लखनऊ : राजधानी में बना लखनऊ प्राणि उद्यान(चिड़ियाघर) यूपी का सबसे पुराना चिड़ियाघर है. इसकी स्थानपना 29 नवंबर 1921 को तत्कालीन अंग्रेजी गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर ने की थी. लखनऊ जू 29 नवंबर 2021 को अपना सताब्दी वर्ष मनाएगा. लखनऊ जू की स्थापना अंग्रेजी गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर ने प्रिंस वाल्स के आगमन के स्वागत के लिए की थी. तब से अब तक लखनऊ जू में अनेक जानवरों को पनाह मिली है. जू के स्थापना दिवस पर इजराइल से जेब्रा लाया जा रहा है. लखनऊ जू में आने वाले इस इजराइली मेहमान का सैलानी जल्द ही दीदार कर सकेंगे.
लखनऊ जू की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर जू के डायरेक्टर आरके सिंह ने खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जू के 100 वर्ष पूरे होने में यहां के कर्मचारियों का पूरा सहयोग रहा है. उन्होंने कहा कि बेहद खुशी के साथ हम चिड़ियाघर का 10वां स्थापना दिवस मना रहे हैं. चिड़ियाघर में इन 100 सालों में कुछ बदलाव हुए हैं.
इन बदलावों को वही इंसान बता सकते हैं जिन्होंने स्थापना के उस दौर में चिड़ियाघर का विजिट किया हो. चिड़ियाघर में 14 नवंबर 1969 में ट्रेन से घूमने का सफर चालू हुआ था. इसके बाद वर्ष 2014 में चिड़ियाघर घूमने के लिए एक नई ट्रेन लगाई गई. लखनऊ जू को ग्लोबल स्तर पर मई 2021 में वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वेरियम के लिए मेंबरशिप हांसिल हुई थी.
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जू के डायरेक्टर आरके सिंह ने बताया स्थापना दिवस के अवसर पर 15 नवंबर से 29 नवंबर तक कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इन कार्यक्रमों में बच्चों के लिए कई प्रकार की प्रतियोगिता कराई जा रही है. जिसमें स्लोगन आर्ट, डांस, खेल-कूद, क्विज प्रतियोगिता आदि शामिल हैं. आगामी 29 नवंबर को जू का सताब्दी दिवस मनाया जाएगा. जू के सताब्दी वर्ष समारोह में मुख्य अतिथि की भूमिका में सीएम योगी को आमंत्रित किया गया है.
ईटीवी भारत की टीम ने लखनऊ जू में आ रहे सैलानियों से उनके अनुभव जानने का प्रयास किया. बातचीत के दौरान जू में आए सैलानियों ने बताया कि लखनऊ जू में घूमने का उनका अनुभव सुखद रहा. प्रयागराज जिले से आए एक सैलानी ने बताया कि वह पहले भी यहां आ चुके हैं. उन्हें लखनऊ जू काफी पसंद है. वहीं जू की सैर करने आए कुछ बच्चों ने भी अपना अनुभव साझा किया. जू घूम रहे बच्चे काफी उत्साहित दिखे.