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लखनऊ में भी टुकड़ों में फेंकी गईं थीं चार लड़कियां, आज भी उनके हत्यारे बेफिक्र घूम रहे हैं, जानें क्यों

दिल्ली में श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha murder case) की परतें सात महीनें बाद खुल गईं. हत्यारा आफताब पूनावाला पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले 6 साल में चार लड़कियों की हत्या (four girls were killed in Lucknow वैसे ही हुई, जैसे दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हुई. चार लड़कियों की मौत आज भी मर्डर मिस्ट्री बनी है. लखनऊ पुलिस इतने लंबे अंतराल में अभी तक मारी गई लड़कियों की पहचान नहीं कर सकी है. हत्यारों की गिरफ्तारी तो दूर की बात है.

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Published : Nov 17, 2022, 2:52 PM IST

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लखनऊ: दिल्ली में आफताब पूनावाला ने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या की और उसके 35 टुकड़े कर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए. दिल्ली पुलिस ने हत्यारे आफताब को गिरफ्तार कर लिया और श्रद्धा की लाश के टुकड़े ढूंढ रही है. दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या का खुलासा तो हो गया लेकिन बीते 6 सालों में दिल्ली से तकरीबन 550 किलो मीटर दूर लखनऊ में 4 लड़कियों की लाश की शिनाख्त यूपी पुलिस अब तक नहीं कर सकी है. इन लड़कियों के हत्यारे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे में इन लड़कियों को मौत के बाद न ही अपनों का कंधा नसीब हुआ और न ही न्याय मिल सका. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी भी मानते हैं कि प्रयास के बावजूद ये केस आज भी अनसुलझे ही हैं.

मड़ियांव में 2 युवतियों की लाश टुकड़ों में मिली थी : करीब 6 साल पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मड़ियांव थाना अंतर्गत आईआईएम रोड पर 2 युवतियों की टुकड़ों में लाश मिली थी. महीनों तक चली जांच के बाद भी न ही उन दोनों युवतियों की शिनाख्त हो सकी थी और न ही उनके हत्यारों का पुलिस पता लगा पाई थी. 6 साल बाद इस हत्याकांड से पर्दा उठने की उम्मीद भी पालना बेईमानी सा लगता है.

2016 में क्या हुआ था : तारीख 4 दिसम्बर 2016, कड़कड़ाती ठंड में पुलिस को सूचना मिली कि मड़ियांव थाना अंतर्गत घैला चौकी के पास एक युवती की लाश दो हिस्सों में मिली है. आनन-फानन में लाव लश्कर के साथ एसएसपी लखनऊ मौके पर पहुंच गए. पुलिस छानबीन कर ही रही थी, तभी एक सिपाही को एक और युवती की लाश दिखी, वह भी दो हिस्सों में बंटी थी. दोनों शवों के सिर गायब थे और उनके हाथ बंधे हुए थे. दोनों ही लाश के पैर अलग-अलग जगह पड़े हुए थे. पुलिस की टीम ने युवतियों के सिर ढूंढने का खूब प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिल सकी. पोस्टमार्टम में सामने आया की इसमें एक युवती की उम्र 25 साल और दूसरी की 30 साल हो सकती है. लखनऊ पुलिस ने उन्नाव, हरदोई, सीतापुर और बाराबंकी समेत आसपास जिलों में दोनो ही युवतियों के सिर ढूंढने का काफी प्रयास किया, मगर सफलता नहीं मिली. आज भी इस केस की फ़ाइल धूल खा रही है.

four girls were killed in Lucknow
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जेसीपी का कहना है कि कुछ केस होते है जो नहीं खुल पाते हैं
2019 में भी मिला था सूटकेस में शव : मड़ियांव केस के तीन साल बाद 2019 में लखनऊ पुलिस के सामने एक बार फिर ऐसा ही परेशान करने वाला केस सामने आया था. साल 2019 में गोसाईगंज थाना (अब सुशांत गोल्फ सिटी ) के अंतर्गत शहीद पथ के पास एक सूटकेस में लड़की की लाश मिली थी. गोसाईगंज पुलिस ने शव को नियमानुसार 72 घंटे तक रखा ताकि उस लाश की पहचान हो सके. जब शव की पहचान नहीं हुई तो पोस्टमॉर्टम कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. चरवाहों को पहले दिखी थी लाश : तारीख 21 जनवरी 2019, अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास शहीद पथ के किनारे जंगल में एक सूटकेस को देखकर मवेशी चरवाहे रुक गए. चरवाहों ने जब उस लावरिस सूटकेस को खोल कर देखा तो उसमें युवती की लाश मिली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने सूटकेस खोलकर देखा तो उसमें एक युवती की लाश ठूंसकर भरी गई थी. युवती ने गहरे भूरे रंग का स्वेटर, नारंगी रंग की सलवार और पायल पहने थे. युवती के हाथ की सभी उंगलियों को इस मंसूबे के साथ जला दिया गया था कि उसकी बायोमीट्रिक से भी पहचान न की जा सके. हत्यारे ने उसके चेहरे को भी जलाने की कोशिश की थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में युवती की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी. पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया था मारी गई युवती की उम्र 25 से 28 वर्ष हो सकती है. उसके शरीर के कई हिस्सों जैसे चेहरा और पेट को सिगरेट से जलाया गया था. महीनों तक पुलिस महिला की पहचान करने के लिए जद्दोजहद करती रही, लेकिन सफलता नही मिली. आज 3 साल बीतने के बाद न ही लाश की पहचान हो सकी और न ही उसके हत्यारों को पुलिस पकड़ ही पाई है. लखनऊ में श्रद्धा जैसी हत्याओं की सिलसिला थमा नहीं : 21 मार्च 2022 को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में डंपिंग यार्ड में एक महिला का जला हुआ शव मिला था. लाश पूरी तरह जल चुकी थी. शव के हाथों में चूड़ी व पैर में पायल देख ये अंदाजा लग गया था कि शव युवती का है. पुलिस ने शव को 72 घंटे रखने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. जिसमे पता चला था कि महिला को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया गया था और बाद में उसे गला दबा कर मार दिया गया. इस केस में पुलिस ने फोरेंसिक जांच की, मौके का मुआयना किया व सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन उसे यह भी पता नहीं चल सका कि लड़की को कहां मारा गया और कहां जलाया गया था. फिलहाल पुलिस तमाम दांवपेच मार कर परेशान हो चुकी है. अब तक पुलिस को हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है. सूत्रों के अनुसार, इस केस में भी पुलिस के हाथ एक भी सबूत नहीं लग सका है. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने कहा कि देश के हर राज्य में पुलिस कोशिश करती है कि हर अपराध का खुलासा किया जाए, लेकिन कुछ केस होते है जो नहीं खुल पाते हैं. फिर भी हमारी पुलिस प्रयास कर रही है कि इन अनसुलझे केस को सुलझाया जाए, ताकि बेटियों के साथ ऐसा कृत्य करने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके.

पढ़ें : Shraddha Murder Case: आफताब के नार्को टेस्ट से खुलेंगे कई राज, साकेत कोर्ट में पुलिस ने दिया आवेदन

लखनऊ: दिल्ली में आफताब पूनावाला ने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या की और उसके 35 टुकड़े कर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए. दिल्ली पुलिस ने हत्यारे आफताब को गिरफ्तार कर लिया और श्रद्धा की लाश के टुकड़े ढूंढ रही है. दिल्ली में श्रद्धा वाकर की हत्या का खुलासा तो हो गया लेकिन बीते 6 सालों में दिल्ली से तकरीबन 550 किलो मीटर दूर लखनऊ में 4 लड़कियों की लाश की शिनाख्त यूपी पुलिस अब तक नहीं कर सकी है. इन लड़कियों के हत्यारे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे में इन लड़कियों को मौत के बाद न ही अपनों का कंधा नसीब हुआ और न ही न्याय मिल सका. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी भी मानते हैं कि प्रयास के बावजूद ये केस आज भी अनसुलझे ही हैं.

मड़ियांव में 2 युवतियों की लाश टुकड़ों में मिली थी : करीब 6 साल पहले उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मड़ियांव थाना अंतर्गत आईआईएम रोड पर 2 युवतियों की टुकड़ों में लाश मिली थी. महीनों तक चली जांच के बाद भी न ही उन दोनों युवतियों की शिनाख्त हो सकी थी और न ही उनके हत्यारों का पुलिस पता लगा पाई थी. 6 साल बाद इस हत्याकांड से पर्दा उठने की उम्मीद भी पालना बेईमानी सा लगता है.

2016 में क्या हुआ था : तारीख 4 दिसम्बर 2016, कड़कड़ाती ठंड में पुलिस को सूचना मिली कि मड़ियांव थाना अंतर्गत घैला चौकी के पास एक युवती की लाश दो हिस्सों में मिली है. आनन-फानन में लाव लश्कर के साथ एसएसपी लखनऊ मौके पर पहुंच गए. पुलिस छानबीन कर ही रही थी, तभी एक सिपाही को एक और युवती की लाश दिखी, वह भी दो हिस्सों में बंटी थी. दोनों शवों के सिर गायब थे और उनके हाथ बंधे हुए थे. दोनों ही लाश के पैर अलग-अलग जगह पड़े हुए थे. पुलिस की टीम ने युवतियों के सिर ढूंढने का खूब प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिल सकी. पोस्टमार्टम में सामने आया की इसमें एक युवती की उम्र 25 साल और दूसरी की 30 साल हो सकती है. लखनऊ पुलिस ने उन्नाव, हरदोई, सीतापुर और बाराबंकी समेत आसपास जिलों में दोनो ही युवतियों के सिर ढूंढने का काफी प्रयास किया, मगर सफलता नहीं मिली. आज भी इस केस की फ़ाइल धूल खा रही है.

four girls were killed in Lucknow
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जेसीपी का कहना है कि कुछ केस होते है जो नहीं खुल पाते हैं
2019 में भी मिला था सूटकेस में शव : मड़ियांव केस के तीन साल बाद 2019 में लखनऊ पुलिस के सामने एक बार फिर ऐसा ही परेशान करने वाला केस सामने आया था. साल 2019 में गोसाईगंज थाना (अब सुशांत गोल्फ सिटी ) के अंतर्गत शहीद पथ के पास एक सूटकेस में लड़की की लाश मिली थी. गोसाईगंज पुलिस ने शव को नियमानुसार 72 घंटे तक रखा ताकि उस लाश की पहचान हो सके. जब शव की पहचान नहीं हुई तो पोस्टमॉर्टम कर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. चरवाहों को पहले दिखी थी लाश : तारीख 21 जनवरी 2019, अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास शहीद पथ के किनारे जंगल में एक सूटकेस को देखकर मवेशी चरवाहे रुक गए. चरवाहों ने जब उस लावरिस सूटकेस को खोल कर देखा तो उसमें युवती की लाश मिली. सूचना पर पहुंची पुलिस ने सूटकेस खोलकर देखा तो उसमें एक युवती की लाश ठूंसकर भरी गई थी. युवती ने गहरे भूरे रंग का स्वेटर, नारंगी रंग की सलवार और पायल पहने थे. युवती के हाथ की सभी उंगलियों को इस मंसूबे के साथ जला दिया गया था कि उसकी बायोमीट्रिक से भी पहचान न की जा सके. हत्यारे ने उसके चेहरे को भी जलाने की कोशिश की थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में युवती की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई थी. पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया था मारी गई युवती की उम्र 25 से 28 वर्ष हो सकती है. उसके शरीर के कई हिस्सों जैसे चेहरा और पेट को सिगरेट से जलाया गया था. महीनों तक पुलिस महिला की पहचान करने के लिए जद्दोजहद करती रही, लेकिन सफलता नही मिली. आज 3 साल बीतने के बाद न ही लाश की पहचान हो सकी और न ही उसके हत्यारों को पुलिस पकड़ ही पाई है. लखनऊ में श्रद्धा जैसी हत्याओं की सिलसिला थमा नहीं : 21 मार्च 2022 को लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में डंपिंग यार्ड में एक महिला का जला हुआ शव मिला था. लाश पूरी तरह जल चुकी थी. शव के हाथों में चूड़ी व पैर में पायल देख ये अंदाजा लग गया था कि शव युवती का है. पुलिस ने शव को 72 घंटे रखने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. जिसमे पता चला था कि महिला को नशीला पदार्थ देकर बेहोश किया गया था और बाद में उसे गला दबा कर मार दिया गया. इस केस में पुलिस ने फोरेंसिक जांच की, मौके का मुआयना किया व सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन उसे यह भी पता नहीं चल सका कि लड़की को कहां मारा गया और कहां जलाया गया था. फिलहाल पुलिस तमाम दांवपेच मार कर परेशान हो चुकी है. अब तक पुलिस को हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है. सूत्रों के अनुसार, इस केस में भी पुलिस के हाथ एक भी सबूत नहीं लग सका है. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने कहा कि देश के हर राज्य में पुलिस कोशिश करती है कि हर अपराध का खुलासा किया जाए, लेकिन कुछ केस होते है जो नहीं खुल पाते हैं. फिर भी हमारी पुलिस प्रयास कर रही है कि इन अनसुलझे केस को सुलझाया जाए, ताकि बेटियों के साथ ऐसा कृत्य करने वालों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके.

पढ़ें : Shraddha Murder Case: आफताब के नार्को टेस्ट से खुलेंगे कई राज, साकेत कोर्ट में पुलिस ने दिया आवेदन

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