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NHM के जरिए अब लोहिया संस्थान में होगा गर्भवती महिलाओं का मुफ्त इलाज

अब लोहिया संस्थान में गर्भवती महिलाओं और नवजातों का जननी सुरक्षा योजना के तहत फ्री में उपचार होगा. जिसका भुगतान सरकार अस्पताल को करेगी.

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Published : Apr 25, 2022, 2:19 PM IST

लखनऊ: लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के ढाई साल हो गए हैं. लेकिन यहां गरीब व जरूरतमंद मरीजों के इलाज को लेकर खासा दिक्कतें पेश आ रही है. अस्पताल में पहले जहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया होती थी, वहीं अब इसके लिए उन्हें 100 रुपये के पर्चे कटाने होंगे. साथ ही उन्हें सभी सेवाओं का अलग से शुल्क भी देना होगा. लेकिन इन सब के बीच यहां गर्भवती महिलाओं और नवजातों का जननी सुरक्षा योजना के तहत फ्री में उपचार होगा. अस्पताल को इसका भुगतान एनएचएम के माध्यम से सरकार करेगी.

दरअसल, लोहिया संस्थान में एमबीबीएस की मान्यता को पास में संचालित लोहिया अस्पताल का विलय कर दिया गया था. 2019 में 467 बेडों वाले लोहिया अस्पताल के विलय के बाद भी यहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता रहा. लेकिन जब मरीज संस्थान में शिफ्ट होता था तो उससे सुपर स्पेशियलिटी के तय शुल्क लिए जाते थे. मगर, अब दोनों ही जगहों पर इलाज के लिए 100 रुपये के पर्चे लेने होंगे. साथ ही जांच व दवाओं के भी अब अलग से शुल्क लगेंगे.

इसे भी पढ़ें - फिरोजाबाद में दिखा योगी सरकार की सख्ती का असर, एक माह में 373 फरार अपराधियों को किया गया गिरफ्तार

अस्पताल की ओपीडी में हर रोज चार से पांच हजार के करीब मरीज इलाज के लिए आते हैं. यहां के मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक, ईएनटी, नेत्र रोग, नेत्रों, त्वचा रोग विभाग, मनोरोग, महिला रोग विभाग, टीबी एंड चेस्ट, रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी विभाग की सेवाएं एक रुपये के पर्चे पर फ्री में मिल रही थी. लेकिन अब यहां हर माह डेढ़ लाख मरीजों को महंगे इलाज का सामना करना होगा.

सिर्फ इमरजेंसी में आए मरीज का होगा फ्री में उपचार: चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने 22 अप्रैल को आदेश जारी किया था. इसमें दावा किया था कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा अस्पताल आने वाले अन्य सभी मरीजों का पंजीकरण व यूजर चार्जेस संस्थान के बाद रखा जाएगा.

अभी तैयार किया जा रहा प्लान: संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर के मुताबिक अस्पताल में नया नियम लागू करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. इसकी एक पूरी गाइडलाइन होगी. वहीं, गर्भवती और नवजात को फ्री में इलाज मिलेगा और इसका भुगतान एनएचएम के जरिए संस्थान को सरकार करेगी.

इन जांचों का देना होगा पैसा: सीटी स्कैन-500, घुटने का एक्स-रे-225, हेपेटाइटिस सी-250, यूरिन कल्चर- 500, सीबीसी -165, चेस्ट एक्स-रे-150, लिपिड प्रोफाइल-145 ,एलएफटी-125, केएफटी-55 ,सोडियम-35 , पोटेशियम-35 यूरिक एसिड-35, यूरिन आरएम-35.

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लखनऊ: लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय के ढाई साल हो गए हैं. लेकिन यहां गरीब व जरूरतमंद मरीजों के इलाज को लेकर खासा दिक्कतें पेश आ रही है. अस्पताल में पहले जहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया होती थी, वहीं अब इसके लिए उन्हें 100 रुपये के पर्चे कटाने होंगे. साथ ही उन्हें सभी सेवाओं का अलग से शुल्क भी देना होगा. लेकिन इन सब के बीच यहां गर्भवती महिलाओं और नवजातों का जननी सुरक्षा योजना के तहत फ्री में उपचार होगा. अस्पताल को इसका भुगतान एनएचएम के माध्यम से सरकार करेगी.

दरअसल, लोहिया संस्थान में एमबीबीएस की मान्यता को पास में संचालित लोहिया अस्पताल का विलय कर दिया गया था. 2019 में 467 बेडों वाले लोहिया अस्पताल के विलय के बाद भी यहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता रहा. लेकिन जब मरीज संस्थान में शिफ्ट होता था तो उससे सुपर स्पेशियलिटी के तय शुल्क लिए जाते थे. मगर, अब दोनों ही जगहों पर इलाज के लिए 100 रुपये के पर्चे लेने होंगे. साथ ही जांच व दवाओं के भी अब अलग से शुल्क लगेंगे.

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अस्पताल की ओपीडी में हर रोज चार से पांच हजार के करीब मरीज इलाज के लिए आते हैं. यहां के मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आर्थोपेडिक, ईएनटी, नेत्र रोग, नेत्रों, त्वचा रोग विभाग, मनोरोग, महिला रोग विभाग, टीबी एंड चेस्ट, रेडियोलॉजी व पैथोलॉजी विभाग की सेवाएं एक रुपये के पर्चे पर फ्री में मिल रही थी. लेकिन अब यहां हर माह डेढ़ लाख मरीजों को महंगे इलाज का सामना करना होगा.

सिर्फ इमरजेंसी में आए मरीज का होगा फ्री में उपचार: चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने 22 अप्रैल को आदेश जारी किया था. इसमें दावा किया था कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की चिकित्सा सुविधा पूर्व की भांति निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा अस्पताल आने वाले अन्य सभी मरीजों का पंजीकरण व यूजर चार्जेस संस्थान के बाद रखा जाएगा.

अभी तैयार किया जा रहा प्लान: संस्थान के सीएमएस डॉ. राजन भटनागर के मुताबिक अस्पताल में नया नियम लागू करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. इसकी एक पूरी गाइडलाइन होगी. वहीं, गर्भवती और नवजात को फ्री में इलाज मिलेगा और इसका भुगतान एनएचएम के जरिए संस्थान को सरकार करेगी.

इन जांचों का देना होगा पैसा: सीटी स्कैन-500, घुटने का एक्स-रे-225, हेपेटाइटिस सी-250, यूरिन कल्चर- 500, सीबीसी -165, चेस्ट एक्स-रे-150, लिपिड प्रोफाइल-145 ,एलएफटी-125, केएफटी-55 ,सोडियम-35 , पोटेशियम-35 यूरिक एसिड-35, यूरिन आरएम-35.

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