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बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार भर्ती में फर्जीवाड़े पर दर्ज हुई FIR, विभाग के दो कर्मचारी बनाए गए आरोपी

उत्तर प्रदेश बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (Uttar Pradesh Child Development Services and Nutrition Department) में साल 2003 में 710 पदों पर हुई संविदा भर्ती में हुए फर्जीवाड़े को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है. बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के प्रधान सहायक कुलदीप सिंह के मुताबिक, साल 2003 में 63 सीडीपीओ, 353 मुख्य सेविका व 294 पदों पर चपरासियों की संविदा पर नियुक्ति हुई थी.

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Published : Dec 14, 2022, 8:32 AM IST

Updated : Dec 14, 2022, 9:05 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (Uttar Pradesh Child Development Services and Nutrition Department) में साल 2003 में 710 पदों पर हुई संविदा भर्ती में हुए फर्जीवाड़े को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है. राजधानी के हजरतगंज कोतवाली में तत्कालीन लाइब्रेरियन और रिटायर कार्यालय अधीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के प्रधान सहायक कुलदीप सिंह के मुताबिक, साल 2003 में 63 सीडीपीओ, 353 मुख्य सेविका व 294 पदों पर चपरासियों की संविदा पर नियुक्ति हुई थी. शासन को शिकायत मिली कि इन नियुक्तियों की प्रक्रिया में भारी अनियमितता बरती गईं थीं. इस पर शासन ने जांच करवाई थी.


शासन की जांच में पाया गया कि सीडीपीओ, मुख्य सेविका और चपरासी के पद पर हुई नियुक्तियों में आरक्षण व्यवस्था को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया था. जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन लाइब्रेरियन मो. आसिफ ने संविदा नियुक्ति संबंधी अभिलेख किसे दिए थे, इसका भी कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है. हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्रा के मुताबिक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के प्रधान सहायक कुलदीप सिंह की तहरीर पर मो. आसिफ और मायालाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (Uttar Pradesh Child Development Services and Nutrition Department) में साल 2003 में 710 पदों पर हुई संविदा भर्ती में हुए फर्जीवाड़े को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया है. राजधानी के हजरतगंज कोतवाली में तत्कालीन लाइब्रेरियन और रिटायर कार्यालय अधीक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के प्रधान सहायक कुलदीप सिंह के मुताबिक, साल 2003 में 63 सीडीपीओ, 353 मुख्य सेविका व 294 पदों पर चपरासियों की संविदा पर नियुक्ति हुई थी. शासन को शिकायत मिली कि इन नियुक्तियों की प्रक्रिया में भारी अनियमितता बरती गईं थीं. इस पर शासन ने जांच करवाई थी.


शासन की जांच में पाया गया कि सीडीपीओ, मुख्य सेविका और चपरासी के पद पर हुई नियुक्तियों में आरक्षण व्यवस्था को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया था. जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन लाइब्रेरियन मो. आसिफ ने संविदा नियुक्ति संबंधी अभिलेख किसे दिए थे, इसका भी कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है. हजरतगंज इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्रा के मुताबिक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के प्रधान सहायक कुलदीप सिंह की तहरीर पर मो. आसिफ और मायालाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.


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Last Updated : Dec 14, 2022, 9:05 AM IST
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