लखनऊ : प्रदेश सरकार इन दिनों लापरवाह व काम में कोताही बरतने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. उत्तर प्रदेश शासन ने गाजियाबाद में स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग में कार्यरत चार सब रजिस्ट्रार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. यह चारों सब रजिस्ट्रार वित्तीय अनियमितता खासकर पावर ऑफ अटॉर्नी के खेल को अंजाम दे रहे थे. शासन स्तर पर हुई गुप्त जांच के बाद चार सब रजिस्टार को निलंबित कर दिया गया है. स्टांप एवं पंजीयन विभाग की महा निरीक्षक पर शासन स्तर पर कार्रवाई किए जाने की पुष्टि की गई है.
सूत्रों का कहना है कि 'इस पूरे मामले में गाजियाबाद सदर तहसील क्षेत्र के कुछ और वरिष्ठ अधिकारियों को आने वाले कुछ दिनों में निलंबित किया जा सकता है. इसके साथ ही करीब आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों को नोटिस भी जारी की गई है. पिछले काफी समय से गाजियाबाद क्षेत्र में सब रजिस्ट्रार के स्तर पर पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से कुछ संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में तमाम तरह की वित्तीय अनियमितता देखने को मिली थीं.'
सूत्रों की मानें तो शासन स्तर पर जांच कराने के बाद चार सब रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही गाजियाबाद में स्टांप एवं रजिस्ट्री विभाग में अधिकारी और कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया है. अब इस कार्यवाही की जद में कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी आ सकते हैं. निलंबित किये गए अफसरों में सब रजिस्ट्रार प्रथम रविंद्र मेहता, द्वितीय अवनीश कुमार राय, तृतीय में सुरेश चंद मौर्य एवं पंचम में नवीन राय शामिल हैं. इसके साथ ही कई अधिकारियों को नोटिस भी जारी कर के जवाब मांगा गया है.