ETV Bharat / state

लखनऊ: कुशीनगर में बनेगी भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा, टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा

प्रदेश सरकार ने कुशीनगर में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा लगवाने का निर्णय लिया है. सरकार का कहना है कि इससे यूपी टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.

कुशीनगर में बनेगी भगवान बुद्ध की प्रतिमा.
author img

By

Published : Nov 15, 2019, 1:16 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के बाद अब कुशीनगर में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा लगवाने का निर्णय लिया है. सरकार यूपी टूरिज्म को बढ़ावा देकर प्रदेश के विकास को भी नई दिशा देना चाह रही है. भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनने के बाद कुशीनगर को देश ही नहीं बल्कि दुनिया से जोड़ने में मदद मिलेगी.

कुशीनगर में बनेगी भगवान बुद्ध की प्रतिमा.

2003 में साइन हुआ था एमओयू
कुशीनगर में भगवान बुद्ध से जुड़े प्रस्ताव को लेकर वर्ष 2003 में मैत्रेय ट्रस्ट और यूपी सरकार के बीच एमओयू हस्ताक्षर हुआ था. लेकिन मैत्रेय ट्रस्ट ने इस दिशा में कोई भी कार्य नहीं किया. सरकार का कहना है कि मैत्रेय ट्रस्ट को इस संबंध में पत्र लिखा गया है. इस पत्र में एमओयू के तहत कार्य को मूर्त रूप नहीं मिल पाने को लेकर सवाल किया गया, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया. अब सरकार ने यह पूरा प्रोजेक्ट टेकओवर कर लिया है. इसके तहत पर्यटन विभाग भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा, होटल, सभागार, संग्रहालय, पुस्तकालय का निर्माण कराया जाएगा.

योजना को सरकार ने किया टेकओवर
पिछले दिनों कैबिनेट में इस योजना से जुड़े एमओयू तथा लीज डीड निरस्त करने और सरकार को इस योजना को टेकओवर करने का फैसला लिया गया. लीज डीड को निरस्त करते हुए इंटीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए पर्यटन विभाग को कैबिनेट ने निर्देश दिया है. पर्यटन तथा संस्कृति के विकास और विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में मैत्रेय परियोजना कुशीनगर वर्ष 2003 में प्रारंभ की गई थी.

सरकार ने उपलब्ध कराई थी निशुल्क भूमि
इस परियोजना के अंतर्गत कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना, एक धर्मार्थ चिकित्सालय, प्रारंभिक शिक्षा से उच्च शिक्षा स्तर तक की शिक्षा के लिए एक धर्मार्थ शिक्षण संस्थान, विशाल ध्यान केंद्र, फव्वारों से सुसज्जित सुरुचिपूर्ण जलाशय, बच्चों के लिए पार्क, बौद्ध विहार व अतिथि गृह आदि का निर्माण प्रस्तावित था. इस परियोजना पर संपूर्ण खर्च मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट करने के लिए सहमत थी. इसके एवज में राज्य सरकार ने मैत्रेय ट्रस्ट को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई थी.

कुशीनगर के जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी. जिसमे शासन को अवगत कराया गया कि मैत्रेय ट्रस्ट ने जिले में इस योजना को लेकर कोई भी कार्य नहीं किया है. इसके बाद सरकार ने एमओयू स्थगित करने का निर्णय लिया.

मैत्रेय ट्रस्ट को इस संबंध में एक पत्र लिखकर अभी तक काम नहीं होने का कारण पूछा गया है और रिमाइंडर भी भेजा गया. ट्रस्ट का कोई जवाब नहीं आया. सरकार ने इस प्रोजेक्ट को टेकओवर कर लिए है. पुराने प्रस्ताव के आधार पर ही सरकार वहां कार्य करेगी.
- डॉ. नीलकंठ तिवारी, पर्यटन एवं संस्कृति, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

एशिया में भगवान बुद्ध के कई देशों में बड़ी संख्या में अनुयायी रहते हैं. उन लोगों का अक्सर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी, श्रावस्ती और कुशीनगर जैसे जिलों में आना होता है. वह लोग भगवान बुद्ध के स्थलों को घूमना चाहते हैं, यहां के बारे में जानना चाहते हैं. अगर योगी सरकार बुद्ध सर्किट को ठीक से विकसित करने में सफल होती है तो इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
- पीएन द्विवेदी, राजनीतिक विश्लेषक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के बाद अब कुशीनगर में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा लगवाने का निर्णय लिया है. सरकार यूपी टूरिज्म को बढ़ावा देकर प्रदेश के विकास को भी नई दिशा देना चाह रही है. भगवान बुद्ध की प्रतिमा बनने के बाद कुशीनगर को देश ही नहीं बल्कि दुनिया से जोड़ने में मदद मिलेगी.

कुशीनगर में बनेगी भगवान बुद्ध की प्रतिमा.

2003 में साइन हुआ था एमओयू
कुशीनगर में भगवान बुद्ध से जुड़े प्रस्ताव को लेकर वर्ष 2003 में मैत्रेय ट्रस्ट और यूपी सरकार के बीच एमओयू हस्ताक्षर हुआ था. लेकिन मैत्रेय ट्रस्ट ने इस दिशा में कोई भी कार्य नहीं किया. सरकार का कहना है कि मैत्रेय ट्रस्ट को इस संबंध में पत्र लिखा गया है. इस पत्र में एमओयू के तहत कार्य को मूर्त रूप नहीं मिल पाने को लेकर सवाल किया गया, लेकिन उधर से कोई जवाब नहीं आया. अब सरकार ने यह पूरा प्रोजेक्ट टेकओवर कर लिया है. इसके तहत पर्यटन विभाग भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा, होटल, सभागार, संग्रहालय, पुस्तकालय का निर्माण कराया जाएगा.

योजना को सरकार ने किया टेकओवर
पिछले दिनों कैबिनेट में इस योजना से जुड़े एमओयू तथा लीज डीड निरस्त करने और सरकार को इस योजना को टेकओवर करने का फैसला लिया गया. लीज डीड को निरस्त करते हुए इंटीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए पर्यटन विभाग को कैबिनेट ने निर्देश दिया है. पर्यटन तथा संस्कृति के विकास और विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में मैत्रेय परियोजना कुशीनगर वर्ष 2003 में प्रारंभ की गई थी.

सरकार ने उपलब्ध कराई थी निशुल्क भूमि
इस परियोजना के अंतर्गत कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना, एक धर्मार्थ चिकित्सालय, प्रारंभिक शिक्षा से उच्च शिक्षा स्तर तक की शिक्षा के लिए एक धर्मार्थ शिक्षण संस्थान, विशाल ध्यान केंद्र, फव्वारों से सुसज्जित सुरुचिपूर्ण जलाशय, बच्चों के लिए पार्क, बौद्ध विहार व अतिथि गृह आदि का निर्माण प्रस्तावित था. इस परियोजना पर संपूर्ण खर्च मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट करने के लिए सहमत थी. इसके एवज में राज्य सरकार ने मैत्रेय ट्रस्ट को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई थी.

कुशीनगर के जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी. जिसमे शासन को अवगत कराया गया कि मैत्रेय ट्रस्ट ने जिले में इस योजना को लेकर कोई भी कार्य नहीं किया है. इसके बाद सरकार ने एमओयू स्थगित करने का निर्णय लिया.

मैत्रेय ट्रस्ट को इस संबंध में एक पत्र लिखकर अभी तक काम नहीं होने का कारण पूछा गया है और रिमाइंडर भी भेजा गया. ट्रस्ट का कोई जवाब नहीं आया. सरकार ने इस प्रोजेक्ट को टेकओवर कर लिए है. पुराने प्रस्ताव के आधार पर ही सरकार वहां कार्य करेगी.
- डॉ. नीलकंठ तिवारी, पर्यटन एवं संस्कृति, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

एशिया में भगवान बुद्ध के कई देशों में बड़ी संख्या में अनुयायी रहते हैं. उन लोगों का अक्सर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी, श्रावस्ती और कुशीनगर जैसे जिलों में आना होता है. वह लोग भगवान बुद्ध के स्थलों को घूमना चाहते हैं, यहां के बारे में जानना चाहते हैं. अगर योगी सरकार बुद्ध सर्किट को ठीक से विकसित करने में सफल होती है तो इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
- पीएन द्विवेदी, राजनीतिक विश्लेषक

Intro:लखनऊ: कुशीनगर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा लगवाकर बुद्ध के अनुयायियों में पैठ बनाएगी योगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में भगवान राम के बाद अब कुशीनगर में भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा लगवाने जा रही है। सरकार सभी धर्म, पंथ, मजहब और समुदाय को साथ लेकर चलते दिखना चाहती है। इसके साथ ही सरकार यूपी टूरिज्म को बढ़ावा देकर प्रदेश के विकास को भी नई दिशा देना चाह रही है। इससे कुशीनगर को देश ही नहीं बल्कि दुनिया से जोड़ने में मदद मिलेगी। दूसरी तरफ सरकार को इसके बहाने राजनीतिक लाभ भी मिलता दिख रहा है। यूपी में बड़ी संख्या में भगवान बुद्ध के अनुयायी हैं।


Body:कुशीनगर में भगवान बुद्ध से जुड़े प्रस्ताव को लेकर वर्ष 2003 में मैत्रेय ट्रस्ट और यूपी सरकार के बीच एमओयू हस्ताक्षर हुआ था। लेकिन मैत्रेय ट्रस्ट ने इस दिशा में कोई भी कार्य नहीं किया। सरकार का कहना है कि मैत्रेय ट्रस्ट को इस संबंध में पत्र लिखा गया। एमओयू के तहत कार्य को मूर्त रूप नहीं मिल पाने को लेकर सवाल किया गया। उधर से कोई जवाब नहीं दिया। अब सरकार ने यह पूरा प्रोजेक्ट टेकओवर कर लिया है। इसके तहत पर्यटन विभाग भगवान बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा, होटल, सभागार, संग्रहालय, पुस्तकालय का निर्माण कराया जाएगा।

पिछले दिनों कैबिनेट में इस योजना से जुड़े एमओयू तथा लीज डीड निरस्त करने और सरकार को इस योजना को टेकओवर करने का फैसला लिया गया। लीज डीड को निरस्त करते हुए इंटीग्रेटेड बुद्ध सर्किट को विकसित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए पर्यटन विभाग को कैबिनेट ने निर्देश दिया है। पर्यटन तथा संस्कृति के विकास व विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना के रूप में मैत्रेय परियोजना कुशीनगर वर्ष 2003 में प्रारंभ की गई थी। इस परियोजना के अंतर्गत कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा की स्थापना, एक धर्मार्थ चिकित्सालय प्रारंभिक शिक्षा से उच्च शिक्षा स्तर तक की शिक्षा के लिए एक धर्मार्थ शिक्षण संस्थान, विशाल ध्यान केंद्र, फव्वारों से सुसज्जित सुरुचिपूर्ण जलाशय, बच्चों के लिए पार्क, बौद्ध विहार व अतिथि गृह आदि का निर्माण प्रस्तावित था। इस परियोजना पर संपूर्ण खर्च मैत्रेय प्रोजेक्ट ट्रस्ट करने के लिए सहमत थी। इसके एवज में राज्य सरकार ने मैत्रेय ट्रस्ट को निशुल्क भूमि उपलब्ध कराई थी।

कुशीनगर के जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। जिसमे शासन को अवगत कराया गया कि मैत्रेय ट्रस्ट ने जिले में इस योजना को लेकर कोई भी कार्य नहीं किया है। इसके बाद सरकार ने एमओयू स्थगित करने का निर्णय लिया।

बाईट- पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ नीलकंठ तिवारी ने बताया कि मैत्रेय ट्रस्ट को इस संबंध में एक पत्र लिखकर अभी तक काम नहीं होने का कारण पूछा गया। रिमाइंडर भी भेजा गया। ट्रस्ट का कोई जवाब नहीं आया। सरकार ने इस प्रोजेक्ट को टेकओवर कर लिए है। पुराने प्रस्ताव के आधार पर ही सरकार वहां कार्य करेगी।

बाईट- राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी का कहना है एसिया में भगवान बुद्ध के कई देशों में बड़ी संख्या में अनुयायी रहते हैं। उन लोगों का अक्सर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के वाराणसी, श्रावस्ती और कुशीनगर जैसे जिलों में आना होता है। वह लोग भगवान बुद्ध के स्थलों को घूमना चाहते हैं। यहां के बारे में जानना चाहते हैं। अगर योगी सरकार बुद्ध सर्किट को ठीक से विकसित करने में सफल होती है तो इससे प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा को इसका राजनीतिक लाभ भी मिलेगा।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.