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पूर्व डीआईजी को नहीं मिली मुख्तारनामा पंजीकरण की इजाजत, पशुपालन घोटाले में बंद है अरविंद सेन

पूर्व डीआईजी अरविंद सेन को मुख्तारनामा पंजीकरण की इजाजत नहीं मिली. पूर्व डीआईजी अरविंद सेन पशुपालन घोटाले में बंद है.

पशुपालन घोटाले में बंद है अरविंद सेन
पशुपालन घोटाले में बंद है अरविंद सेन
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Published : Dec 9, 2021, 10:33 PM IST

लखनऊः फर्जी कागजात तैयार करने और कूटरचना और धोखाधड़ी करके पशुपालन विभाग में आटा, दाल, गेंहू और शक्कर की सप्लाई देने के मामले में जेल में बंद पूर्व डीआईजी अरविंद सेन को मुख्तारनामा पंजीकरण कराने की अनुमति देने से कोर्ट ने इंनकार कर दिया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने ये आदेश अरविंद सेन की अर्जी को खारिज करते हुए पारित किया.

कोर्ट के सामने अरविंद सेन की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि गत 27 जनवरी से अरविंद सेन जेल में है. इस दौरान उसकी पत्नी प्रियंका सेन की 18 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा वह विगत 31 मार्च को सेवानिवृत्त भी हो चुका है. कहा गया है कि जमीन की बिक्री और देखभाल के लिए पुत्री स्निग्धा के पक्ष में वह पंजीकृत मुख्तारनामा निष्पादित कराना चाहता है. इसके लिए जेल से रजिस्ट्रार ऑफिस तक पंजीकरण के लिए आने की अनुमति प्रदान की जाए. अदालत के समक्ष विशेष अधिवक्ता अभितेश मिश्रा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रभा वैश्य ने दलील दी कि प्रार्थना पत्र में इस तथ्य का उल्लेख नहीं है कि वह किस जमीन का पंजीकृत मुख्तारनामा करना चाहता है.

इसे भी पढ़ें- वाराणसी कैण्ट रेलवे स्टेशन पर 2 करोड़ से ज्यादा का सोना बरामद, तस्कर गिरफ्तार

इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला है. ईडी द्वारा मामले का संज्ञान लिया जा चुका है व ईडी की कार्रवाई चल रही है. अभियोजन की ओर से कहा गया कि इस स्तर पर प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि इस मामले की रिपोर्ट इंदौर के व्यापारी और मामले के वादी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने हज़रतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

लखनऊः फर्जी कागजात तैयार करने और कूटरचना और धोखाधड़ी करके पशुपालन विभाग में आटा, दाल, गेंहू और शक्कर की सप्लाई देने के मामले में जेल में बंद पूर्व डीआईजी अरविंद सेन को मुख्तारनामा पंजीकरण कराने की अनुमति देने से कोर्ट ने इंनकार कर दिया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने ये आदेश अरविंद सेन की अर्जी को खारिज करते हुए पारित किया.

कोर्ट के सामने अरविंद सेन की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि गत 27 जनवरी से अरविंद सेन जेल में है. इस दौरान उसकी पत्नी प्रियंका सेन की 18 अप्रैल 2021 को मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा वह विगत 31 मार्च को सेवानिवृत्त भी हो चुका है. कहा गया है कि जमीन की बिक्री और देखभाल के लिए पुत्री स्निग्धा के पक्ष में वह पंजीकृत मुख्तारनामा निष्पादित कराना चाहता है. इसके लिए जेल से रजिस्ट्रार ऑफिस तक पंजीकरण के लिए आने की अनुमति प्रदान की जाए. अदालत के समक्ष विशेष अधिवक्ता अभितेश मिश्रा व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रभा वैश्य ने दलील दी कि प्रार्थना पत्र में इस तथ्य का उल्लेख नहीं है कि वह किस जमीन का पंजीकृत मुख्तारनामा करना चाहता है.

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इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला है. ईडी द्वारा मामले का संज्ञान लिया जा चुका है व ईडी की कार्रवाई चल रही है. अभियोजन की ओर से कहा गया कि इस स्तर पर प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि इस मामले की रिपोर्ट इंदौर के व्यापारी और मामले के वादी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने हज़रतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

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