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अफसरों का फर्जीवाड़ा: नगर निगम को आर्थिक नुकसान, ऑडिट में खुलासा होने पर विधानसभा समिति ने मांगा जवाब

लखनऊ नगर निगम (Financial loss to Lucknow Municipal Corporation) में अफसरों का फर्जीवाड़ा सामने आया है. इससे नगर निगम को आर्थिक नुकसान हुआ है. इसका खुलासा ऑडिट में हुआ. इसको लेकर विधानसभा की समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है.

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Etv Bharat lko अफसरों का फर्जीवाड़ा नगर निगम को आर्थिक नुकसान लखनऊ नगर निगम fraud by officers
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2023, 8:48 AM IST

लखनऊ: नगर निगम में वित्तीय मामलों में अधिकारियों व कर्मचारियों ने खूब फर्जीवाड़ा (Financial loss to Lucknow Municipal Corporation) किया. स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग की आडिट में मामले का खुलासा हुआ है. पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. विधानसभा की समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है. हालांकि निगम के अधिकारी कोई भी जवाब देने से बच रहे हैं. वर्ष 2012 में फर्जीवाड़ा कर निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाई गई.

नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने इस संबंध में 27 दिसंबर को सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है.नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों ने लाभ के लिए खुद भत्ता बढ़ा लिया. आदेश जारी कर 42 लाख रुपये का भत्ता ले लिया. स्थानीय लेखा परीक्षा की आडिट में यह गड़बड़ी पकड़ी गई है. शासन से नगर निगम के नाम पर कोई भत्ता निर्धारित नहीं था. इसके बढ़ने से अधिकारियों, कर्मचारियों का वेतन बढ़ गया, जिससे उन्हें फायदा होने लगा. मामला विधानसभा समिति के पास पहुंचा तो समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है.

मगर अधिकारी इसका जबाव देने से बच रहे हैं. पूर्व में भी नगर निगम के अधिकारियों ने इस तरह के फर्जीवाडे कर चुके हैं. इसके अलावा निजी सफाई व्यवस्था में अनुबंध के विपरीत कटौती बिना ही ठेकेदारों को 53.37 लाख का भुगतान कर क्षति पहुंचायी गई. एल्डिको ग्रीन के पट्टाधारकों से 11.35 लाख रुपये लीजरेंट नहीं वसूल किया गया. हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम तक सुन्दरीकरण में निर्माण वाले ठेकेदारों से पार्किंग शुल्क वसूली न करने से 3.20 लाख क्षति हुई तथा वित्तीय अनुशासन और नियंत्रण न किए जाने से 48.38 करोड़ का व्यय अधिक हुआ.

अब मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि विधानसभा की समिति इसकी रिपोर्ट मांग रही है. किसके आदेश पर भत्ता लिया गया, इसकी पूरी आख्या मांगी है.विधानसभा की समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है. हालांकि निगम के अधिकारी कोई भी जवाब देने से बच रहे हैं. वर्ष 2012 में फर्जीवाड़ा कर निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाई गई. नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने इस संबंध में 27 दिसंबर को सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है.

टैक्स बकाये पर होटल व स्कूल की सीवर लाइन काटी: लखनऊ में जलकल विभाग ने वाटर और सीवर टैक्स बकाया होने पर एक बार फिर कार्रवाई की. करीब 13 लाख रुपये टैक्स न जमा करने पर होटल और स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. जलकल जोन एक के प्रभारी अधिशासी अभियंता उत्कर्ष राय ने बताया कि नाका हिंडोला गुरुद्वारा रोड स्थित अमर प्रेम होटल पर सात लाख रुपये और गोखले मार्ग स्थित रेडहिल स्कूल पर करीब छह लाख रुपये बकाया था. काफी प्रयास और नोटिस दिए जाने के बाद भी दोनों भवन स्वामियों की ओर से जल व सीवर कर का भुगतान नहीं किया गया.

शुक्रवार को एई, सीवर स्टाफ व वसूली से संबंधित कर्मचारियों का दल दोनों स्थान पर पहुंचा. शुल्क न जमा करने पर दोनों संस्थानों के सीवर को मुख्य लाइन से काट दिया गया है. इससे पहले भी जोन एक ने कार्रवाई करते हुए 12 दिसंबर को बर्लिंग्टन चौराहा स्थित एफआई हॉस्पिटल और कैंट रोड सदर पुल की ओर रानी शांति देवी के नाम से टीवीएस सर्विस सेंटर की सीवर लाइन लाखों रुपये बकाया भुगतान न करने पर काट दी थी.

ये भी पढ़ें- यूपी में शिक्षा विभाग सख्त: 77 शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन, रोकी गयी सैलरी

लखनऊ: नगर निगम में वित्तीय मामलों में अधिकारियों व कर्मचारियों ने खूब फर्जीवाड़ा (Financial loss to Lucknow Municipal Corporation) किया. स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग की आडिट में मामले का खुलासा हुआ है. पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. विधानसभा की समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है. हालांकि निगम के अधिकारी कोई भी जवाब देने से बच रहे हैं. वर्ष 2012 में फर्जीवाड़ा कर निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाई गई.

नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने इस संबंध में 27 दिसंबर को सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है.नगर निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों ने लाभ के लिए खुद भत्ता बढ़ा लिया. आदेश जारी कर 42 लाख रुपये का भत्ता ले लिया. स्थानीय लेखा परीक्षा की आडिट में यह गड़बड़ी पकड़ी गई है. शासन से नगर निगम के नाम पर कोई भत्ता निर्धारित नहीं था. इसके बढ़ने से अधिकारियों, कर्मचारियों का वेतन बढ़ गया, जिससे उन्हें फायदा होने लगा. मामला विधानसभा समिति के पास पहुंचा तो समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है.

मगर अधिकारी इसका जबाव देने से बच रहे हैं. पूर्व में भी नगर निगम के अधिकारियों ने इस तरह के फर्जीवाडे कर चुके हैं. इसके अलावा निजी सफाई व्यवस्था में अनुबंध के विपरीत कटौती बिना ही ठेकेदारों को 53.37 लाख का भुगतान कर क्षति पहुंचायी गई. एल्डिको ग्रीन के पट्टाधारकों से 11.35 लाख रुपये लीजरेंट नहीं वसूल किया गया. हजरतगंज स्थित गांधी आश्रम तक सुन्दरीकरण में निर्माण वाले ठेकेदारों से पार्किंग शुल्क वसूली न करने से 3.20 लाख क्षति हुई तथा वित्तीय अनुशासन और नियंत्रण न किए जाने से 48.38 करोड़ का व्यय अधिक हुआ.

अब मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि विधानसभा की समिति इसकी रिपोर्ट मांग रही है. किसके आदेश पर भत्ता लिया गया, इसकी पूरी आख्या मांगी है.विधानसभा की समिति ने नगर निगम से जवाब मांगा है. हालांकि निगम के अधिकारी कोई भी जवाब देने से बच रहे हैं. वर्ष 2012 में फर्जीवाड़ा कर निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाई गई. नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी नंदराम कुरील ने इस संबंध में 27 दिसंबर को सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखा है.

टैक्स बकाये पर होटल व स्कूल की सीवर लाइन काटी: लखनऊ में जलकल विभाग ने वाटर और सीवर टैक्स बकाया होने पर एक बार फिर कार्रवाई की. करीब 13 लाख रुपये टैक्स न जमा करने पर होटल और स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की. जलकल जोन एक के प्रभारी अधिशासी अभियंता उत्कर्ष राय ने बताया कि नाका हिंडोला गुरुद्वारा रोड स्थित अमर प्रेम होटल पर सात लाख रुपये और गोखले मार्ग स्थित रेडहिल स्कूल पर करीब छह लाख रुपये बकाया था. काफी प्रयास और नोटिस दिए जाने के बाद भी दोनों भवन स्वामियों की ओर से जल व सीवर कर का भुगतान नहीं किया गया.

शुक्रवार को एई, सीवर स्टाफ व वसूली से संबंधित कर्मचारियों का दल दोनों स्थान पर पहुंचा. शुल्क न जमा करने पर दोनों संस्थानों के सीवर को मुख्य लाइन से काट दिया गया है. इससे पहले भी जोन एक ने कार्रवाई करते हुए 12 दिसंबर को बर्लिंग्टन चौराहा स्थित एफआई हॉस्पिटल और कैंट रोड सदर पुल की ओर रानी शांति देवी के नाम से टीवीएस सर्विस सेंटर की सीवर लाइन लाखों रुपये बकाया भुगतान न करने पर काट दी थी.

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