लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का रविवार को निराला अंदाज देखने को मिला. यहां विदेश से आए मेहमानों ने तांगे पर सवार होकर विश्वविद्यालय कैंपस घूमा और विश्वविद्यालय के इतिहास से रूबरू हुए. उनके साथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और स्टूडेंट भी रहे. हेरिटेज वॉक गेट नंबर एक से शुरू होकर लाल बारादरी होते हुए टैगोर विद्यालय तक निकली.
विश्वविद्यालय के 1920 से शुरू हुए सफर को शताब्दी समारोह में विदेशी मेहमानों और स्टूडेंट्स के बीच साझा किया जा रहा है. विश्वविद्यालय के 100 वर्ष के इतिहास को हेरिटेज वॉक के रूप में शुरू किया गया. रविवार को स्पेन से आए नतालिया एना गोमेज और रौओल डेला ने विश्वविद्यालय के इतिहास और आधुनिक विकास को जाना. उन्हें इंस्टिट्यूट ऑफ टूरिज्म स्टडीज की को-आर्डिनेटर डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव ने कैंपस की सैर कराने के साथ इसके इतिहास के बारे में बताया. इस बीच नतालिया ने विश्वविद्यालय की धरोहर को अपने कैमरे में कैद भी किया. यह देखकर स्टूडेंट के बीच उत्साह का माहौल देखने को मिला. विदेशी मेहमानों ने करीब एक घंटे की हेरिटेज वॉक में भाऊराव देवरस द्वार से होते हुए आर्ट्स फैकल्टी, प्रेमचंद वाटिका, लाल बारादरी, टैगोर लाइब्रेरी समेत कई जगहों पर सैर की.
विदेशी मेहमानों को कराई हेरिटेज वॉक
प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रोफेसर अनुज भार्गव ने बताया कि पर्यटन हमारे ज्ञान का सबसे अच्छा स्त्रोत होता है. हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि विश्वविद्यालय का शताब्दी वर्ष समारोह मनाया जा रहा है और इसमें विदेशी मेहमान आए हैं. इनको विश्वविद्यालय की प्राचीन इमारतों और विभागों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं. वहीं, इंस्टिट्यूट ऑफ टूरिज्म स्टडीज की को-आर्डिनेटर डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव ने बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पर्यटकों के आने-जाने में रोक लगी हुई थी. अनलॉक के बाद स्पेन से लखनऊ आने वाले नतालिया एना गोमेज और रौओल डेला पहले पर्यटक हैं. उनको शताब्दी वर्ष समारोह में यूनिवर्सिटी में हेरिटेज वॉक पर लेकर आए हैं और यहां के इतिहास से रूबरू करा रहे हैं.