है. आज उत्तर प्रदेश में 9 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं. आठ लगभग बन कर तैयार हैं और चार नए एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है. यह उत्तर प्रदेश की एविएशन सेक्टर की बुलन्दियों को दर्शाता है. इस अवसर पर नागरिक उड्डयन विभाग के एसीएस एसपी गोयल, बेल्जियम के पूर्व उप प्रधानमंत्री एवं यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक के वाइस प्रेसीडेंट कृष पीटर्स, अकाशा एयर की ऑपरेशन्स हेड श्रीमती नीलू खत्री, एयर इंडिया एक्सप्रेस के सीईओ आलोक सिंह, वाईआईएपीएल के सीईओ डेनियल बिरकर, सीएपीए इंडिया के सीईओ कपिल कौल, इन्वेस्ट इंडिया के एमडी व सीईओ दीपक बागला आदि उद्यमी व गणमान्य उपस्थित रहे.