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जीआईएस ने 40 हजार भवनों में पकड़ी हाऊस टैक्स चोरी - 40 हजार भवनों में पकड़ी गई हाऊस टैक्स चोरी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 40 हजार भवनों में गृहकर की चोरी पकड़ी गई है. बता दें कि जीआईएस सर्वे होने के बाद से इसका खुलासा हुआ है.

लखनऊ नगर निगम
लखनऊ नगर निगम
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Published : Nov 29, 2020, 10:34 AM IST

लखनऊ: जीआईएस सर्वे होने से नगर निगम के जोन चार में करीब 40 हजार संपत्तियों में गृहकर चोरी पकड़ी है. इन सम्पत्तियों का हाऊस टैक्स दोगुना तक बढ़ गया है. गृहकर जीआईएस सर्वे पूरा होने के बाद अंतिम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. भवन स्वामी अभी तक कम टैक्स जमा कर रहे थे. नगर निगम इन संपत्तियों के मालिकों को नोटिस भेज रहा है. अभी तक करीब 27 हजार को नोटिस भेजी जा चुकी है.

50 हजार आवासीय, अनावासीय संपत्तियों का सर्वे

शासन के आदेश के बाद नगर निगम शहर में गृहकर को लेकर संपत्तियों का जीआईएस सर्वे करा रहा है. गोमती नगर क्षेत्र में सर्वे पूरा हो गया है. जोन-7 में सर्वे हो रहा है. गोमती नगर इलाके में सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, जोन की करीब 50 हजार आवासीय और अनावासीय संपत्तियों में से 40 हजार भवनों का गृहकर दोगुना तक बढ़ा है.

27 हजार संपत्तियों के मालिकों को भेजी गई नोटिस

आवासीय और अनावासीय मिलाकर करीब 27 हजार संपत्तियों के मालिकों को नोटिस भेजी जा चुकी है. जोन में कुल 10 हजार अनावासीय संपत्तियां हैं. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट पूरी तरह सही नहीं हो सकती है. जीआईएस सर्वे रिपोर्ट में करीब 10 हजार नई संपत्तियां बढ़ी हैं. कारण है कि इन संपत्तियों में कई तो पहले से ही नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हैं. सर्वे करने वाली संस्था ने अनुमानित प्लॉट एरिया लिख दिया है. भवनस्वामी का नाम भी गलत हो गया है. इसके चलते निगम को सर्वे रिपोर्ट और अपने रिकॉर्ड को मिलाना पड़ रहा है.

एक महीने में कर सकते हैं आपत्ति

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि अगर किसी भवन स्वामी को बढ़े टैक्स पर आपत्ति है तो वह एक महीने में आपत्ति कर सकता है. जांच में यदि सर्वे की रिपोर्ट गलत निकली तो गृहकर को कम कर दिया जाएगा. आपत्ति नहीं करने पर नया गृहकर लागू हो जाएगा.

लखनऊ: जीआईएस सर्वे होने से नगर निगम के जोन चार में करीब 40 हजार संपत्तियों में गृहकर चोरी पकड़ी है. इन सम्पत्तियों का हाऊस टैक्स दोगुना तक बढ़ गया है. गृहकर जीआईएस सर्वे पूरा होने के बाद अंतिम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है. भवन स्वामी अभी तक कम टैक्स जमा कर रहे थे. नगर निगम इन संपत्तियों के मालिकों को नोटिस भेज रहा है. अभी तक करीब 27 हजार को नोटिस भेजी जा चुकी है.

50 हजार आवासीय, अनावासीय संपत्तियों का सर्वे

शासन के आदेश के बाद नगर निगम शहर में गृहकर को लेकर संपत्तियों का जीआईएस सर्वे करा रहा है. गोमती नगर क्षेत्र में सर्वे पूरा हो गया है. जोन-7 में सर्वे हो रहा है. गोमती नगर इलाके में सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, जोन की करीब 50 हजार आवासीय और अनावासीय संपत्तियों में से 40 हजार भवनों का गृहकर दोगुना तक बढ़ा है.

27 हजार संपत्तियों के मालिकों को भेजी गई नोटिस

आवासीय और अनावासीय मिलाकर करीब 27 हजार संपत्तियों के मालिकों को नोटिस भेजी जा चुकी है. जोन में कुल 10 हजार अनावासीय संपत्तियां हैं. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि सर्वे रिपोर्ट पूरी तरह सही नहीं हो सकती है. जीआईएस सर्वे रिपोर्ट में करीब 10 हजार नई संपत्तियां बढ़ी हैं. कारण है कि इन संपत्तियों में कई तो पहले से ही नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज हैं. सर्वे करने वाली संस्था ने अनुमानित प्लॉट एरिया लिख दिया है. भवनस्वामी का नाम भी गलत हो गया है. इसके चलते निगम को सर्वे रिपोर्ट और अपने रिकॉर्ड को मिलाना पड़ रहा है.

एक महीने में कर सकते हैं आपत्ति

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि अगर किसी भवन स्वामी को बढ़े टैक्स पर आपत्ति है तो वह एक महीने में आपत्ति कर सकता है. जांच में यदि सर्वे की रिपोर्ट गलत निकली तो गृहकर को कम कर दिया जाएगा. आपत्ति नहीं करने पर नया गृहकर लागू हो जाएगा.

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