यूनिट टेस्ट में शून्य नंबर आने पर शिक्षिका ने छात्रा को फटकार लगाई थी. छात्रा की मां बताया कि शिक्षिका के डांटने के बच्ची रोने लगी. उसके बाद स्कूल से फोन आया तो छात्रा की मां वहां पहुंची. स्कूल में बच्ची की हालत खराब हो गई थी, उसके हाथ-पांव ठंडे हो पड़ गए थे. छात्रा अदिति के मां ने बताया कि स्कूल में बच्ची को दवाई नहीं दी गई. स्कूल की शिक्षिकाएं कहने लगीं कि उसे यहां से ले जाइए.
वहीं, इस पूरे मामले पर सीएमएस स्कूल के पीआरओ ऋषि खन्ना ने बताया कि स्कूल के ऊपर लगाए जा रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. छात्रा का यूनिट टेस्ट में शून्य अंक आया, जिस पर टीचर ने क्लास में छात्रा को डांट दिया. उसके बाद छात्रा काफी ज्यादा घबरा गई और उसकी तबीयत खराब हो गई, ऐसा बिल्कुल नहीं है. टीचर ने किसी तरह का अमानवीय व्यवहार नहीं किया है. बल्कि जब छात्रा की तबीयत बिगड़ने लगी, तो स्कूल की शिक्षिकाओं ने उसे पानी पिलाया और दवाई खिलाई.
ऋषि खन्ना का कहना है कि किसी शिक्षिका के डांटने से छात्रा को हार्ट अटैक आया हो, ऐसा बिल्कुल नहीं है. स्कूल में इस तरह का अमानवीय व्यवहार बिल्कुल भी नहीं होता है. इस बात का हमारे पास पूरा सबूत है, क्योंकि हमारे यहां सभी क्लास में सीसीटीवी कैमरा लगा है. जिसके जरिए हमें घटना की पूरी जानकारी प्राप्त हुई है.
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