लखनऊ: सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा ने प्रदेश की योगी सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताया है. लंभुआ के विधायक देवमणि द्विवेदी ने सुलतानपुर की जिलाधिकारी सी. इंदुमती को लेकर मुख्यमंत्री को जो लेटर लिखा है, उसी पर पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने सरकार को घेरा है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्रा का बयान
- उत्तर प्रदेश सरकार में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच गया है.
- आज तक इतनी भ्रष्ट सरकार कभी नहीं आई.
उन्होंने कहा कि एक ऐसी सरकार जिसमें आईपीएस चिट्ठी लिखकर के इल्जाम लगा रहा है कि ट्रांसफर पोस्टिंग में पैसा लिया जा रहा है. उसी के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है. शिकायत पर कोई जांच नहीं होती न ही कोई कार्रवाई. भर्ती घोटाले लगातार उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में हो रहे हैं. अब कोरोना में भी बड़ा घोटाला देखने को मिल रहा है. सुलतानपुर के विधायक ने जो सवाल उठाया है, वह सरकार का एक बहुत बड़ा फेलियर है. मुझे लगता है कि सरकार की नीयत और नीति पर, सरकार की सत्ता पर, सरकार के इकबाल पर और सरकार के उसूल पर एक बहुत बड़ा सवालिया चिह्न भाजपा के अपने ही विधायक ने लगाया है. एक बहुत बड़ा सवाल है जिसका सरकार को स्वयं जवाब देना चाहिए. सरकार पूरी तरह से फेल है. जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. इस तरह की सरकार मुझे नहीं लगता कि उत्तर प्रदेश की जनता ने कभी देखी हो.
बता दें कि सुलतानपुर के लम्भुआ से भारतीय जनता पार्टी के विधायक इंद्रमणि द्विवेदी ने सुलतानपुर की जिलाधिकारी सी. इंदुमती पर कोरोना के दौर में घोटाले के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि किट वास्तविक कीमत से 3 से 4 गुना ज्यादा रेट पर खरीदी गई है. विधायक के इस पत्र से प्रदेश सरकार में खलबली मची हुई है. सरकार की तरफ से जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वहीं विपक्षी दलों को इसी बहाने सरकार को घेरने का मौका मिल गया है.