लखनऊ: अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने मुसलमानों के दूसरे सबसे बड़े पर्व ईद उल अजहा पर बयान कर मुसलमानों से अपील की है. उन्होंने कहा कि इस वर्ष बकरीद की कुर्बानी न करें और पैसे को पीए केयर फंड और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करें.
गुरुवार को मीडिया में बयान जारी कर उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि एक अगस्त को बकरीद का त्योहार पूरे देश में मनाया जाएगा. इस दिन लोग घरों में ही रहकर नमाज अदा करें. अगर मस्जिदों में नमाज पढ़ते हैं, तो मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिग का पालन जरूर करें.
अपने बयान में उन्होंने कहा कि बकरीद पर कुर्बानी के लिए बकरे की कीमत पांच हजार रुपये से एक लाख रुपये तक होती है. उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना महामारी के चलते कुर्बानी न करें और पैसे को पीएम और सीएम राहत कोष में दान करे. पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से पूरे देश में पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है और संक्रमण की चपेट में आने से लोगों की मौत भी हो रही है. रिजवी ने कहा कि कुर्बानी देने से बेहतर है कि इस महामारी में लोगों की जान बचाई जाए.