लखनऊ: राजधानी में आयोजित 11वें डिफेंस एक्सपो का रविवार को समापन हुआ. इस बार लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा डिफेंस एक्सपो कई सारे रिकॉर्ड भी बना गया. डीआरडीओ ने बड़ी संख्या में रक्षा उपकरण प्रदर्शित कर रिकॉर्ड बनाया तो वहीं 48 से अधिक देशों के रक्षामंत्रियों के आगमन से डिफेंस एक्सपो को नई पहचान मिली.
रविवार को हुआ डिफेंस एक्सपो का समापन
5 फरवरी को डिफेंस एक्सपो की शुरुआत के बाद 6 और 7 फरवरी को दो दिन बिजनेस कॉन्फ्रेंस के लिए निर्धारित किए गए थे, इसके बाद 8 और 9 फरवरी को डिफेंस एक्सपो के दरवाजे जनता के लिए खोल दिए गए थे. 9 फरवरी को 1:30 बजे दोपहर को डिफेंस एक्सपो का विधिवत समापन हो गया. राजधानी में पहली बार इस तरह का आयोजन हुआ, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा. इस बार के डिफेंस एक्सपो की चर्चा उत्तर प्रदेश और भारत तक ही सीमित नहीं बल्कि तमाम देशों में भी डिफेंस एक्सपो ने अपनी छाप छोड़ी है.
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क्यों रहा इस बार का डिफेंस एक्सपो खास
- डिफेंस एक्सपो-2020 में 40 देशों के रक्षामंत्री, 70 देशों के डेलीगेट्स, 3 हजार से ज्यादा विदेशी पर्यटक आए थे.
- 10 हजार से ज्यादा देशभर के आगंतुक, 12 लाख लोग, 857 देशी कम्पनियां और 172 विदेशी कम्पनियों ने शिरकत की.
- इसके साथ ही 12 हजार लोगों ने डिफेंस एक्सपो का एप भी डाऊनलोड किया.
- इस डिफेंस एक्सपो में सबसे अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
- 200 से ज्यादा एग्रीमेंट्स डिफेंस एक्सपो-2020 को पहचान दे गए.
- डिफेंस कॉरिडोर के लिए यूपी सरकार से कुल 23 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए.
- पहली बार डीआरडीओ ने इतने बड़े स्तर पर अपने रक्षा उपकरणों को देश-विदेश के सामने प्रदर्शित किया.
- डीआरडीओ ने विश्व को यह एहसास कराया कि रक्षा उपकरणों के निर्माण के मामले में भारत अब किसी से पीछे नहीं है.
- डिफेंस एक्सपो से सरकार ने 50 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है और ढाई से तीन लाख रोजगार देने का टारगेट रखा है.
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