लखनऊ: सूबे की राजधानी में ठगी का कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है. इस बार ठगों ने खुद की कंपनी बनाकर मछली पालन के कारोबार में निवेश का झांसा देकर चार कारोबारियों से 33 लाख रुपए ठग लिए. दरअसल, ठगों ने कारोबारियों को 14 माह में धन दोगुना होने का लालच दिया था. ठगी के शिकार पीड़ित कारोबारियों ने बुधवार को थाना विभूति खंड में केस दर्ज कराया है. तहरीर के आधार पर पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है. वहीं डी-फार्मा कोर्स में दाखिले के नाम पर ठगी का एक अन्य मामला भी सामने आया है. इस मामले में छात्र की तहरीर पर चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.
इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह ने बताया, ठगी के शिकार रायबरेली के वीरभानपुर निवासी आदित्य त्रिपाठी के मुताबिक, नवंबर 2020 में उसके पास माउंटेन एलाइज कंपनी की महिला कर्मी का फोन आया था. फोन पर उसने मछली के व्यवसाय में निवेश करने की सलाह दी थी. उसने कंपनी के मछली पालन व्यवसाय में पैसा लगाने पर भारी मुनाफा दिलाने की बात भी कही. महिला ने आदित्य से कहा कि वह लखनऊ में विभूति खंड स्थित माउंटेन लाइफ कंपनी के निदेशक विश्वनाथ निषाद से मिलकर मुनाफे की स्कीम समझ लें. महिला कर्मचारी पर भरोसा कर आदित्य लखनऊ आए और विश्वनाथ निषाद से मुलाकात की. विश्वनाथ निषाद ने आदित्य को मुनाफे की स्कीम के बारे में समझाया. विश्वनाथ निषाद ने निवेश करने पर रकम को 14 माह में दोगुना करने का दावा किया. उसकी बातों में आकर आदित्य ने अपने साथ ही दोस्त बृजभान सिंह, शिवेंद्र सिंह और सुरेंद्र के करीब 33 लाख रुपये कंपनी में निवेश करवा दिए. निवेश के बाद कंपनी ने कुछ समय ब्याज दिया और फिर अचानक पैसा देना बंद कर दिया. फोन मिलाने पर कंपनी के निदेशक विश्वनाथ ने फोन उठाना भी बंद कर दिया. रकम की मांग पर विश्वनाथ टाल-मटोल करने लगा और फिर जान से मारने की धमकी दी. इंस्पेक्टर विभूतिखंड ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.
डी-फार्मा कोर्स में दाखिले के नाम पर ठगी
निजी मेडिकल इंस्टीट्यूट में डी-फार्मा कोर्स में दाखिले के नाम पर जालसाज ने एक छात्र से दो लाख रुपये ठग लिए. इस मामले में चिनहट थाने में छात्र की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. चिनहट इंस्पेक्टर घनश्याम मणि त्रिपाठी ने बताया कि इंदिरानगर बसंत विहार निवासी अनूप सिंह को अपना और अपने रिश्तेदार विवेक का डी-फार्मा के लिए एक निजी मेडिकल इंस्टिट्यूट में एडमिशन कराना था. अनूप सिंह का आरोप है कि वीपी सिंह नाम के आदमी ने एक निजी कालेज में दाखिला कराने का दावा किया. इस पर अनूप ने खुद और रिश्तेदार विवेक का दाखिला कराने के लिए उसे दो लाख रुपये दे दिए. जिसके बाद आरोपी ने न ही उनका दाखिला कराया और न ही पैसे वापस किए. पैसे मांगने पर आरोपी जान से मारने की धमकी देने लगा. पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है.
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