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केजीएमयू के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में लगी आग, मरीजों के सैम्पल खाक - लखनऊ का समाचार

केजीएमयू के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में आग लग गई. प्रयोगशाला में लगी आग से फ्रिज में रखे सैम्पल खाक हो गए.

गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में लगी आग
गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में लगी आग
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Published : Sep 13, 2021, 9:53 PM IST

लखनऊः राजधानी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक केजीएमयू के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में आग लग गई. जिससे फ्रिज में रखे मरीजों के सैम्पल खाक हो गए. वहीं फॉल्स सीलिंग समेत अन्य सामान भी जलकर राख हो गए. घटना को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.

केजीएमयू के शताब्दी फेज-वन में गेस्ट्रोसर्जरी विभाग का संचालन हो रहा है. इसमें लिवर प्रत्यारोपण समेत पेट संबंधी बीमारियों का इलाज किया जाता है. भूतल पर बने विभाग के एचओडी और डॉक्टरों के कक्ष हैं. यहीं बगल में लैब है. इसमें मरीजों के खून, बायोप्सी, पस आदि के नमूने रखे गए थे. ये सभी नष्ट हो गए. इसके अलावा कमरे की फॉल सीलिंग पूरी तरह से जल गई. कमरे में रखी कुर्सी-मेज और अलमारी भी जल उठी. जब आग फ्रिज तक पहुंची तो उसका कम्प्रेशर फट गया. उसकी आवाज से कर्मचारियों की नींद टूटी. जिसके बाद लोग हरकत में आ गए. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी

भूतल पर आग लगने से ऊपरी तलों पर भर्ती मरीज घबरा गए. नीचे भरा धुंआ ऊपर पहुंच गया. इससे मरीजों को दिक्कत होने लगी. कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया. कुलपति डॉक्टर विपिन पूरी ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. कमेटी का चेयरमैन शताब्दी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार को बनाया गया है. विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अभिजीत चन्द्रा, प्रॉक्टर डॉक्टर क्षितिज श्रीवास्तव, कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ. मनीष कुमार मनार, और एक्जिक्विटिव इंजीनियर धर्म देव सिंह को सदस्य बनाया गया है.

लखनऊः राजधानी के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक केजीएमयू के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में आग लग गई. जिससे फ्रिज में रखे मरीजों के सैम्पल खाक हो गए. वहीं फॉल्स सीलिंग समेत अन्य सामान भी जलकर राख हो गए. घटना को लेकर जांच के आदेश दिए गए हैं.

केजीएमयू के शताब्दी फेज-वन में गेस्ट्रोसर्जरी विभाग का संचालन हो रहा है. इसमें लिवर प्रत्यारोपण समेत पेट संबंधी बीमारियों का इलाज किया जाता है. भूतल पर बने विभाग के एचओडी और डॉक्टरों के कक्ष हैं. यहीं बगल में लैब है. इसमें मरीजों के खून, बायोप्सी, पस आदि के नमूने रखे गए थे. ये सभी नष्ट हो गए. इसके अलावा कमरे की फॉल सीलिंग पूरी तरह से जल गई. कमरे में रखी कुर्सी-मेज और अलमारी भी जल उठी. जब आग फ्रिज तक पहुंची तो उसका कम्प्रेशर फट गया. उसकी आवाज से कर्मचारियों की नींद टूटी. जिसके बाद लोग हरकत में आ गए. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी

भूतल पर आग लगने से ऊपरी तलों पर भर्ती मरीज घबरा गए. नीचे भरा धुंआ ऊपर पहुंच गया. इससे मरीजों को दिक्कत होने लगी. कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया. कुलपति डॉक्टर विपिन पूरी ने मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की. कमेटी का चेयरमैन शताब्दी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार को बनाया गया है. विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अभिजीत चन्द्रा, प्रॉक्टर डॉक्टर क्षितिज श्रीवास्तव, कम्युनिटी मेडिसिन के डॉ. मनीष कुमार मनार, और एक्जिक्विटिव इंजीनियर धर्म देव सिंह को सदस्य बनाया गया है.

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बहरहाल आग कैसे लगी इसका पता नहीं चल पाया है. अस्पताल प्रशासन ने इसके जांच के आदेश दे दिए है.

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