लखनऊ: राजधानी लखनऊ में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ की ओर से आम, अमरूद एवं आंवला के ग्राफ्टिंग व रखरखाव विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सोमवार को संपन्न हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत 13 जनवरी से की गई थी. प्रशिक्षण संस्थान के विशेषज्ञों द्वारा दिया गया.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के 16 जिलों खंडवा, रीवा, उज्जैन, मुरैना, गुना, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, झाबुआ, राजगढ़, जबलपुर, पन्ना, हरदा, खरगौन, बुड़हनपुर, धार, शिवपुरी के 20 उद्यान प्रसार अधिकारियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम के दौरान आम, अमरूद एवं आंवला के ग्राफ्टिंग और गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु प्रौद्योगिकी के बारे में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी गई.
नई तकनीक की दी गई जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बागवानी से जुड़ी समस्याओं और उसके संभावित समाधान पर भी चर्चा की गई. साथ ही संस्थान के विशेषज्ञनों ने बागवानी की नई तकनीकी के बारे में भी जानकारी दी, जिससे कि बागवानी को बढ़ाया जा सकें. वहीं आम, आवला के फलसों में को रोगों से कैसे बचाया जा सकता है. इसकी भी जानकारी दी गई.
मध्य प्रदेश के जंगलों पर हुई चर्चा
कार्यक्रम में विभिन्न प्रतिभागियों ने मध्य प्रदेश की बागवानी संबंधी समस्याओं और आम व अमरूद की बागवानी को बढ़ाने संबंधित विषयों पर चर्चा की गई. संस्थान के निदेशक डाॅ. शैलेंद्र राजन ने संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न आम की तकनीकों के बारे में बताया. उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित फलों की विभिन्न किस्मों की चर्चा की और कहा कि इसके प्रसार की संभावनाएं मध्य प्रदेश में अधिक है. पाठयक्रम निदेशक डाॅ. सुशील कुमार शुक्ल एवं कार्यक्रम के समन्वयक डाॅ. दुष्यंत मिश्र ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रतिभागियों को नर्सरी, मैंगो पैक हाउस, ग्राफ्टिंग बागों आदि का भ्रमण भी कराया.