लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया. रमाकांत यादव आजमगढ़ से पिछले लोकसभा चुनाव में सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे. हालांकि मुलायम सिंह ने रमाकांत यादव को हरा दिया था, लेकिन उन्होंने मुलायम सिंह को अच्छी टक्कर जरूर दी थी. इस बार आजमगढ़ से अखिलेश यादव मैदान में हैं.
भाजपा में नेताओं की नाराजगी से कांग्रेस का कुनबा लगातार मजबूत होता जा रहा है. तमाम पार्टियों के नेताओं ने कांग्रेस का दामन थामा तो वहीं आज इनमें एक नाम भाजपा के पूर्व सांसद रमाकांत यादव का जुड़ गया. रमाकांत यादव भाजपा के कद्दावर नेता माने जाते हैं और भाजपा से सांसद भी रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी कि पिछली बार सपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ उन्होंने अच्छा चुनाव लड़ा था तो इस बार आजमगढ़ से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ भी पार्टी उन्हें चुनाव मैदान में उतारेगी, लेकिन पार्टी ने यहां से भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश यादव उर्फ निरहुआ को मैदान में उतार दिया, जिससे रमाकांत यादव नाराज चल रहे थे. इसी नाराजगी के चलते वे आज भाजपा छोड़ कांग्रेस के साथ आ गए.
रमाकांत यादव के बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आने से हालांकि आजमगढ़ सीट पर कोई असर इसलिए नहीं पड़ेगा, क्योंकि यहां से कांग्रेस ने अपना कोई प्रत्याशी ही नहीं उतारा है. दरअसल, दो के बदले गठबंधन को 6 सीटें देने वाले वाली कांग्रेस पार्टी को आजमगढ़ सीट पर अखिलेश यादव के लड़ने से प्रत्याशी उतारने का मौका ही नहीं मिला. अब रमाकांत यादव के कांग्रेस से जुड़ने से यह भी जरूरी नहीं है कि पिछली बार मुलायम सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले रमाकांत यादव इस बार अखिलेश यादव को लाभ भी पहुंचाएंगे, हालांकि भाजपा के लिए वे संकट जरूर पैदा करेंगे.