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केजीएमयू मारपीट मामले में 5 और रेजिडेंट डॉक्टर निलंबित, हॉस्टल छोड़ने का फरमान जारी - केजीएमयू प्रशासन

यूपी के लखनऊ के केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में हुई मारपीट की जांच ने रफ्तार पकड़ ली है. जांच टीम के समक्ष आर्थोपेडिक और मेडिसिन के रेजिडेंट डॉक्टरों से पूछताछ की गई. जांच में दोषी पाए जाने पर पांच और डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही उन्हें हॉस्टल छोड़ने का फरमान जारी किया गया है.

पांच और डॉक्टरों को निलंबित किया गया.
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Published : Oct 4, 2019, 3:20 PM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट में बीते 28 सितंबर की रात ऑर्थोपेडिक और मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई थी. प्रशासन ने मारपीट के दौरान हुई तोड़फोड़ की जांच के लिए कमेटी गठित की थी. केजीएमयू प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी ने निलंबित किए गए छात्रों की संख्या 6 से बढ़ाकर 11 कर दी है. साथ ही उन्हें केजीएमयू हॉस्टल छोड़ने का भी आदेश दे दिया है.

पांच और डॉक्टरों को निलंबित किया गया.


पहले पांच रेजिडेंट डॉक्टर को किया गया था सस्पेंड
28 सितंबर को ट्रॉमा सेंटर में आधी रात में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के कुछ रेजिडेंट डॉक्टर शराब के नशे में मेडिसिन विभाग में भर्ती अपने साथी को देखने के लिए आए थे. यहां किसी बात को लेकर मेडिसिन विभाग और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच विवाद हो गया था. मामूली विवाद मारपीट में बदल गई. अस्पताल में काफी तोड़फोड़ भी हुई. इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी. इस दौरान तत्कालीन प्रथम दृष्टया मेडिसिन विभाग के तीन और ऑर्थोपेडिक विभाग के तीन रेजिडेंट डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था.


पांच और रेजिडेंट डॉक्टरों को किया गया सस्पेंड
इस बाबत किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर आरएस कुशवाहा ने बताया कि इस घटना के संबंध में केजीएमयू प्रशासन द्वारा गठित की गई कमेटी जांच कर रही है. कमेटी की रिपोर्ट में ऑर्थोपेडिक विभाग से तीन और मेडिसिन विभाग से दो अन्य डॉक्टरों को भी निलंबित करने का आदेश दे दिया गया है. निलंबित हुए छात्रों में आर्थोपेडिक विभाग से डॉ. धीरेंद्र वर्मा, डॉक्टर आदर्श सेंगर, डॉक्टर रोहित शुक्ला और मेडिसिन विभाग से डॉ. अजहर और डॉ. नीरज को सस्पेंड कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें:- KGMU में मामूली कहासुनी को लेकर रेजिडेंट आपस में भिड़े, जमकर हुई तोड़फोड़

प्रॉक्टर ने बताया कि पहले से निलंबित हुए 6 और अब निलंबित हुए अन्य 5 रेजिडेंट डॉक्टरों को मिलाकर 11 लोगों को हॉस्टल खाली करने का भी आदेश दे दिया गया है. इसके अलावा जांच पूरी होने तक यह सभी किसी भी चिकित्सीय कार्रवाई में प्रतिभाग नहीं कर पाएंगे.

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट में बीते 28 सितंबर की रात ऑर्थोपेडिक और मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच मारपीट हुई थी. प्रशासन ने मारपीट के दौरान हुई तोड़फोड़ की जांच के लिए कमेटी गठित की थी. केजीएमयू प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी ने निलंबित किए गए छात्रों की संख्या 6 से बढ़ाकर 11 कर दी है. साथ ही उन्हें केजीएमयू हॉस्टल छोड़ने का भी आदेश दे दिया है.

पांच और डॉक्टरों को निलंबित किया गया.


पहले पांच रेजिडेंट डॉक्टर को किया गया था सस्पेंड
28 सितंबर को ट्रॉमा सेंटर में आधी रात में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के कुछ रेजिडेंट डॉक्टर शराब के नशे में मेडिसिन विभाग में भर्ती अपने साथी को देखने के लिए आए थे. यहां किसी बात को लेकर मेडिसिन विभाग और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच विवाद हो गया था. मामूली विवाद मारपीट में बदल गई. अस्पताल में काफी तोड़फोड़ भी हुई. इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी. इस दौरान तत्कालीन प्रथम दृष्टया मेडिसिन विभाग के तीन और ऑर्थोपेडिक विभाग के तीन रेजिडेंट डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था.


पांच और रेजिडेंट डॉक्टरों को किया गया सस्पेंड
इस बाबत किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर आरएस कुशवाहा ने बताया कि इस घटना के संबंध में केजीएमयू प्रशासन द्वारा गठित की गई कमेटी जांच कर रही है. कमेटी की रिपोर्ट में ऑर्थोपेडिक विभाग से तीन और मेडिसिन विभाग से दो अन्य डॉक्टरों को भी निलंबित करने का आदेश दे दिया गया है. निलंबित हुए छात्रों में आर्थोपेडिक विभाग से डॉ. धीरेंद्र वर्मा, डॉक्टर आदर्श सेंगर, डॉक्टर रोहित शुक्ला और मेडिसिन विभाग से डॉ. अजहर और डॉ. नीरज को सस्पेंड कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें:- KGMU में मामूली कहासुनी को लेकर रेजिडेंट आपस में भिड़े, जमकर हुई तोड़फोड़

प्रॉक्टर ने बताया कि पहले से निलंबित हुए 6 और अब निलंबित हुए अन्य 5 रेजिडेंट डॉक्टरों को मिलाकर 11 लोगों को हॉस्टल खाली करने का भी आदेश दे दिया गया है. इसके अलावा जांच पूरी होने तक यह सभी किसी भी चिकित्सीय कार्रवाई में प्रतिभाग नहीं कर पाएंगे.

Intro:लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट में बीते 28 सितंबर की रात ऑर्थोपेडिक और मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच हुई मारपीट और अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की जांच तेज हो गई है। केजीएमयू प्रशासन की ओर से गठित की गई कमेटी ने निलंबित किए गए छात्रों की संख्या 6 से बढ़ाकर 11 कर दी है। साथ ही उन्हें केजीएमयू हॉस्टल छोड़ने का भी आदेश दे दिया है।



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28 सितंबर को ट्रामा सेंटर में आधी रात में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के कुछ प्रेसिडेंट डॉक्टर शराब के नशे में मेडिसिन विभाग में भर्ती अपने साथी को देखने के लिए आए थे यहां पर मामूली विवाद में मेडिसिन विभाग और ऑर्थोपेडिक्स विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच में विवाद हो गया था और बात यहां तक पहुंच गई थी कि वहां लात घुसे तक चल गए और अस्पताल में काफी तोड़फोड़ भी हो गई थी इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने एक जांच कमेटी गठित की थी इस दौरान तत्कालीन प्रथम दृष्टया मेडिसिन विभाग के तीन और ऑर्थोपेडिक विभाग के तीन रेजिडेंट डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया था।

इस बाबत किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आर ए एस कुशवाहा ने बताया कि इस घटना के संबंध में केजीएमयू प्रशासन द्वारा गठित की गई कमेटी जांच कर रही है। कमेटी की प्रिलिमनरी रिपोर्ट में अर्थमेटिक विभाग से तीन और मेडिसिन विभाग से दो अन्य डॉक्टरों को भी निलंबित करने का आदेश दे दिया गया है। निलंबित हुए छात्रों में आर्थोपेडिक विभाग से डॉ धीरेंद्र वर्मा, डॉक्टर आदर्श सेंगर, डॉक्टर रोहित शुक्ला और मेडिसिन विभाग से डॉ अजहर और डॉ नीरज को सस्पेंड कर दिया गया है।



Conclusion:प्रोफेसर कुशवाहा ने बताया कि पहले से निलंबित हुए 6 और अब निलंबित हुए अन्य 5 रेजिडेंट डॉक्टरों को मिलाकर इन सभी 11 लोगों को हॉस्टल खाली करने का भी आदेश दे दिया गया है। इसके अलावा जांच पूरी होने तक यह सभी किसी भी चिकित्सीय कार्यवाही में प्रतिभाग नहीं कर पाएंगे।

बाइट- प्रोफेसर आर एस कुशवाहा, प्रॉक्टर, केजीएमयू

रामांशी मिश्रा
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