लखनऊः लगने थे पेड़-पौधे पर फैला है कूड़ा-कचरा. होनी थी हरियाली पर हो गई बदहाली. बात हो रही है राजधानी के चरक चौराहे से हैदरगंज तक बनने वाले ढाई किमी लंबे फ्लाईओवर की. इसके नीचे ग्रीन बेल्ट विकसित करके सौंदर्यीकरण का काम होना था. तमाम पेड़-पौधे लगने थे, लेकिन यहां तो कूड़ा-कचरा नजर आ रहा है. गंदगी के ढेर लगे हैं.
चरक चौराहे से हैदरगंज तक जाम की समस्या को देखते हुए करीब 3 साल पहले ढाई किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण शुरू कराया गया था. तब से अब तक काम चल रहा है. फ्लाईओवर का काम लगभग पूरा भी हो चुका है लेकिन फ्लाईओवर के ठीक नीचे सड़क के बीचोंबीच हरियाली और सौंदर्यीकरण होना था. इस जगह पर मिट्टी की भराई करके पेड़-पौधे लगाए जाने थे लेकिन यहां पर मलबा-कूड़ा से भराई हो रही है. पेड़-पौधे भी अभी तक नहीं लगाए जा सके हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार संबंधित निर्माण एजेंसी सेतु निगम के स्तर पर इसमें लापरवाही और भ्रष्टाचार हो रहा है.
स्थानीय निवासी सानू कहते हैं कि रात में कूड़ा और मलबा डाला जाता है. कोई किसी प्रकार से मना नहीं करता है और उससे दिक्कत होती है. जो मकसद था वह भी पूरा नहीं हो रहा है या ठेकेदार के स्तर पर गलती हो रही है. उसको देखना चाहिए लेकिन इस काम में लापरवाही बरती जा रही है. इसकी देखभाल करने के लिए सुरक्षा गार्ड रखने चाहिए.
एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद तारीफ कहते हैं कि काफी दिन से हम लोग देख रहे हैं और स्थिति इसी प्रकार से बनी हुई है कि यहां पर कूड़ा और मलबा डाला जाता है. यहां पर जो काम होना था वह नहीं हो रहा है. पेड़-पौधे लगाए जाने थे लेकिन वह काम नहीं हो पाया. इसके अलावा आधी सड़क बनी है और आधी सड़क नहीं बनी है. फ्लाईओवर काफी समय से बन रहा है लेकिन अभी तक इसका निर्माण नहीं हो पाया है. मिट्टी की जगह पर कूड़ा पड़ रहा है और इससे जो ग्रीन बेल्ट तैयार होनी थी वह नहीं हुआ. पूरी तरह से गड़बड़ झाला हो रहा है और कोई ठीक से काम नहीं हो रहा है.
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फ्लाईओवर का निर्माण की कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश सेतु निगम के महाप्रबंधक सुनील कुमार ने ईटीवी भारत से फोन में बातचीत की. उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. अगर लापरवाही और भ्रष्टाचार हो रहा है तो वह इसकी जांच कराएंगे. सही तरीके से सौंदर्यीकरण का काम कराया जाएगा. बेहतर ढंग से मिट्टी की भराई कराई जाएगी और अगर कहीं पर कूड़ा या मलबा से भराई की गई है या लापरवाही और भ्रष्टाचार किया जा रहा है तो इसकी जांच करा कर कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा.
नियम कहते हैं कि परियोजना पूरी होने के साथ साथ सभी प्रकार के काम पूरे किए जाएंगे, इनमें कनेक्टिंग रोड और फ्लाईओवर के नीचे ब्यूटीफिकेशन के अंतर्गत पेड़पौधे लगाने का काम होना अनिवार्य है. इसके लिए मानकों के अनुसार मिट्टी भराई होनी चाहिए लेकिन मौके पर कई जगहों पर यह मानक पूरे नहीं हो रहे हैं. वहीं, यूपी सेतु निगम के महाप्रबंधक सुनील कुमार कहते हैं कि अगर कहीं पर भी फ्लाईओवर के नीचे पेड़पौधों को लगाने में लापरवाही हुई है या हो रही है जांच कराकर कार्रवाई करेंगे.