लखनऊ : बीते चार साल से फरार पश्चिमी यूपी के माफिया बदन सिंह बद्दो पर इनाम राशि ढाई लाख से पांच लाख करने के डीजीपी मुख्यालय के प्रस्ताव पर गृह विभाग ने मुहर लगा दी है. अब बदन सिंह पांच लाख इनामी बदमाश हो गया है. गुरुवार को प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बदन सिंह बद्दो पुत्र चरण सिंह निवासी ग्राम बेरीपुरा थाना टीपीनगर मेरठ की गिरफ्तारी के लिए इनाम की धनराशि ढाई लाख से पांच लाख बढ़ाने का शासनादेश जारी कर दिया. बदन सिंह बद्दो पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. बीते दिनों डीजीपी मुख्यालय की ओर से शासन को इनाम राशि बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा था.
गौरतलब है कि रहन–सहन और शक्ल-ओ-सूरत से किसी एक्टर सा लगने वाला पश्चिमी यूपी का माफिया बदन सिंह बद्दो दुनिया के किसी कोने में छुपा हुआ है. बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में हत्या, वसूली, लूट, डकैती के 40 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. साथ ही बदन सिंह बद्दो पर अब तक ढाई लाख का इनाम घोषित था. वह साल 2019 से बद्दो फरार है. बद्दो बीते कई वर्षों से टॉप 25 माफिया की लिस्ट में अपना नाम शुमार कर रहा है. इसके अलावा पुलिस अब तक उसकी दस करोड़ से अधिक की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है. उसके खिलाफ जल्द रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी है.
ट्रक ड्राइवर का बेटा बना पांच लाख का इनामी : बदन सिंह बद्दो के पिता चरण सिंह पंजाब के जालंधर से वर्ष 1970 में बेरीपुर मेरठ आ गए और ट्रक चलाने लगे. कुछ समय ड्राइवर का काम करने के बाद उन्होंने खुद का एक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया. चरण सिंह के बदन सिंह बद्दो समेत सात बेटे थे और जिसमें बद्दो सबसे छोटा था. बद्दो की दोस्ती जरायम की दुनिया के लोगों से हुई तो उसकी बैठकी अपराधियों के साथ शुरू हो गई. 40 की उम्र होते-होते बद्दो के सभी छह भाइयों की मौत हो चुकी थी.
शराब की तस्करी से जरायम की दुनिया में हुई थी बद्दो की एंट्री : 1980 तक बदन सिंह मेरठ के छुटभैया बदमाशों के साथ रहा करता था और शराब की तस्करी कर पैसे कमा रहा था. इसी शराब तस्करी से उसने मेरठ ही नही, बल्कि पूरे यूपी, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और यहां तक कि आंध्र प्रदेश तक पानी पहचान बना ली थी. शराब तस्करी के दौरान ही बद्दो की मुलाकात पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर रविंद्र भूरा से हुई और उसके गैंग में शामिल हो गया. बदन सिंह बद्दो के खिलाफ पहला आपराधिक मामला वर्ष 1988 में दर्ज हुआ. उसने एक जमीन विवाद में मेरठ के कोतवाली बाजार में राजकुमार की हत्या कर दी. पहली बार वह 1988 में ही गिरफ्तार हुआ था, उसके पास से पुलिस को एक राइफल और 15 जिंदा कारतूस बरामद हुए थे.
एक थप्पड़ ने करा दी थी बद्दो को उम्रकैद : वर्ष 1994 में बदन सिंह ने प्रकाश नाम के व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी. बदन सिंह चर्चा में तब आया जब वर्ष 1996 में बदन सिंह बद्दो ने वकील रविंद्र सिंह की हत्या कर दी. इस हत्याकांड के पीछे का कारण बताया जाता है कि वारदात के एक दिन पहले ही बदन सिंह बद्दो ने रविंद्र के पारिवारिक मित्र की पत्नी के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे नाराज रविंद्र सिंह ने बद्दो को थप्पड़ मार दिया. रविंद्र की हत्या के मामले में साल 2017 में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा उस पर वर्ष 2011 में मेरठ जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर व वर्ष 2012 में केबल नेटवर्क के मालिक की हत्या का भी मामला दर्ज है.