लखनऊ: गर्भवती महिलाओं को मुफ्त अल्ट्रासाउंड जांच (Free ultrasound test for pregnant women in Lucknow) के लिए अब सरकारी ही नहीं प्राइवेट सेंटर में भी तारीख लेनी होगी. डॉक्टर की सलाह के बाद वाउचर जनरेट कराते समय महिलाओं को तारीख दी जाएगी. डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं को दुश्वारियों से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने यह व्यवस्था लागू की है.
सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की मुफ्त अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा है. ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट का संकट है. ऐसे में गर्भवती महिलाएं पैसे खर्च कर निजी सेंटर में जांच कराने को मजबूर थीं. स्वास्थ्य विभाग ने चिन्हित निजी सेंटरों में वाउचर के माध्यम से मुफ्त जांच की सुविधा शुरू की. लखनऊ में 53 निजी सेंटर में गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच की सुविधा है. जांच के बाद निजी सेंटर को स्वास्थ्य विभाग भुगतान करेगा.
मेले में गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर जांच की सलाह देते हैं. उसके बाद महिलाएं वाउचर लेकर जांच की तारीख लेनी होगी. इससे महिलाओं की भीड़ सेंटर में नहीं होगी. जांच के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह पर तय समय में जांच करानी चाहिए. यह जच्चा और बच्चे की सेहत लिए बेहतर है.
दो नर्सिंग ऑफिसर की सक्सेस स्टोरी: लखनऊ उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट (इंस्टाग्राम) पर दो नर्सिंग ऑफिसर की सफलता की कहानी पोस्ट की है. उत्तर प्रदेश कि जिन दो नर्सिंग ऑफिसर की कहानी चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट की है. उनका नाम एसजीपीजीआई की सीनियर नर्सिंग ऑफीसर सीमा शुक्ला और सेना में तैनात नर्सिंग ऑफिसर (मेजर) नेहा गुप्ता है. दरअसल, साल 2022 में 8 अक्टूबर के दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नर्सिंग तथा पैरामेडिकल छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर प्लेसमेंट दिलाने के साथ ही भविष्य में अच्छा कैरियर बन सके इसके लिए मिशन निरामया: अभियान की शुरुआत एसजीपीजीआई से की थी.
उस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन निरामया:अभियान के जरिए भविष्य की जरूरतों के मद्देनजर रखते हुए नर्सिंग एवं पैरामेडिकल प्रशिक्षण में व्यापक परिवर्तन की बात कही थी. उसी के तहत उत्तर प्रदेश का चिकित्सा शिक्षा विभाग लगातार काम कर रहा है और यही कारण है कि चिकित्सा क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले नर्सिंग जैसे सेवा कार्य को लेकर लोगों का रुझान बढ़े. साथ ही यह भी पता चल सके कि नर्सिंग के क्षेत्र में भी लगन और मेहनत के साथ कार्य करने से बुलंदियों पर पहुंचा जा सकता है. इस वजह से चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सेवा कार्य में लगी नर्सिंग ऑफिसर सीमा शुक्ला और नर्सिंग ऑफिसर (मेजर) नेहा गुप्ता की सक्सेस स्टोरी अपने सोशल मीडिया अकाउंट से प्रकाशित की है.
चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से प्रकाशित की गई सक्सेस स्टोरी को लेकर नर्सिंग ऑफिसर सीमा शुक्ला और नर्सिंग ऑफिसर (मेजर) नेहा गुप्ता ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को धन्यवाद देते हुए कहा है कि उनके माता-पिता तथा शिक्षकों के मेहनत का परिणाम है कि आज वह यहां पर है. नर्सिंग ऑफिसर सीमा शुक्ला ने कहा है कि नर्सिग एक आदर्श और सम्मानित सेवा कार्य है. इस क्षेत्र में आने वालों के लिए मन में सेवा का भाव होना बहुत ही जरूरी है. नर्सिंग ऑफिसर (मेजर) नेहा गुप्ता ने बताया है कि नर्सिंग ही ऐसा कार्य है, जिसके जरिए बीमार और जरूरतमंदों की मदद की जा सकती है.
ये भी पढ़ें- सीएम योगी को मिली जान से मारने की धमकी, मैसेज में लिखा- जल्द ही मार दूंगा