लखनऊ : यूपी के अस्पतालों में अब सस्ती दवाएं मिलेंगी. अब सीएचसी स्तर तक जेनरिक स्टोर की चेन बनेगी. वहीं कोविड अस्पताल बनने पर कई केंद्र बंद हो गए. ऐसे में उन्हें अब दोबारा खोला जाएगा.
स्टेट हेल्थ एजेंसी (साची) की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक राज्य में करीब 11 सौ जेनरिक स्टोर (जनऔषधि केंद्र) हैं. यह सरकारी अस्पताल व निजी क्षेत्रों में संचालित हैं. इनमें से 126 जनऔषधि केंद्र सरकारी अस्पतालों में हैं. ऐसे में इनकी संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य के सभी जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर सस्ती दवा के स्टोर खुलेंगे. इसके संचालन लिए सरकार ने चार वेंडर तय किए हैं.
1400 दवा, 500 सर्जिकल उत्पादों का दावा
प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना वर्ष 2015 में शुरू हुई थी. इस दौरान आठ सौ दवा व अन्य उत्पाद मुहैया कराने का दावा किया गया था. इसमें 650 दवाएं व 150 सर्जिकल सामान को शामिल किया गया. वहीं वर्ष 2020 से पेटेंट से बाहर आईं नई दवाएं शामिल की गईं. इसमें 1400 दवाएं व पांच सौ सर्जिकल व अन्य समान लिस्ट में शामिल किया गया. केंद्रों पर दवा की आपूर्ति केंद्र सरकार के उपक्रम ब्यूरो ऑफ फार्मा-पीएसयू ऑफ इंडिया बीपीपीआई द्वारा की जाती है.
लखनऊ में अभी यहां हैं सरकारी केंद्र
केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल, आरएलबी अस्पताल, लोकबंधु राजनारायण अस्पताल, बीआरडी अस्पताल, आरएसएम अस्पताल के जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं. कोरोना काल में यह बंद हो गए थे. अब फिर से खुलने शुरू हो गए हैं. लोहिया अस्पताल के जेनेरिक स्टोर में ड्रग लाइंसेस की प्रक्रिया चल रही है. अन्य जगहों पर भी खुलने लगे हैं. राजधानी के सरकारी व निजी केंद्रों पर हर माह 90 लाख के करीब दवा बिक्री होती थी. इन स्टोरों पर 50 से 90 फीसद तक बाजार दर से सस्ती दवा का दावा है.
यूपी में सरकारी अस्पताल
जिला- संयुक्त अस्पताल-174
सीएचसी- 937
पीएचसी- 3,691
बेड-76, 260
यूपी के हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर खुलेंगे जेनेरिक मेडिकल स्टोर, मिलेगी सस्ती दवाएं
उत्तर प्रदेश में अब जल्द ही लोगों को सस्ती दवाएं मिलेंगी. राज्य में करीब 11 सौ जेनरिक स्टोर (जनऔषधि केंद्र) हैं. इनमें से 126 जनऔषधि केंद्र सरकारी अस्पतालों में हैं. इनकी संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
लखनऊ : यूपी के अस्पतालों में अब सस्ती दवाएं मिलेंगी. अब सीएचसी स्तर तक जेनरिक स्टोर की चेन बनेगी. वहीं कोविड अस्पताल बनने पर कई केंद्र बंद हो गए. ऐसे में उन्हें अब दोबारा खोला जाएगा.
स्टेट हेल्थ एजेंसी (साची) की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक राज्य में करीब 11 सौ जेनरिक स्टोर (जनऔषधि केंद्र) हैं. यह सरकारी अस्पताल व निजी क्षेत्रों में संचालित हैं. इनमें से 126 जनऔषधि केंद्र सरकारी अस्पतालों में हैं. ऐसे में इनकी संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य के सभी जिला अस्पताल, संयुक्त अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर सस्ती दवा के स्टोर खुलेंगे. इसके संचालन लिए सरकार ने चार वेंडर तय किए हैं.
1400 दवा, 500 सर्जिकल उत्पादों का दावा
प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना वर्ष 2015 में शुरू हुई थी. इस दौरान आठ सौ दवा व अन्य उत्पाद मुहैया कराने का दावा किया गया था. इसमें 650 दवाएं व 150 सर्जिकल सामान को शामिल किया गया. वहीं वर्ष 2020 से पेटेंट से बाहर आईं नई दवाएं शामिल की गईं. इसमें 1400 दवाएं व पांच सौ सर्जिकल व अन्य समान लिस्ट में शामिल किया गया. केंद्रों पर दवा की आपूर्ति केंद्र सरकार के उपक्रम ब्यूरो ऑफ फार्मा-पीएसयू ऑफ इंडिया बीपीपीआई द्वारा की जाती है.
लखनऊ में अभी यहां हैं सरकारी केंद्र
केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल, आरएलबी अस्पताल, लोकबंधु राजनारायण अस्पताल, बीआरडी अस्पताल, आरएसएम अस्पताल के जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं. कोरोना काल में यह बंद हो गए थे. अब फिर से खुलने शुरू हो गए हैं. लोहिया अस्पताल के जेनेरिक स्टोर में ड्रग लाइंसेस की प्रक्रिया चल रही है. अन्य जगहों पर भी खुलने लगे हैं. राजधानी के सरकारी व निजी केंद्रों पर हर माह 90 लाख के करीब दवा बिक्री होती थी. इन स्टोरों पर 50 से 90 फीसद तक बाजार दर से सस्ती दवा का दावा है.
यूपी में सरकारी अस्पताल
जिला- संयुक्त अस्पताल-174
सीएचसी- 937
पीएचसी- 3,691
बेड-76, 260