लखनऊ : राजधानी लखनऊ में वेतन बढ़ोतरी को लेकर सोमवार से धरना दे रहीं उत्तर प्रदेश पुलिस की 'डायल 112' की आउटसोर्सिंग पर कार्यरत सैकड़ों महिला कर्मचारियों के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. राजधानी के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पांच नामजद और 150 अन्य अज्ञात महिलाकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि इन कर्मियों पर बलवा, इमरजेंसी सेवाएं बाधित करने समेत अन्य आरोप हैं.
मुख्यालय के बाहर ही धरने पर बैठी थीं महिलकर्मी : सोमवार को डायल 112 में आउटसोर्सिंग पर तैनात महिलाकर्मियों ने बीते चार वर्षों से वेतन न बढ़ाए जाने को लेकर हंगामा शुरू किया था. मांग पूरी न होते देख सभी महिलाकर्मी मुख्यालय के बाहर ही धरने पर बैठ गई थीं. रात भर धरने पर बैठी महिलाओं को सुबह होते ही प्रशासन ने इको गार्डन पहुंचा दिया था. संविदाकर्मियों का कहना है कि उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जाता है, इतना ही नहीं बीते चार वर्षों से वो 12 हजार रुपए में कार्य कर रही हैं. ऐसे में उनका वेतन 18 हजार किया जाए और पीएफ भी काटा जाए. अधिकारियों कहना है कि 'ये सभी काॅल टेकर्स हैं, जो अब तक सेवा प्रदाता कंपनी रही MDSL/Tech Mahindra के अधीन कार्य कर रही थीं. अब नई कंपनी we win का चयन हुआ है. जो इन सभी कर्मियों की नियुक्ति संबंधी कार्य कर रही हैं. ऐसे में कंपनी और आउटसोर्सिंग कर्मियों के मध्य का मामला है. जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा, हालांकि बुधवार को ही योगी सरकार ने एडीजी 112 अशोक कुमार सिंह को भी हटा दिया है.
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सीएम योगी को लिखा पत्र : डायल 112 की महिला कर्मचारियों के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अब उनकी आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने डायल 112 कर्मियों की मांगों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. अजय राय ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इको गार्डन में हो रहे प्रदर्शन को सेवा नियमावली के अंतर्गत सुरक्षा व संबंधित व्यवस्था के निराकरण करने की मांग की है.
प्रदेश अध्यक्ष ने रखीं यह मांगें |
- इनको न्यूनतम 18000 रुपए का मासिक वेतन दिए. |
- नौकरी की सुरक्षा के लिए नियमावली बनाते हुए उनकी नौकरी न्यूनतम 15 वर्षों तक सुरक्षित की जाए. |
- प्रत्येक माह दो छुट्टियां प्रदान की जाए. |
- अन्य सरकारी कर्मचारी के समान स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान की जाए. |
- आंदोलनरत संवाद अधिकारियों को किसी प्रकार से प्रताड़ित न किया जाए. |
- इन संवाद अधिकारियों की मांगों को आज ही मंजूरी प्रदान की जाए. |
कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि 'अपनी व्यवस्था के संबंध में आंदोलनरत महिलाकर्मियों को विगत 7 वर्षों से किसी भी प्रकार की वेतन वृद्धि नहीं दी गई. इसके अतिरिक्त हुए सप्ताह के सातों दिन कार्य करने के लिए बाध्य हैं और उन्हें किसी प्रकार का साप्ताहिक अवकाश व नियमित अवकाश नहीं दिया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदर्शन कर रही महिलाकर्मियों ने यह भी बताया है कि उनकी नौकरी भी सुरक्षित नहीं है क्योंकि उनकी सेवाएं किसी भी नियमावली के अंतर्गत नहीं आती हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है की प्रदर्शन कर रही महिलाकर्मियों की मानवता के आधार पर उनकी मांगों पर विचार कर आवश्यक कार्रवाई की जाए, क्योंकि महंगाई के इस कठिन काल में इनको अपने परिवार का भरण पोषण भी करना होता है.'
'महिला सुरक्षा को लेकर सरकार के दावे खोखले' : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा कि 'भारतीय जनता पार्टी की ओर से महिला सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन महिलाओं की जो उत्तर प्रदेश में दुर्दशा है, वह सभी के सामने है. 112 डायल जोकि इस प्रदेश की कानून व्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण अंग है. उसमें भी कार्यरत महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं. आखिर सरकार किस बात पर दंभ भर रही है कि हम महिलाओं के लिए काम कर रहे हैं. महिला आरक्षण की बात करते हैं वह तो लागू होगा 2029 के बाद. जो महिलाएं 112 में कार्य कर रही हैं उनकी समस्याओं का समाधान क्यों नहीं हो रहा? कांग्रेस पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से उनके दर्द को सुना गया, उनकी जो मांगें हैं जो जायज हैं. उनकी जो नियुक्ति है वह सेवा नियमावली के अंतर्गत नहीं है. साथ ही उनके अवकाश और वेतन संबंधी मामलों को भी सरकार जल्द से जल्द निपटारा करे.