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विधानसभा उपचुनाव: इस सीट पर BJP की राह में रोड़ा बनेंगे बाहुबली धनंजय सिंह

यूपी में 7 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहा है. इन्हीं में एक है जौनपुर की मल्हनी सीट. सपा नेता कद्दावार नेता और पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव के निधन के बाद खाली हुई इस सीट को जीतने को जीतने के लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है. लेकिन, बाहुबली धनंजय सिंह के मैदान में उतरने के बाद बीजेपी का गणित बिगड़ गया है.

dhananjay singh
बीजेपी ऑफिस में धनंजय सिंह
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Published : Oct 16, 2020, 10:16 PM IST

लखनऊ: प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन का कार्य खत्म हो चुका है. मैदान में उतरे सभी प्रत्याशी अब अपना दमखम दिखा रहे हैं. जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें से जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी अहम है. यहां पर बाहुबली नेता धनंजय सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं, जिन्होंने कई अन्य उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. धनंजय सिंह के मैदान में आने के बाद इस सीट पर सबसे ज्यादा मुश्किल यूपी में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की बढ़ी है. बाहुबली धनंजय सिंह इस सीट पर बीजेपी की राह में रोड़ा बन सकते हैं.

देंखे रिपोर्ट
भाजपा के परंपरागत वोटरों में लग सकती है सेंध


धनंजय सिंह के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ हो चुका है. धनंजय सिंह की उम्मीदवारी भाजपा के परंपरागत सवर्ण वोट बैंक में बड़ी सेंध लग सकती है. जिसके चलते यहां से भाजपा प्रत्याशी मनोज सिंह के लिए चुनौतियां अब बड़ी हो गई हैं.


सपा उम्मीदवार को मिल सकता है सहानुभूति का फायदा
सपा के वरिष्ठ नेता पारसनाथ यादव के निधन से खाली हुई इस सीट पर सपा ने उनके बेटे लकी यादव को चुनाव मैदान में उतारा है. यादव बहुल इस सीट पर लकी यादव की दावेदारी सबसे मजबूत भी दिखाई दे रही है. इसके पीछे का एक बड़ा कारण पिता की मौत के बाद चुनाव मैदान में उतरे लकी यादव के प्रति मतदाताओं की सहानुभूति भी है.


दिलचस्प होगा चुनावी मुकाबला
जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है. इस सीट पर जहां सपा से लकी यादव चुनाव लड़ रहे हैं वहीं भाजपा ने मनोज सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन चुनाव का समीकरण धनंजय सिंह की दावेदारी से बिगड़ रहा है.


2017 में भाजपा की हार का कारण बने थे धनंजय सिंह
2017 के विधानसभा चुनाव में भी धनंजय सिंह मल्हनी सीट से मैदान में थे. उस समय धनंजय सिंह को करीब 47000 वोट मिले थे. जो भाजपा की हार का बड़ा कारण माना गया. वहीं इस बार फिर वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए हैं. ऐसे में उनकी दावेदारी से भाजपा के सवर्ण वोट बैंक में सबसे ज्यादा सेंध वही लगाएंगे, क्योंकि बाहुबली धनंजय सिंह के पास एक मजबूत वोट बैंक भी है जो समाज के हर वर्ग से हैं. वह जौनपुर से सांसद भी रहे हैं. ऐसे में उनका प्रभाव कई क्षेत्रों में नजर आता है. खास बात यह भी है कि भले ही धनंजय सिंह खुद चुनाव न जीत पाएं, लेकिन भाजपा के परंपरागत वोट में सेंध लगाकर भाजपा उम्मीदवार की राह में रोड़ा जरूर बन सकते हैं. इससे दूसरे दल के किसी उम्मीदवार की जीत भी हो सकती है.


इन दलों के ये हैं प्रत्याशी
इस बार मल्हनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मनोज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है तो समाजवादी पार्टी ने दिवंगत पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव को टिकट दिया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से जय प्रकाश दुबे को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस पार्टी ने यहां से राकेश मिश्रा को उम्मीदवार घोषित किया है.

लखनऊ: प्रदेश की 7 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन का कार्य खत्म हो चुका है. मैदान में उतरे सभी प्रत्याशी अब अपना दमखम दिखा रहे हैं. जिन 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें से जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर मुकाबला काफी अहम है. यहां पर बाहुबली नेता धनंजय सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं, जिन्होंने कई अन्य उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. धनंजय सिंह के मैदान में आने के बाद इस सीट पर सबसे ज्यादा मुश्किल यूपी में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की बढ़ी है. बाहुबली धनंजय सिंह इस सीट पर बीजेपी की राह में रोड़ा बन सकते हैं.

देंखे रिपोर्ट
भाजपा के परंपरागत वोटरों में लग सकती है सेंध


धनंजय सिंह के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने से राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ हो चुका है. धनंजय सिंह की उम्मीदवारी भाजपा के परंपरागत सवर्ण वोट बैंक में बड़ी सेंध लग सकती है. जिसके चलते यहां से भाजपा प्रत्याशी मनोज सिंह के लिए चुनौतियां अब बड़ी हो गई हैं.


सपा उम्मीदवार को मिल सकता है सहानुभूति का फायदा
सपा के वरिष्ठ नेता पारसनाथ यादव के निधन से खाली हुई इस सीट पर सपा ने उनके बेटे लकी यादव को चुनाव मैदान में उतारा है. यादव बहुल इस सीट पर लकी यादव की दावेदारी सबसे मजबूत भी दिखाई दे रही है. इसके पीछे का एक बड़ा कारण पिता की मौत के बाद चुनाव मैदान में उतरे लकी यादव के प्रति मतदाताओं की सहानुभूति भी है.


दिलचस्प होगा चुनावी मुकाबला
जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है. इस सीट पर जहां सपा से लकी यादव चुनाव लड़ रहे हैं वहीं भाजपा ने मनोज सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. लेकिन चुनाव का समीकरण धनंजय सिंह की दावेदारी से बिगड़ रहा है.


2017 में भाजपा की हार का कारण बने थे धनंजय सिंह
2017 के विधानसभा चुनाव में भी धनंजय सिंह मल्हनी सीट से मैदान में थे. उस समय धनंजय सिंह को करीब 47000 वोट मिले थे. जो भाजपा की हार का बड़ा कारण माना गया. वहीं इस बार फिर वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए हैं. ऐसे में उनकी दावेदारी से भाजपा के सवर्ण वोट बैंक में सबसे ज्यादा सेंध वही लगाएंगे, क्योंकि बाहुबली धनंजय सिंह के पास एक मजबूत वोट बैंक भी है जो समाज के हर वर्ग से हैं. वह जौनपुर से सांसद भी रहे हैं. ऐसे में उनका प्रभाव कई क्षेत्रों में नजर आता है. खास बात यह भी है कि भले ही धनंजय सिंह खुद चुनाव न जीत पाएं, लेकिन भाजपा के परंपरागत वोट में सेंध लगाकर भाजपा उम्मीदवार की राह में रोड़ा जरूर बन सकते हैं. इससे दूसरे दल के किसी उम्मीदवार की जीत भी हो सकती है.


इन दलों के ये हैं प्रत्याशी
इस बार मल्हनी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मनोज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है तो समाजवादी पार्टी ने दिवंगत पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव को टिकट दिया है. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट से जय प्रकाश दुबे को चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस पार्टी ने यहां से राकेश मिश्रा को उम्मीदवार घोषित किया है.

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