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प्रसपा कार्यालय से उतरा पार्टी का झंडा, करना पड़ सकता है खाली

29 अगस्त 2018 को समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की स्थापना (Pragatisheel Samajwadi Party office) की थी. परिवार में बिखराव हो गया था, लेकिन 1560 दिन बाद परिवार भी एक हो गया है और पार्टी भी एक हो गई है.

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Published : Dec 8, 2022, 4:12 PM IST

लखनऊ : 29 अगस्त 2018 को समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की स्थापना की थी. परिवार में बिखराव हो गया था, लेकिन 1560 दिन बाद परिवार भी एक हो गया है और पार्टी भी एक हो गई है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अब समाजवादी पार्टी के नाम से ही जानी जाएगी. 2:17 बजे तक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कार्यालय (Pragatisheel Samajwadi Party office) पर प्रसपा का झंडा फहरा रहा था, लेकिन 5 मिनट बाद 2:22 बजे कार्यालय से झंडा उतार दिया गया. अब शिवपाल के कार्यालय पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का नामोनिशान नहीं रह गया है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि जब पार्टी ही नहीं बची है तो यह कार्यालय भी सरकार जल्द शिवपाल से वापस ले सकती है.

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आखिरकार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव का लोहा मान लिया है. अपनी पत्नी डिंपल यादव की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी जीत के लिए अखिलेश ने शिवपाल को बधाई दी है. उन्होंने माना कि इतनी बड़ी जीत चाचा की वजह से ही संभव हुई है. लिहाजा, सम्मान करते हुए अखिलेश यादव शिवपाल से मिलने पहुंचे. उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया. उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया, साथ ही अपने हाथ से समाजवादी पार्टी का झंडा देकर वापस समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई.

प्रसपा कार्यालय से उतरा पार्टी का झंडा

इसके बाद शिवपाल ने भी साफ कर दिया कि अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कोई मायने नहीं रह गए हैं. अब हम सब एक हैं तो पार्टी भी अब समाजवादी पार्टी ही होगी. शिवपाल के इस एलान के बाद ही उनके बेटे आदित्य यादव ने शिवपाल की कार से प्रसपा का झंडा उतारकर सपा का झंडा लगा दिया. इधर आदित्य ने शिवपाल के कार से झंडा उतारा, उधर लखनऊ में कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से प्रसपा का झंडा उतारकर किनारे रख दिया.

यह भी पढ़ें : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय, अखिलेश ने झंडा देकर किया चाचा का स्वागत

लखनऊ : 29 अगस्त 2018 को समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की स्थापना की थी. परिवार में बिखराव हो गया था, लेकिन 1560 दिन बाद परिवार भी एक हो गया है और पार्टी भी एक हो गई है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) अब समाजवादी पार्टी के नाम से ही जानी जाएगी. 2:17 बजे तक प्रगतिशील समाजवादी पार्टी कार्यालय (Pragatisheel Samajwadi Party office) पर प्रसपा का झंडा फहरा रहा था, लेकिन 5 मिनट बाद 2:22 बजे कार्यालय से झंडा उतार दिया गया. अब शिवपाल के कार्यालय पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का नामोनिशान नहीं रह गया है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि जब पार्टी ही नहीं बची है तो यह कार्यालय भी सरकार जल्द शिवपाल से वापस ले सकती है.

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने आखिरकार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव का लोहा मान लिया है. अपनी पत्नी डिंपल यादव की मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भारी जीत के लिए अखिलेश ने शिवपाल को बधाई दी है. उन्होंने माना कि इतनी बड़ी जीत चाचा की वजह से ही संभव हुई है. लिहाजा, सम्मान करते हुए अखिलेश यादव शिवपाल से मिलने पहुंचे. उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया. उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया, साथ ही अपने हाथ से समाजवादी पार्टी का झंडा देकर वापस समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई.

प्रसपा कार्यालय से उतरा पार्टी का झंडा

इसके बाद शिवपाल ने भी साफ कर दिया कि अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कोई मायने नहीं रह गए हैं. अब हम सब एक हैं तो पार्टी भी अब समाजवादी पार्टी ही होगी. शिवपाल के इस एलान के बाद ही उनके बेटे आदित्य यादव ने शिवपाल की कार से प्रसपा का झंडा उतारकर सपा का झंडा लगा दिया. इधर आदित्य ने शिवपाल के कार से झंडा उतारा, उधर लखनऊ में कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय से प्रसपा का झंडा उतारकर किनारे रख दिया.

यह भी पढ़ें : प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय, अखिलेश ने झंडा देकर किया चाचा का स्वागत

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