लखनऊ : केजीएमयू में शॉर्ट-सर्किट के कारण शनिवार को रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग में डॉक्टर के कमरे में आग लग गई. इसके बाद हड़कंप मच गया. डॉक्टरों ने बिजली की आपूर्ति बंद कराकर बड़ा हादसा होने से बचा लिया. केजीएमयू में अग्निकांड से बचाव के लिए लाखों रुपये के उपकरण लगाए गए हैं. शनिवार को आग लगने पर फायर अलार्म नहीं बजे. इससे फायर फाइटिंग सिस्टम की पोल खुल गई.
रेस्पीरेटरी मेडिसिन में आग करीब 1 बजे लगी. ज्यादातर डॉक्टर ओपीडी से लौटे थे. अचानक विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के कमरे में तेज धमाका हुआ. उस वक्त विभागाध्यक्ष कमरे में नहीं थे. दूसरे डॉक्टरों ने कमरे के बाहर झांक कर देखा, तो कुछ नजर नहीं आया. लिहाजा सब अपने कमरों में वापस चले गए. 10 मिनट बाद विभाग में धुंआ भरने लगा. डॉक्टरों के कमरों में भी तार जलने की गंध आने लगी. विभागाध्यक्ष के कमरे में देखा, तो फॉल सीलिंग में आग लग गई. डॉक्टर बाहर भागकर आए, तुरंत बिजली बंद कराई. किसी तरह डॉक्टर और कर्मचारियों ने आग पर काबू पाया. विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत के मुताबिक शार्ट सर्किट से आग लगी थी, जिस पर काबू पा लिया गया.
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केजीएमयू पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय सिंह का शनिवार को विदाई समारोह हुआ. डॉ. अजय सिंह का चयन नोएडा के बाल चिकित्सा एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान के निदेशक पद पर हुआ है. ब्राउन हॉल में हुए समारोह में कुलपति डॉ. बिपिन पुरी, प्रति कुलपति डॉ. विनीत शर्मा, डॉ. उमा सिंह, डॉ. अब्बास अली मेंहदी और कुलसचिव आशुतोष द्विवेदी उपस्थित थे.
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