लखनऊ. केंद्र व उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) को अलविदा कहने वाले पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष हेमंत चौधरी ने पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल (Hemant Chaudhary accused Anupriya Patel) पर रिजर्व सीटों पर खेल करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है. आरोप के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष सिर्फ इसलिये ही आधी सीटें रिजर्व की मांग करती हैं, जिससे उसमें कुर्मी नेता दावेदारी न ठोक सके और उस सीट को बेच सकें. इससे पहले उन्होंने कहा था कि अनुप्रिया पटेल के पैर छूने के लिए नेताओं को एक लाख रुपए की रसीद कटवानी पड़ती है.
अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के भरोसेमंद नेता रहे व पार्टी के युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हेमंत चौधरी ने दावा किया है कि सीटों के बंटवारे में अनुप्रिया पटेल हर चुनाव में आरक्षित सीटों पर ज्यादा केंद्रित रहती हैं. उसके पीछे पार्टी का 'रिजर्व खेल' खेलना मकसद होता है. हेमंत के मुताबिक, साल 2022 के विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल ने अपना दल (s) के कोटे में 17 सीटों की मांग की थी इसमें उनका सबसे ज्यादा जोर रिजर्व सीटों पर था और उन्होंने आधी रिजर्व सीटों की मांग की थी. इस चुनाव में 7 रिजर्व सीटें मिली थीं और इन्हीं सीटों के टिकटों को बेचा गया था.
हेमंत के मुताबिक, अपना दल (s) दावा करती है कि कुर्मी समाज उनके साथ जुड़ा हुआ है और इसी कुर्मी समाज को धोखा देने के लिये पार्टी अध्यक्ष बीजेपी से रिजर्व सीटों की मांग करती है. जिससे कुर्मी समाज का नेता इन सीटों पर दावेदारी ठोक नहीं पाता है और बिना किसी विवाद के आसानी से टिकटों को बेचा जाता है. उनके मुताबिक, प्रयागराज की बारा सीट से वाचस्पति ने जिस दिन पार्टी ज्वाइन की उसी दिन उन्हें टिकट दे दिया गया. इसी तरह सपा छोड़कर आईं रश्मि आर्या को पार्टी की सदस्यता लेते ही मऊरानीपुर व बसपा छोड़ अपना दल गईं सरोज कुरील को घाटमपुर से टिकट दे दिया गया था. इससे पहले हेमंत चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष पटेल को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि पूर्व के चुनावों में पार्टी ने करोड़ों रुपए में टिकट को बेचा और अपने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया. हालात अब पार्टी के ऐसे हो गए हैं कि अनुप्रिया पटेल का पैर छूने के लिए भी नए कार्यकर्ता को एक लाख रुपये तो पुराने कार्यकर्ताओं को 26 हजार की रसीद कटवानी पड़ती है.
पार्टी ने दी सफाई : हेमंत चौधरी के सनसनीखेज आरोपों पर सफाई देने के लिये अपना दल (s) ने किसान परिवार से आने वाले विश्वनाथगंज से विधायक जीत लाल पटेल को आगे किया. जीत लाल ने कहा कि हेमंत चौधरी को 6 महीने बाद यह याद आ रहा है, इससे पहले वह कहां थे. उन्होंने कहा कि जब से अपना दल (s) राज्य की तीसरे नंबर की पार्टी बनी है तभी से कई लोगों को पीड़ा हो रही है. तमाम प्रकार की साजिश रची जा रही है कि अपना दल को कैसे डाउन किया जाए. इन्हें शर्म आनी चाहिए कि आज तक जो भी पद उन्हें मिला है वह अपना दल की बदौलत ही मिला है. अगर वो भी निष्ठा से काम करते तो जैसे हमें टिकट मिला वैसे ही उनको भी मिलता.
आरोप लगते ही लखनऊ पहुंचीं अनुप्रिया पटेल : अपना दल (s) पर टिकटों को बेचने का आरोप लगते ही पार्टी में हड़कंप मच गया. पार्टी अध्यक्ष व केंद्र में मंत्री अनुप्रिया पटेल आनन-फानन में लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पहुंच गई हैं. पति व योगी सरकार में मंत्री आशीष पटेल व विधायकों के साथ हाई लेवल बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की.
सांसद लगा चुके हैं गंभीर आरोप : इससे पहले अनुप्रिया पटेल के केंद्र में मंत्री बनते ही तत्कालीन अपना दल (s) के सांसद कुंवर हरिबंस सिंह ने अपनी ही अध्यक्ष पर हमला करते हुए कहा था कि अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल की पीठ पर छूरा मारा है. उन्होंने मोदी सरकार में मंत्री बनने की सूचना अपनी मां तक को नहीं दी थी.
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अपना दल (एस) के प्रवक्ता के मुताबिक, पार्टी किसी भी एक विशेष जाति वर्ग को ही साथ लेकर नहीं चल सकती है. अपना दल (एस) कुर्मी समाज के साथ-साथ दलित समाज के लोगों को उम्मीदवार बनाकर उन्हें विधानसभा पहुंचाती है. उन्होंने कहा कि आज हमारी पार्टी के विधायक दल के नेता रामनिवास वर्मा के पिता की बहराइच में तेरहवीं थी, उसी में शामिल होने के लिए अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल लखनऊ आयी थीं और सदस्यता अभियान की समीक्षा बैठक की थी.
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