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प्रदेश के अस्पतालों में दो दिनों में पांच हजार से ज्यादा बढ़े बेड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. सीएम के निर्देश के बाद प्रदेश के अस्पतालों में पांच हजार से ज्यादा बेड और अन्य सुविधाओं का इजाफा किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
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Published : Apr 13, 2021, 8:53 PM IST

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू और एचडीयू बेड की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. यही नहीं, 30 चिकित्सालयों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना भी कराई जा रही है.

अस्पतालों में 4000 से अधिक वेंटिलेटर की सुविधा
प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए एल-2 और एल-3 स्तर के चिकित्सालयों को प्रयोग में लाया गया है. 11 अप्रैल तक प्रदेश में सात हजार से अधिक आईसीयू और एचडीयू बेड उपलब्ध थे. सीएम योगी के निर्देश के बाद दो दिन में प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा बेड अस्पतालों में बढ़ाए गए हैं. इतना ही नहीं, अस्पतालों में 4000 से अधिक वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है, जिसे लगातार तेजी से बढ़ाया जा रहा है. म्युनिसिपल वार्ड और ग्राम पंचायतों में मोहल्ला निगरानी समिति और ग्राम निगरानी समितियों का भी गठन किया गया है.

प्रदेश में रोजाना हो रही है दो लाख जांच
प्रदेश में पिछले साल मार्च में कोरोना की जांच के लिए मात्र एक प्रयोगशाला थी, जो अब बढ़कर 125 सरकारी और 104 निजी प्रयोगशालाओं में आरटीपीसीआर और ट्रूनेट मशीनों के माध्यम से जांच की जा रही है. प्रदेश में कोरोना की जांच 229 लैबों में हो रही है और अब इसे भी बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में रोजाना करीब दो लाख टेस्ट हो रहे हैं.

हर जिले में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से हो रही निगरानी
प्रदेश में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट पर भी स्क्रीनिंग के लिए एंटीजन किट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही फोकस्ड सैंपलिंग भी कई स्थानों पर कराई जा रही है. योगी सरकार ने कोविड संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम को प्रभावी बनाने और जागरुकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं. सरकार ने कोविड के मद्देनजर हर जिले में आईसीसीसी (इंट्रीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर) की स्थापना की है. कोविड जांच केंद्रों की भौगोलिक स्थित जानने के लिए 'मेरा कोविड केंद्र' नाम से एक एप्लीकेशन भी फोन पर उपलब्ध कराया गया है.

यह भी पढ़ें-यूपी में कोरोना का कहरः 24 घंटे में मिले 18021 मरीज, 85 की मौत



कोविड पोर्टल से मिल रही है मदद
कोविड जांच की रिपोर्ट प्राप्त करने, सैंपल से लेकर, एडमीशन, डिस्चार्ज तक मॉनिटरिंग के लिए एक 'कोविड पोर्टल' बनाया गया है. जिसकी मदद से जांच का परिणाम पोर्टल पर अपलोड होने के बाद कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपनी रिपोर्ट प्राप्त कर सकता है. प्रदेश के हर महत्वपूर्ण कार्यालय और प्रतिष्ठान में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के द्वारा घर-घर जाकर कोविड के बारे में जागरुक किया जा रहा है.

लखनऊ में 'हेलो डॉक्टर' ई-ओपीडी सेवा शुरू
लखनऊ में मंगलवार से आईएमए और जिला प्रशासन के सहयोग से 'हेलो डॉक्टर' ई-ओपीडी सेवा की शुरुआत की गई है. इसके तहत कोई भी मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर से फोन पर ही परामर्श ले सकेगा. पहले फेज में लखनऊ के 50 डॉक्टरों को इस सेवा के साथ जोड़ा गया है. जिला प्रशासन की तरफ से इन डॉक्टर्स की लिस्ट भी जारी कर दी गई है. इसमें कार्डियोलॉजी, डेंटल, डेरमेटोलोजी, ईएनटी, आंख, जनरल फिजिशियन, जनरल सर्जरी, स्त्री रोग विशेषज्ञ, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक, पैथोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी, साइकैटरिस्ट समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है. प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू और एचडीयू बेड की संख्या में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. यही नहीं, 30 चिकित्सालयों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना भी कराई जा रही है.

अस्पतालों में 4000 से अधिक वेंटिलेटर की सुविधा
प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए एल-2 और एल-3 स्तर के चिकित्सालयों को प्रयोग में लाया गया है. 11 अप्रैल तक प्रदेश में सात हजार से अधिक आईसीयू और एचडीयू बेड उपलब्ध थे. सीएम योगी के निर्देश के बाद दो दिन में प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा बेड अस्पतालों में बढ़ाए गए हैं. इतना ही नहीं, अस्पतालों में 4000 से अधिक वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है, जिसे लगातार तेजी से बढ़ाया जा रहा है. म्युनिसिपल वार्ड और ग्राम पंचायतों में मोहल्ला निगरानी समिति और ग्राम निगरानी समितियों का भी गठन किया गया है.

प्रदेश में रोजाना हो रही है दो लाख जांच
प्रदेश में पिछले साल मार्च में कोरोना की जांच के लिए मात्र एक प्रयोगशाला थी, जो अब बढ़कर 125 सरकारी और 104 निजी प्रयोगशालाओं में आरटीपीसीआर और ट्रूनेट मशीनों के माध्यम से जांच की जा रही है. प्रदेश में कोरोना की जांच 229 लैबों में हो रही है और अब इसे भी बढ़ाया जा रहा है. प्रदेश में रोजाना करीब दो लाख टेस्ट हो रहे हैं.

हर जिले में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर से हो रही निगरानी
प्रदेश में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट पर भी स्क्रीनिंग के लिए एंटीजन किट का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके साथ ही फोकस्ड सैंपलिंग भी कई स्थानों पर कराई जा रही है. योगी सरकार ने कोविड संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम को प्रभावी बनाने और जागरुकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए हैं. सरकार ने कोविड के मद्देनजर हर जिले में आईसीसीसी (इंट्रीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर) की स्थापना की है. कोविड जांच केंद्रों की भौगोलिक स्थित जानने के लिए 'मेरा कोविड केंद्र' नाम से एक एप्लीकेशन भी फोन पर उपलब्ध कराया गया है.

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कोविड पोर्टल से मिल रही है मदद
कोविड जांच की रिपोर्ट प्राप्त करने, सैंपल से लेकर, एडमीशन, डिस्चार्ज तक मॉनिटरिंग के लिए एक 'कोविड पोर्टल' बनाया गया है. जिसकी मदद से जांच का परिणाम पोर्टल पर अपलोड होने के बाद कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपनी रिपोर्ट प्राप्त कर सकता है. प्रदेश के हर महत्वपूर्ण कार्यालय और प्रतिष्ठान में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों के द्वारा घर-घर जाकर कोविड के बारे में जागरुक किया जा रहा है.

लखनऊ में 'हेलो डॉक्टर' ई-ओपीडी सेवा शुरू
लखनऊ में मंगलवार से आईएमए और जिला प्रशासन के सहयोग से 'हेलो डॉक्टर' ई-ओपीडी सेवा की शुरुआत की गई है. इसके तहत कोई भी मरीज विशेषज्ञ डॉक्टर से फोन पर ही परामर्श ले सकेगा. पहले फेज में लखनऊ के 50 डॉक्टरों को इस सेवा के साथ जोड़ा गया है. जिला प्रशासन की तरफ से इन डॉक्टर्स की लिस्ट भी जारी कर दी गई है. इसमें कार्डियोलॉजी, डेंटल, डेरमेटोलोजी, ईएनटी, आंख, जनरल फिजिशियन, जनरल सर्जरी, स्त्री रोग विशेषज्ञ, नेफ्रोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक, पैथोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी, यूरोलॉजी, साइकैटरिस्ट समेत अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है.

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