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उत्तर प्रदेश में स्थापित होगा बिजली का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट - Obra D Project

उत्तर प्रदेश में बिजली का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट (First ultra super critical power plant in UP) स्थापित किया जाएगा. इस बात की जानकारी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने मंगलवार को दी।

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power corporation First ultra super critical power plant in UP बिजली का पहला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ओबरा डी तापीय परियोजना Obra D Project सोनभद्र के ओबरा में डी तापीय परियोजना
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Published : Jul 12, 2023, 8:05 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रि परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ रुपये (17985.27 करोड़) की लागत से 2×800 मेगावाट की ओबरा डी तापीय परियोजना की स्थापना (First ultra super critical power plant in UP) को मंजूरी दी गई है. परियोजना की स्थापना एनटीपीसी और राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के संयुक्त उद्यम मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से होगी.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि इस परियोजना की स्थापना में 70 प्रतिशत धनराशि का उपयोग लगभग 12,589.68 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर होगा. शेष 30 प्रतिशत धनराशि का 50 प्रतिशत लगभग 2,697.79 करोड़ रुपये राज्य सरकार और शेष धनराशि एनटीपीसी की होगी. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी. ऐसे प्लांट अब तक प्रदेश में नहीं बने.


उन्होंने बताया कि इस तरह के प्लांट की टेक्नोलॉजी एडवांस होती है. इनकी एफिशिएंसी काफी ज्यादा होती है और इसमें कोयले की खपत भी काफी कम होती है. इससे बिजली उत्पादन की लागत में कमी आती है. इसकी पहली यूनिट 50 महीने में और दूसरी यूनिट 56 महीने में तैयार होकर बिजली उत्पादन शुरू कर देगी. ओबरा डी परियोजना (Obra D Project) से औसतन 4.89 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल सकेगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. अभी यूपीपीसीएल की तरफ से औसतन 5.50 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी जा रही है. यह प्लांट एनसीएल कोल माइंस के पास ही स्थापित होगा. जहां से इसे कोयला प्राप्त होगा. इससे कोयले की ढुलाई में कम खर्च आयेगा. इस प्लांट को पानी ओबरा रिजर्वायर से मिलेगा.

सोनभद्र के ओबरा में डी तापीय परियोजना को लेकर ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 7682 मेगावाट है. इसमें से तापीय ऊर्जा की 7158 मेगावाट और जल विद्युत की 524 मेगावाट है, लेकिन यह 1600 मेगावाट की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना अभी तक की स्थापित परियोजनाओं की 25 प्रतिशत क्षमता के बराबर होगी. सस्ती बिजली का उत्पादन होने से उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली से मुक्ति मिलेगी. उन्हें सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि उपभोक्ताओं को सस्ती और बेहतर विद्युत आपूर्ति मुहैया की जा सके. इसी दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाते हुए इस तरह का प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें- महिला होमगार्डों में जमकर मारपीट, एक अस्पताल में भर्ती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की मंत्रि परिषद की मंगलवार को हुई बैठक में सोनभद्र के ओबरा में लगभग 18 हजार करोड़ रुपये (17985.27 करोड़) की लागत से 2×800 मेगावाट की ओबरा डी तापीय परियोजना की स्थापना (First ultra super critical power plant in UP) को मंजूरी दी गई है. परियोजना की स्थापना एनटीपीसी और राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के संयुक्त उद्यम मेजा ऊर्जा निगम प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से होगी.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बताया कि इस परियोजना की स्थापना में 70 प्रतिशत धनराशि का उपयोग लगभग 12,589.68 करोड़ रुपये वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर होगा. शेष 30 प्रतिशत धनराशि का 50 प्रतिशत लगभग 2,697.79 करोड़ रुपये राज्य सरकार और शेष धनराशि एनटीपीसी की होगी. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यह राज्य की पहली अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल यूनिट होगी. ऐसे प्लांट अब तक प्रदेश में नहीं बने.


उन्होंने बताया कि इस तरह के प्लांट की टेक्नोलॉजी एडवांस होती है. इनकी एफिशिएंसी काफी ज्यादा होती है और इसमें कोयले की खपत भी काफी कम होती है. इससे बिजली उत्पादन की लागत में कमी आती है. इसकी पहली यूनिट 50 महीने में और दूसरी यूनिट 56 महीने में तैयार होकर बिजली उत्पादन शुरू कर देगी. ओबरा डी परियोजना (Obra D Project) से औसतन 4.89 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिल सकेगी, जिसका लाभ उपभोक्ताओं को भी मिलेगा. अभी यूपीपीसीएल की तरफ से औसतन 5.50 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीदी जा रही है. यह प्लांट एनसीएल कोल माइंस के पास ही स्थापित होगा. जहां से इसे कोयला प्राप्त होगा. इससे कोयले की ढुलाई में कम खर्च आयेगा. इस प्लांट को पानी ओबरा रिजर्वायर से मिलेगा.

सोनभद्र के ओबरा में डी तापीय परियोजना को लेकर ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में अभी विद्युत उत्पादन की कुल क्षमता 7682 मेगावाट है. इसमें से तापीय ऊर्जा की 7158 मेगावाट और जल विद्युत की 524 मेगावाट है, लेकिन यह 1600 मेगावाट की ओबरा ‘डी’ तापीय परियोजना अभी तक की स्थापित परियोजनाओं की 25 प्रतिशत क्षमता के बराबर होगी. सस्ती बिजली का उत्पादन होने से उपभोक्ताओं को भी महंगी बिजली से मुक्ति मिलेगी. उन्हें सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी. प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि उपभोक्ताओं को सस्ती और बेहतर विद्युत आपूर्ति मुहैया की जा सके. इसी दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाते हुए इस तरह का प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया है.

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