लखनऊ: राजधानी के थाना क्षेत्र अलीगंज के चांदगंज मोहल्ले में बनी झोपड़ियों को तोड़ने गए वकीलों और मुख्य आरोपी के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि यह लोग बिना कोर्ट के आदेश और बिना किसी डाक्यूमेंट के जबरन पीड़ित की झोपड़ी उजाड़ने लगे. इसके बाद आईपीसी की धारा 147, 504, 427 में अलीगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.
पीड़ित उमाशंकर का कहना है कि वह उस जमीन पर स्वतंत्रता के पहले से काबिज है. अचानक कुछ वकीलों के साथ मिलकर अपने आप को जमीन का मालिक बताने वाले हमारी झोपड़ियों में तोड़-फोड़ करने लगे. इनके साथ में करीब 10 वकील थे. इस बाबत इंस्पेक्टर फरीद अहमद ने बताया कि अलीगंज स्थित चांदगंज में तीन हजार स्क्वायर फिट का प्लाट है. जहां पर तीन परिवार झोपड़ी डालकर रह रहे हैं. उनका आरोप है कि वह उस जगह पर स्वतंत्रता से पहले रह रहे हैं और उनका परिवार भी वहीं रहता है.
उन्होंने कहा है कि शैलेंद्र नाम के व्यक्ति ने उनकी झोपड़ी में तोड़-फोड़ की है और उनको वहां से निकालने की कोशिश की. शिकायत के आधार पर हमने मुकदमा दर्ज किया है. बताया जा रहा है कि यह जमीन मोहनको कंपनी के नाम से पंजीकृत है. उनके गुजर जाने के बाद शैलेंद्र उस जमीन पर मालिकाना हक बता रहे हैं. वहीं उमाशंकर उस पर अपना कब्जा बता रहे हैं. गलत तरीके से उनके घर पर तोड़-फोड़ गाली-गलौज और मारपीट करने के चलते शैलेंद्र पर मुकदमा दर्ज किया गया है और कार्रवाई की जा रही है.