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लखनऊ: गुलाब और ग्लेडियोलस फ्लावर शो का समापन, कई मायनों में रहा खास - राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान

राजधानी लखनऊ में गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन दर्शकों का की भारी भीड़ देखने को मिली. डायमंड जुबली के इस फ्लावर शो में दर्शकों की दिलचस्पी देखते ही बन रही थी.

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ग्लेडियोलस का फ्लावर शो
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Published : Jan 20, 2020, 7:36 AM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन दर्शकों का हुजूम देखने को मिला. दिन भर दर्शक यहां पर आते रहे और गुलाब और ग्लेडियोलस की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में न केवल जानकारियां हासिल करते रहे, बल्कि स्टॉल से उनकी खरीदारी भी की.

फ्लावर शो की लोगों ने की सराहना.
नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सेंट्रल लॉन में लगे गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों का फ्लावर शो इस साल कई मायनों में खास रहा. डायमंड जुबली के इस फ्लावर शो में दर्शकों ने भी रुचि दिखाई. बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. शेखर सी मांडे ने संस्थान की कई महत्वपूर्ण गतिविधियों पर चर्चा भी की.


ये भी पढ़ें- छलका शिवपाल का दर्द, कहा-जिनको उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, अब एक फोन तक नहीं करते


दर्शक के रूप में फ्लावर शो में आए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने बताया कि इस फ्लावर शो का हमेशा से ही इंतजार रहता है. यह एक ऐसा मौका होता है कि अलग-अलग लोगों से एक ही जगह पर मिला जा सकता है. नए फूलों के साथ और नई खुशबू के साथ हम घर को भी महका सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस को देश की नहीं अपने वोट बैंक बनाने की चिंता: CM योगी

वहीं शिमला से आईं डॉक्टर इंदु कहती हैं कि पहले हम यहां आते थे. काफी सालों बाद फिर आए हुए हैं. मुझे गुलाब और ग्लेडियोलस दोनों ही फूल काफी पसंद हैं. इस लिहाज से फ्लावर शो में आकर मुझे काफी अच्छा लग रहा है. इस साल राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की हिंदी पत्रिका विज्ञान बाड़ी का भी विमोचन किया गया. इसके अलावा दो अलग-अलग कंपनियों को उनके उत्पादों की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी की गई. इन सबके अलावा संस्थान में क्रिसेंथमम के फूलों की एक नई वैरायटी को रिलीज किया गया. ये फूल जनवरी और फरवरी में ही खिलते हैं साथ ही इनका रंग भी बेहद खूबसूरत होता है.

लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन दर्शकों का हुजूम देखने को मिला. दिन भर दर्शक यहां पर आते रहे और गुलाब और ग्लेडियोलस की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में न केवल जानकारियां हासिल करते रहे, बल्कि स्टॉल से उनकी खरीदारी भी की.

फ्लावर शो की लोगों ने की सराहना.
नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सेंट्रल लॉन में लगे गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों का फ्लावर शो इस साल कई मायनों में खास रहा. डायमंड जुबली के इस फ्लावर शो में दर्शकों ने भी रुचि दिखाई. बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ. शेखर सी मांडे ने संस्थान की कई महत्वपूर्ण गतिविधियों पर चर्चा भी की.


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दर्शक के रूप में फ्लावर शो में आए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने बताया कि इस फ्लावर शो का हमेशा से ही इंतजार रहता है. यह एक ऐसा मौका होता है कि अलग-अलग लोगों से एक ही जगह पर मिला जा सकता है. नए फूलों के साथ और नई खुशबू के साथ हम घर को भी महका सकते हैं.

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वहीं शिमला से आईं डॉक्टर इंदु कहती हैं कि पहले हम यहां आते थे. काफी सालों बाद फिर आए हुए हैं. मुझे गुलाब और ग्लेडियोलस दोनों ही फूल काफी पसंद हैं. इस लिहाज से फ्लावर शो में आकर मुझे काफी अच्छा लग रहा है. इस साल राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की हिंदी पत्रिका विज्ञान बाड़ी का भी विमोचन किया गया. इसके अलावा दो अलग-अलग कंपनियों को उनके उत्पादों की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी की गई. इन सबके अलावा संस्थान में क्रिसेंथमम के फूलों की एक नई वैरायटी को रिलीज किया गया. ये फूल जनवरी और फरवरी में ही खिलते हैं साथ ही इनका रंग भी बेहद खूबसूरत होता है.

Intro:लखनऊ। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन दर्शकों का हुजूम एनबीआरआई के सेंट्रल लॉन में देखने को मिला। दिनभर दर्शक यहां पर आते रहे और गुलाब और ग्लेडियोलस की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में न केवल जानकारियां हासिल करते रहे बल्कि स्टॉल से उनकी खरीदारी भी की।


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नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सेंट्रल लॉन में लगे गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों का फ्लावर शो इस साल कई मायनों में खास रहा। डायमंड जुबली के इस फ्लावर शो में दर्शकों ने भी रुचि दिखाई और साथ ही इसके समापन पर विजेताओं को पुरस्कृत करने के साथ-साथ मुख्य अतिथि के तौर पर पधारे सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ शेखर सी मांडे ने संस्थान की कई महत्वपूर्ण गतिविधियों पर चर्चा भी की।

दर्शक के रुप में फ्लावर शो में आए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने बताया कि इस फ्लावर शो का हमेशा से ही इंतजार रहता है कि कब जनवरी अंत या फरवरी का पहला सप्ताह आए और इस लाशों का आनंद उठाया जा सके। यह एक ऐसा मौका भी होता है कि अलग-अलग लोगों से एक ही जगह पर मिलने का मौका मिल जाता है और नए फूलों के साथ और नई खुशबू के साथ हम घर को भी महका सकते हैं।

बाइट- प्रोफेसर आलोक धावन,निदेशक, आईआईटीआर

शिमला से आई डॉक्टर इंदु कहती है कि पहले हम यहां आते थे और उसके बाद आज काफी सालों बाद हम आज यहां आए हुए हैं मुझे गुलाब और ग्लेडियोलस दोनों ही फूल काफी पसंद है और इस लिहाज से फ्लावर शो में आकर मुझे काफी अच्छा लग रहा है।

बाइट- डॉ इंदु, दर्शक

रॉयल फैमिली से आये सैयद मासूम रजा कहते हैं कि हरियाली जहां होगी वहां प्रगति अपने आप आ सकती है। ऐसे में फ्लावर शो का हमारे शहर में होना हमारे लिए वाकई गर्व की बात है। फ्लावर शो में आकर मुझे काफी अच्छा लग रहा है अलग-अलग तरह के फूल दिख रहे हैं और लोगों का उत्साह भी नजर आ रहा है।

बाइट- सैयद मासूम रजा, दर्शक


Conclusion:जहां एक और लाशों में अलग-अलग तरह की प्रविष्टियों के साथ लोगों ने प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया वहीं इस साल राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की हिंदी पत्रिका विज्ञान बाड़ी का भी विमोचन किया गया इसके अलावा दो अलग-अलग कंपनियों को उनके उत्पादों की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी की गई इन सबके अलावा संस्थान में क्रिसेंथमम के फूलों की एक नई वैरायटी को रिलीज किया गया। कृष्ण चरण की यह फूल जनवरी और फरवरी में ही खिलते हैं और इनका रंग भी बेहद खूबसूरत होता है।

पीटीसी- रामांशी मिश्रा

रामांशी मिश्रा
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