लखनऊ: राजधानी के इंदिरा नगर थाने से ठगी का मामला सामने आया है. यहां पर पीड़िता ने म्यूच्यूअल फंड कंपनी का खुद को डायरेक्टर बताते हुए ठगी करने वाले के खिलाफ रविवार को एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है. महिला ने आरोप लगाए हैं कि आरोपी ने खुद को म्यूच्यूअल बेनिफिट निधि का डायरेक्टर बताते हुए 900000 रुपये निवेश के नाम पर ले लिए. इसके बदले में उसने 5 साल में पैसा दोगुना करने का वादा किया था. इसके लिए एफिडेविट पर अनुबंध भी कराए गए हैं.
पीड़िता ने जब आरोपी से पैसा मांगा तो आरोपी ने पीड़िता को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया. साथ ही जान से मारने की भी धमकी दी. इस संबंध में पीड़िता श्वेता दास ने आरोपी आशीष कुमार सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इस मामले में इंस्पेक्टर इंदिरानगर रामफल प्रजापति ने बताया कि उक्त धोकाधड़ी का मानले संज्ञान में आया है. इंदिरानगर की रहने वाली श्वेता दास ने तहरीर दी है. मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है.
पीड़ित श्वेता दास जुगौली गोमती नगर लखनऊ की रहने वाली हैं. उसके पति डॉ. राजाराम के परिचित आशीष कुमार से उसकी मुलाकात 2019 में हुई थी. आशीष कुमार ने खुद को समाज सेवा फाउंडेशन (NGO) और समाज म्यूच्यूअल बेनिफिट निधि लिमिटेड (FD Plan) का डायरेक्टर बताया था. आरोपी ने बताया कि वह केंद्र सरकार की कई सारी एग्रो प्रोजेक्ट (RD plan) और डेली डिपॉजिट स्कीम (Daily deposite scheme) चलाता है. इसमें पैसा निवेश कराकर 2 साल से 5 साल के बीच में दोगुना करवा दिया जाता है. इसमें पैसों के वापसी की गारंटी होती है.
इसके बाद पीड़िता ने झांसे में आकर अपने रिश्तेदारों और परिचितों से 9,08000 रुपये का निवेश कराया. इसके बाद पैसों की वापसी का जब समय हुआ था तब आशीष कुमार सिंह ने 4,00,000 रुपये का एक चेक 22 अक्टूबर को श्वेता दास के परिचित शिवलाल को दिया. यह चेक बैंक से बाउंस होकर वापस आ गया. अनुबंध की समय सीमा के बाद जब सभी निवेशकों ने वापसी का चेक अपने खाते में लगाया तो वह भी बाउंस होकर वापस आ गया.
जानकरी करने पर पता चला कि आशीष कुमार सिंह ने लखनऊ समेत पूरे प्रदेश के कई जनपदों में इसी प्रकार फर्जी ढंग से योजना बनाकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है. जब इस संबंध में आशीष कुमार सिंह से संपर्क कर पैसा मांगा गया तो उसने सभी लोगों को जातिसूचक गालियां देते हुए भगा दिया. इसके बाद आशीष कार्यालय बंद कर गांव से फरार हो गया. आरोपी का फेसबुक, जीमेल, अकॉउंट, वाट्सएप, बचत और चालू खाता आज भी जारी है. पीड़िता ने इस मामले में उचित करवाई की मांग की है.
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