लखनऊ: राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में गुलाब और ग्लेडियोलस के फूलों की प्रदर्शनी के दूसरे दिन दर्शकों का हुजूम देखने को मिला. दिन भर दर्शक यहां पर आते रहे और गुलाब और ग्लेडियोलस की अलग-अलग प्रजातियों के बारे में न केवल जानकारियां हासिल करते रहे, बल्कि स्टॉल से उनकी खरीदारी भी की.
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दर्शक के रूप में फ्लावर शो में आए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने बताया कि इस फ्लावर शो का हमेशा से ही इंतजार रहता है. यह एक ऐसा मौका होता है कि अलग-अलग लोगों से एक ही जगह पर मिला जा सकता है. नए फूलों के साथ और नई खुशबू के साथ हम घर को भी महका सकते हैं.
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वहीं शिमला से आईं डॉक्टर इंदु कहती हैं कि पहले हम यहां आते थे. काफी सालों बाद फिर आए हुए हैं. मुझे गुलाब और ग्लेडियोलस दोनों ही फूल काफी पसंद हैं. इस लिहाज से फ्लावर शो में आकर मुझे काफी अच्छा लग रहा है. इस साल राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की हिंदी पत्रिका विज्ञान बाड़ी का भी विमोचन किया गया. इसके अलावा दो अलग-अलग कंपनियों को उनके उत्पादों की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी की गई. इन सबके अलावा संस्थान में क्रिसेंथमम के फूलों की एक नई वैरायटी को रिलीज किया गया. ये फूल जनवरी और फरवरी में ही खिलते हैं साथ ही इनका रंग भी बेहद खूबसूरत होता है.