लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं की घर वापसी भी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी से रूठकर दूसरी पार्टियों में गए नेता अब वापस अपनी पार्टी की तरफ रुख करने लगे हैं. समाजवादी पार्टी से नाराज होकर बहुजन समाज पार्टी में गए वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में घर वापसी हो गई. शनिवार को बाहुबली मुख्तार अंसारी के सबसे बड़े भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने अपने समर्थकों के साथ सपा की सदस्यता ली. एक दशक बाद उनकी फिर से अपनी पुरानी पार्टी में वापसी हुई है. उनके बहाने समाजवादी पार्टी में एक बार फिर अंसारी परिवार की एंट्री हो गई है. हालांकि अखिलेश यादव ने उनकी जॉइनिंग मंच पर न कराकर अपने कार्यालय में गुपचुप तरीके से कराई.
अंबिका की बसपा से सपा में हुई वापसी
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे अंबिका चौधरी कुछ साल पहले बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे. साल 2017 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर ही फेफना विधानसभा से चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत नहीं पाए थे. इसके बाद उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. वह 1993 से लगातार विधायक रहे थे, लेकिन साल 2012 में भारतीय जनता पार्टी के नेता उपेंद्र तिवारी ने उन्हें हरा दिया था. अब एक बार फिर अंबिका चौधरी ने अपनी पुरानी पार्टी में वापसी कर ली है.
यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश को देखना चाहता हूं
इस मौके पर अंबिका चौधरी ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि पार्टी में वापसी ये मेरा पुनर्जन्म है, जिसके लिए मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का शुक्रगुजार हूं. मैं अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप देखना चाहता हूं. आज तक मैंने जो भी हासिल किया है, वह समाजवादी पार्टी की ही देन है. आज मेरे पास कहने के लिए शब्द कम पड़ गए हैं. उत्तर प्रदेश की जनता जानती है कि 6 माह बाद फिर तकदीर बदलेगी. अखिलेश यादव फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे.
भाषण के बाद फफक पड़े अंबिका चौधरी
समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद अंबिका चौधरी ने भाषण दिया और उसके बाद जैसे ही उनका भाषण खत्म हुआ, वे फफक-फफक कर रो पड़े. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें सांत्वना दी और उनके आंसू पोंछे. इस मौके पर नेता विधानमंडल दल रामगोविंद चौधरी ने अखिलेश यादव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी पूरी टीम एक साथ काम करेगी और जब तक आप को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा नहीं देते तब तक बलिया का एक-एक बच्चा दिन रात एक कर देगा. मैं अंबिका चौधरी का पार्टी में फिर से स्वागत करता हूं.
नेताजी के साथ जुड़े लोगों को एक बार फिर से साथ जोड़ेंगे अखिलेश
इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अंबिका चौधरी का स्वागत किया और उनके साथ आए सभी लोगों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश रहेगी कि नेताजी के साथ जुड़े लोगों को एक बार फिर से पार्टी से जोड़ा जाए. न जाने क्यों कुछ मजबूत रिश्ते बहुत आसानी से टूट जाते हैं. उनका कोई कारण नहीं होता. परिस्थितियां होती हैं, समय होता है, लेकिन मुझे खुशी है कि वही पुराने रिश्ते फिर से मजबूत करने के लिए आप लोग साथ है आए हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि जिला पंचायत चुनाव में सबसे मजबूती से बलिया के लोग एक साथ खड़े हुए दिखाई दिए. बलिया से समाजवादी पार्टी का सबसे गहरा रिश्ता है. बलिया का लखनऊ में दबदबा है. जयप्रकाश नारायण की सबसे ऊंची बिल्डिंग लखनऊ में बनी हुई है. जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ में ही है. इस बार हवा भी बलिया से ही शुरू होगी. समाजवादी पार्टी ने ही एक्सप्रेस-वे बनाया. बलिया के लिए एक बड़ा पुल बनाकर तैयार किया. यूपी के मुख्यमंत्री ने सिर्फ समाजवादी नाम हटाने का ही काम किया. दूसरों के फीते काटे, शिलान्यास किया और नाम बदले. कार्यक्रम में मौजूद बलिया के लोगों के लिए कहा कि अगर मुख्यमंत्री को पता चल गया यहां पर आए हो तो तुम्हारा भी नाम बदल सकते हैं.
सपा को मजबूत करेंगे सिबगतुल्लाह
सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से साल 2007 में समाजवादी पार्टी और 2012 में कौमी एकता दल के विधायक निर्वाचित हुए थे. साल 2017 में बहुजन समाज पार्टी से टिकट मिला, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. अब एक बार फिर 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली है, जिससे इस बार सपा के टिकट से चुनावी मैदान में ताल ठोक सकें.
फिलहाल मुख्तार-अफजाल से दूरी
समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के लिए जोर-शोर से तैयारी करने में जुटी है. इस दौरान ख्याल रखा जा रहा है कि पार्टी में ऐसे लोगों की एंट्री न हो, जिन्हें लेकर नुकसान उठाना पड़े. यही वजह है कि समाजवादी पार्टी ने बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी से दूरी बनाए रखी है, जबकि उनके सबसे बड़े भाई सिबगतुल्लाह को पार्टी की सदस्यता दे दी है. उनके साथ कई बसपा नेताओं ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा है.
करीब दर्जनभर सीटों पर असर
पूर्वांचल में अंसारी भाइयों का दबदबा है. हालांकि बाहुबली मुख्तार अंसारी इस समय जेल में बंद हैं तो उनके सबसे बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी पर ही पूर्वांचल में रुतवा कायम रखने का दारोमदार है. पूर्वांचल की करीब दर्जनभर सीटों पर उनकी पकड़ काफी मजबूत है. सिबगतुल्लाह अंसारी के समाजवादी पार्टी में शामिल हो जाने से निश्चित तौर पर आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मजबूती मिलेगी. कई सीटों पर समाजवादी पार्टी के समीकरण बनेंगे.