ETV Bharat / state

बॉलीवुड अभिनेता से पराजित होने के बाद इस पूर्व सीएम ने लिया था सियासत से संन्यास - हेमवती नंदन बहुगुणा

दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे इस कांग्रेस के 'चाणक्य' के मित्रों से अधिक शत्रु थे. बावजूद इसके उनकी गिनती सूबे के ताकतवर नेताओं में होती थी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former Prime Minister Indira Gandhi) से भी उनकी नाराजगी थी. लेकिन एक वक्त ऐसा आया, जब उन्होंने कांग्रेस से सभी रिश्ते तोड़ लिए. हालांकि, उन्हें आगे चलकर इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा और एक बॉलीवुड अभिनेता से पराजित हो गए.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा
author img

By

Published : Jan 8, 2022, 9:51 AM IST

हैदराबाद: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) सिर पर है और तैयारियों का आलम यह है कि चुनाव पर कोरोना और ओमीक्रोन का संकट (Omicron Crisis) मंडरा रहा है. अचानक से प्रदेश व देश में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इस भयावहता के बीच भी सूबे की सभी पार्टियां चाहती हैं कि चुनाव निर्धारित समय पर ही हो. ऐसे में सभी को चुनाव आयोग के निर्देशों का इंतजार है. खैर, चुनावी मौसम में सियासी चर्चाएं और किस्से आम होते हैं. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे सूबे के उस पूर्व मुख्यमंत्री की, जो एक बॉलीवुड अभिनेत्री से पराजित हो गया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की. आज के उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के बुधाणी गांव में 25 अप्रैल, 1919 को हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म हुआ था. वो पढ़ाई के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय आए थे, जहां वो छात्र सियासत में सक्रिय हो गए. भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती के विरोध से ब्रिटिश सरकार इतनी परेशान हो गई थी कि उसने हेमवती को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर पांच हजार का इनाम रखा था.

वहीं, छात्र सियासत के दौरान ही हेमवती नंदन, लाल बहादुर शास्त्री के संपर्क में आए और कांग्रेस में शामिल हुए. इस दौरान अपने मेहनत के बल पर लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए. यूपी कांग्रेस कमिटी के सदस्य बने और इस बीच संसदीय सचिव चुने गए. श्रम व उद्योग विभाग के उपमंत्री बने और फिर 1963 से 1969 तक यूपी कांग्रेस महासचिव के पद पर रहे. आगे चलकर अखिल भारतीय कांग्रेस के महामंत्री भी बनें. आहिस्ते-आहिस्ते उनका यूपी की सियासत में मजबूत पकड़ होने से कांग्रेस के लिए भी उनकी अनदेखी आसान नहीं थी.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा

इसे भी पढ़ें - जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को पहला, राजस्थान को दूसरा स्थान मिला

इधर, साल 1969 में कांग्रेस दो हिस्सों में टूट गई. लेकिन इस दौरान कमलापति त्रिपाठी और हेमवती नंदन बहुगुणा, इंदिरा गांधी के साथ बने रहे. इस वक्त बहुगुणा का भाग्य तेज गति से काम कर रहा था. उस वक्त के यूपी के मुख्यमंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह सीएम रहते हुए उपचुनाव हार गए थे. कमलापति त्रिपाठी को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया गया. लेकिन पीएसी विद्रोह और भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. अब नए चेहरे की तलाश शुरू हुई. हेमवती नंदन 1971 में पहली बार सांसद बने थे. इंदिरा को उस समय यूपी में मुख्यमंत्री की तलाश थी, फिर क्या था कमलापति त्रिपाठी की सहमति से हेमवती को सूबे का सीएम बना दिया गया. बहुगुणा पहली बार 8 नवम्बर, 1973 से 4 मार्च, 1974 और दूसरी बार 5 मार्च, 1974 से 29 नवम्बर, 1975 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे थे.

बॉलीवुड अभिनेत्री अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड अभिनेत्री अमिताभ बच्चन

1984 में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र पर पूरे देश की निगाह थी. क्योंकि इस चुनाव में बहुगुणा के सामने उस समय के बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन थे. वहीं, इस चुनाव में बहुगुणा को अमिताभ बच्चन ने एक लाख 87 हजार वोट से हरा दिया था. बहुगुणा ने इसकी कभी कल्पना तक नहीं की थी और उन्हें बड़ा धक्का लगा. उस समय वो कांग्रेस छोड़कर लोकदल में आ गए थे. इस हार के बाद बहुगुणा ने सियासत से संन्यास ले लिया था, पर कांग्रेस से उनका दिल खट्टा हो गया था. 17 मार्च, 1989 को हेमवती नंदन बहुगुणा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. हेमवती नंदन बहुगुणा की दूसरी पत्नी कमला बहुगुणा से उनके दो बेटे और एक बेटी हुई. पहले बेटे विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं तो बेटी रीता बहुगुणा जोशी अब भाजपा में हैं और सांसद हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

हैदराबाद: यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) सिर पर है और तैयारियों का आलम यह है कि चुनाव पर कोरोना और ओमीक्रोन का संकट (Omicron Crisis) मंडरा रहा है. अचानक से प्रदेश व देश में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इस भयावहता के बीच भी सूबे की सभी पार्टियां चाहती हैं कि चुनाव निर्धारित समय पर ही हो. ऐसे में सभी को चुनाव आयोग के निर्देशों का इंतजार है. खैर, चुनावी मौसम में सियासी चर्चाएं और किस्से आम होते हैं. इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे सूबे के उस पूर्व मुख्यमंत्री की, जो एक बॉलीवुड अभिनेत्री से पराजित हो गया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की. आज के उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के बुधाणी गांव में 25 अप्रैल, 1919 को हेमवती नंदन बहुगुणा का जन्म हुआ था. वो पढ़ाई के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय आए थे, जहां वो छात्र सियासत में सक्रिय हो गए. भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती के विरोध से ब्रिटिश सरकार इतनी परेशान हो गई थी कि उसने हेमवती को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर पांच हजार का इनाम रखा था.

वहीं, छात्र सियासत के दौरान ही हेमवती नंदन, लाल बहादुर शास्त्री के संपर्क में आए और कांग्रेस में शामिल हुए. इस दौरान अपने मेहनत के बल पर लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते गए. यूपी कांग्रेस कमिटी के सदस्य बने और इस बीच संसदीय सचिव चुने गए. श्रम व उद्योग विभाग के उपमंत्री बने और फिर 1963 से 1969 तक यूपी कांग्रेस महासचिव के पद पर रहे. आगे चलकर अखिल भारतीय कांग्रेस के महामंत्री भी बनें. आहिस्ते-आहिस्ते उनका यूपी की सियासत में मजबूत पकड़ होने से कांग्रेस के लिए भी उनकी अनदेखी आसान नहीं थी.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा
पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा

इसे भी पढ़ें - जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को पहला, राजस्थान को दूसरा स्थान मिला

इधर, साल 1969 में कांग्रेस दो हिस्सों में टूट गई. लेकिन इस दौरान कमलापति त्रिपाठी और हेमवती नंदन बहुगुणा, इंदिरा गांधी के साथ बने रहे. इस वक्त बहुगुणा का भाग्य तेज गति से काम कर रहा था. उस वक्त के यूपी के मुख्यमंत्री त्रिभुवन नारायण सिंह सीएम रहते हुए उपचुनाव हार गए थे. कमलापति त्रिपाठी को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया गया. लेकिन पीएसी विद्रोह और भ्रष्टाचार के आरोप में उन्हें पद छोड़ना पड़ा. अब नए चेहरे की तलाश शुरू हुई. हेमवती नंदन 1971 में पहली बार सांसद बने थे. इंदिरा को उस समय यूपी में मुख्यमंत्री की तलाश थी, फिर क्या था कमलापति त्रिपाठी की सहमति से हेमवती को सूबे का सीएम बना दिया गया. बहुगुणा पहली बार 8 नवम्बर, 1973 से 4 मार्च, 1974 और दूसरी बार 5 मार्च, 1974 से 29 नवम्बर, 1975 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे थे.

बॉलीवुड अभिनेत्री अमिताभ बच्चन
बॉलीवुड अभिनेत्री अमिताभ बच्चन

1984 में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र पर पूरे देश की निगाह थी. क्योंकि इस चुनाव में बहुगुणा के सामने उस समय के बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन थे. वहीं, इस चुनाव में बहुगुणा को अमिताभ बच्चन ने एक लाख 87 हजार वोट से हरा दिया था. बहुगुणा ने इसकी कभी कल्पना तक नहीं की थी और उन्हें बड़ा धक्का लगा. उस समय वो कांग्रेस छोड़कर लोकदल में आ गए थे. इस हार के बाद बहुगुणा ने सियासत से संन्यास ले लिया था, पर कांग्रेस से उनका दिल खट्टा हो गया था. 17 मार्च, 1989 को हेमवती नंदन बहुगुणा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. हेमवती नंदन बहुगुणा की दूसरी पत्नी कमला बहुगुणा से उनके दो बेटे और एक बेटी हुई. पहले बेटे विजय बहुगुणा उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं तो बेटी रीता बहुगुणा जोशी अब भाजपा में हैं और सांसद हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.