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चार और जिलों के डिग्री कॉलेज जुड़ने से बढ़ेगी एलयू की कमाई

लखनऊ विश्वविद्यालय के क्षेत्र में चार और जिले जुड़ने के बाद एलयू आर्थिक तौर पर मजबूत हो सकेगा. इन जिलों के कॉलेजों के जुड़ जाने से आने वाले वर्षों में प्रत्येक साल एलयू तकरीबन 75 से 100 करोड़ रुपये की धनराशि जुटा पाएगा.

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Published : Dec 11, 2020, 10:40 PM IST

बढ़ेगी एलयू की कमाई
बढ़ेगी एलयू की कमाई

लखनऊः एलयू के क्षेत्राधिकार में 4 और जिलों के डिग्री कॉलेज जुड़ने से एलयू की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो जाएगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि एलयू से 4 अन्य जिलों के डिग्री कॉलेज जुड़ने से आगामी वर्षों में प्रत्येक वर्ष एलयू लगभग 75 से 100 करोड़ रुपये की धनराशि जुटा पाएगा. आगामी समय में एलयू की कमाई बढ़ने से एलयू प्रशासन के सामने शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन का संकट दूर हो जाएगा. जनवरी 2021 तक एलयू लगभग 350 शिक्षकों की भर्ती करेगा. इसमें लगभग 165 संविदा और 180 स्थायी शिक्षकों की भर्ती होगी. इन शिक्षकों को वेतन देने के लिए प्रत्येक वर्ष एलयू को काफी धनराशि की आवश्यकता होगी. ऐसे में हाल ही में एलयू से जुड़़े कॉलेजों से होने वाली आमदनी एलयू प्रशासन के लिए मदद साबित होगी.

एलयू को पहले वर्ष होगी 25 करोड़ की कमाई

एलयू में 4 और जिलों के डिग्री कॉलेजों को जोड़ दिया गया है. इन डिग्री कॉलेजों के एलयू से जुड़ने से बाद एलयू के क्षेत्राधिकार में वृद्धि हुई है. साथ ही एलयू को इन कॉलेजों के जुड़ने से आर्थिक मदद भी मिलेगी. दरअसल पहले साल इन कॉलेजों के जुड़ने से एलयू को करीब 1 लाख विद्यार्थी मिलेंगे, जिनके परीक्षा फॉर्म भरने से एलयू को करीब 25 करोड़ की कमाई होने की संभावना है. वहीं, अगले तीन-चार सालों में यह धनराशि करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. आगामी समय में होने वाली इस कमाई से एलयू प्रशासन का वित्तीय संकट दूर होने की संभावना है.

घाटे से जूझ रहा एलयू

एलयू प्रशासन शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर प्रत्येक वर्ष लगभग 190 करोड़ रुपये खर्च करता है, जबकि विश्वविद्यालय को शासन से मात्र 55 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. इसके कारण विवि को प्रत्येक वर्ष 100 करोड़ रुपये का घाटा होता है. घाटे के कारण एलयू के विकास में काफी कठिनाई आती है. वहीं, अब एलयू से 4 और जिलों के कॉलेजों के संबद्ध होने से विवि आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेगा.

चार छात्रावासों के लिए मिले तीन करोड़ 86 लाख

प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय के चार छात्रावासों का जीर्णोद्धार करने के लिए 3 करोड़ 86 लाख 87 हजार रुपये का प्रस्ताव पास किया था. इस धनराशि में सुभाष चंद्र बोस और कैलाश छात्रावास को 1 करोड़ 12 लाख रुपये मरम्मत के लिए मिले थे. वहीं, स्वर्ण जयंती छात्रावास को 84 लाख और बीरबल साहनी छात्रावास को 59.87 लाख रुपये मिले थे.

लखनऊः एलयू के क्षेत्राधिकार में 4 और जिलों के डिग्री कॉलेज जुड़ने से एलयू की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो जाएगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि एलयू से 4 अन्य जिलों के डिग्री कॉलेज जुड़ने से आगामी वर्षों में प्रत्येक वर्ष एलयू लगभग 75 से 100 करोड़ रुपये की धनराशि जुटा पाएगा. आगामी समय में एलयू की कमाई बढ़ने से एलयू प्रशासन के सामने शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन का संकट दूर हो जाएगा. जनवरी 2021 तक एलयू लगभग 350 शिक्षकों की भर्ती करेगा. इसमें लगभग 165 संविदा और 180 स्थायी शिक्षकों की भर्ती होगी. इन शिक्षकों को वेतन देने के लिए प्रत्येक वर्ष एलयू को काफी धनराशि की आवश्यकता होगी. ऐसे में हाल ही में एलयू से जुड़़े कॉलेजों से होने वाली आमदनी एलयू प्रशासन के लिए मदद साबित होगी.

एलयू को पहले वर्ष होगी 25 करोड़ की कमाई

एलयू में 4 और जिलों के डिग्री कॉलेजों को जोड़ दिया गया है. इन डिग्री कॉलेजों के एलयू से जुड़ने से बाद एलयू के क्षेत्राधिकार में वृद्धि हुई है. साथ ही एलयू को इन कॉलेजों के जुड़ने से आर्थिक मदद भी मिलेगी. दरअसल पहले साल इन कॉलेजों के जुड़ने से एलयू को करीब 1 लाख विद्यार्थी मिलेंगे, जिनके परीक्षा फॉर्म भरने से एलयू को करीब 25 करोड़ की कमाई होने की संभावना है. वहीं, अगले तीन-चार सालों में यह धनराशि करीब 100 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. आगामी समय में होने वाली इस कमाई से एलयू प्रशासन का वित्तीय संकट दूर होने की संभावना है.

घाटे से जूझ रहा एलयू

एलयू प्रशासन शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर प्रत्येक वर्ष लगभग 190 करोड़ रुपये खर्च करता है, जबकि विश्वविद्यालय को शासन से मात्र 55 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद मिलती है. इसके कारण विवि को प्रत्येक वर्ष 100 करोड़ रुपये का घाटा होता है. घाटे के कारण एलयू के विकास में काफी कठिनाई आती है. वहीं, अब एलयू से 4 और जिलों के कॉलेजों के संबद्ध होने से विवि आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेगा.

चार छात्रावासों के लिए मिले तीन करोड़ 86 लाख

प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय के चार छात्रावासों का जीर्णोद्धार करने के लिए 3 करोड़ 86 लाख 87 हजार रुपये का प्रस्ताव पास किया था. इस धनराशि में सुभाष चंद्र बोस और कैलाश छात्रावास को 1 करोड़ 12 लाख रुपये मरम्मत के लिए मिले थे. वहीं, स्वर्ण जयंती छात्रावास को 84 लाख और बीरबल साहनी छात्रावास को 59.87 लाख रुपये मिले थे.

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