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डॉ. दिनेश शर्मा को भारी पड़ी डिफेंसिव पॉलिटिक्स, योगी 2.0 कैबिनेट से हुए बाहर

योगी 2.0 कैबिनेट से पूर्व मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का पत्ता कट गया. इस बार उनकी जगह ब्रजेश पाठक को मौका मिला है.

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डॉ दिनेश शर्मा
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Published : Mar 25, 2022, 6:20 PM IST

लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद शुक्रवार को बीजेपी दोबारा सत्तासीन हो गई. योगी की नई कैबिनेट में शामिल मंत्रियों की लिस्ट आ गई है. इसमें जहां कई नए चेहरे हैं तो कई का पत्ता कट गया है. इनमें तमाम दिग्गज भी शुमार हैं लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम पहली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा का है.

डॉ. दिनेश शर्मा पर उनकी 'डिफेंसिव पॉलिटिक्स' भारी पड़ गई. दरअसल, जब विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था. उस वक्त डॉ. दिनेश शर्मा एमएलसी के वर्तमान पद से ही संतुष्ट हो गए. बताया जाता है कि संगठन दिनेश शर्मा को लखनऊ उत्तर या पश्चिम से लड़ाना चाहता था. मगर वे लखनऊ पूर्व से चुनाव लड़ना चाहते थे जहां से आशुतोष टंडन ने सीट बदलने से इंकार कर दिया था. इसके चलते उन्होंने चुनाव लड़ने से साफ तौर पर इंकार कर दिया था.

यह भी पढ़ें- UP Board Exam : देर रात तक पढ़ने की है आदत तो हो जाएं सावधान! क्या आप जानते हैं ये जरूरी बात?

इसके ठीक विपरीत केशव प्रसाद मौर्य ने आक्रामक राजनीति करते हुए कांटे की लड़ाई में फंसी हुई सीट पर चुनाव लड़ा और चुनाव हार के बावजूद उनको दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाया गया है जबकि योगी-2 कैबिनेट में दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को मौका मिला है.

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लखनऊ. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्ण बहुमत हासिल करने के बाद शुक्रवार को बीजेपी दोबारा सत्तासीन हो गई. योगी की नई कैबिनेट में शामिल मंत्रियों की लिस्ट आ गई है. इसमें जहां कई नए चेहरे हैं तो कई का पत्ता कट गया है. इनमें तमाम दिग्गज भी शुमार हैं लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम पहली सरकार में डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा का है.

डॉ. दिनेश शर्मा पर उनकी 'डिफेंसिव पॉलिटिक्स' भारी पड़ गई. दरअसल, जब विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था. उस वक्त डॉ. दिनेश शर्मा एमएलसी के वर्तमान पद से ही संतुष्ट हो गए. बताया जाता है कि संगठन दिनेश शर्मा को लखनऊ उत्तर या पश्चिम से लड़ाना चाहता था. मगर वे लखनऊ पूर्व से चुनाव लड़ना चाहते थे जहां से आशुतोष टंडन ने सीट बदलने से इंकार कर दिया था. इसके चलते उन्होंने चुनाव लड़ने से साफ तौर पर इंकार कर दिया था.

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इसके ठीक विपरीत केशव प्रसाद मौर्य ने आक्रामक राजनीति करते हुए कांटे की लड़ाई में फंसी हुई सीट पर चुनाव लड़ा और चुनाव हार के बावजूद उनको दोबारा उप मुख्यमंत्री बनाया गया है जबकि योगी-2 कैबिनेट में दिनेश शर्मा की जगह ब्रजेश पाठक को मौका मिला है.

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