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कथित किडनी रैकेट मामले में अंतिम रिपोर्ट खारिज, अग्रिम विवेचना के आदेश - यूपी पुलिस

विशेष सीजेएम कस्टम सुदेश कुमार ने फेसबुक पर कथित किडनी रैकेट के सक्रिय होने के मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना के बाद दाखिल अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. साथ ही थानाध्यक्ष गोमती नगर को इस मामले की अग्रिम विवेचना का आदेश भी दिया है.

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Published : Nov 19, 2019, 3:04 AM IST

लखनऊ: कथित किडनी रैकेट के मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की. हालांकि, विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कस्टम लखनऊ सुदेश कुमार ने पुलिस के दर्ज अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.


मामले की एफआईआर गोमती नगर थाने में आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा मई 2014 में दर्ज कराई गई थी. इसमें सोशल मीडिया फेसबुक पर किडनी रैकेट के सक्रिय होने का आरोप लगाया गया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 270, 336, 403, 413, 414, 420, 467, 468 और 511 और धारा 19, ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में कहा गया था कि शिकायतकर्ता को अनुराग जोशी नामक व्यक्ति ने फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क किया था और करीब तीन लाख रुपये देने की बात कही थी. इसके लिए उन्हें पुणे आने को भी कहा गया था, जहां से शिकायतकर्ता को ईरान भेजे जाने की बात कही गई थी.

पढ़ें:- बरेली: 2 साल की बच्ची से दुष्कर्म, कोर्ट ने 14 दिनों में सुनाई दोषी को उम्रकैद की सजा

क्राइम ब्रांच, लखनऊ ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया. कोर्ट ने बताया कि लखनऊ पुलिस द्वारा इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण में बहुत ही सतही-सजयंग ढंग से विवेचना की गई. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने सरसरी तौर पर विवेचना की है. लिहाजा कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट खारिज करते हुए थानाध्यक्ष गोमती नगर को अग्रिम विवेचना करने के आदेश दिए हैं.

लखनऊ: कथित किडनी रैकेट के मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की. हालांकि, विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कस्टम लखनऊ सुदेश कुमार ने पुलिस के दर्ज अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है.


मामले की एफआईआर गोमती नगर थाने में आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा मई 2014 में दर्ज कराई गई थी. इसमें सोशल मीडिया फेसबुक पर किडनी रैकेट के सक्रिय होने का आरोप लगाया गया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 270, 336, 403, 413, 414, 420, 467, 468 और 511 और धारा 19, ट्रांसप्लांटेशन ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. एफआईआर में कहा गया था कि शिकायतकर्ता को अनुराग जोशी नामक व्यक्ति ने फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क किया था और करीब तीन लाख रुपये देने की बात कही थी. इसके लिए उन्हें पुणे आने को भी कहा गया था, जहां से शिकायतकर्ता को ईरान भेजे जाने की बात कही गई थी.

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क्राइम ब्रांच, लखनऊ ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया. कोर्ट ने बताया कि लखनऊ पुलिस द्वारा इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण में बहुत ही सतही-सजयंग ढंग से विवेचना की गई. कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने सरसरी तौर पर विवेचना की है. लिहाजा कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट खारिज करते हुए थानाध्यक्ष गोमती नगर को अग्रिम विवेचना करने के आदेश दिए हैं.


कथित किडनी रैकेट मामले में अंतिम रिपोर्ट ख़ारिज, विवेचना के आदेश
विधि संवाददाता
लखनऊ
। कथित किडनी रैकेट के एक मामले में पुलिस ने विवेचना के पश्चात अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को में दाखिल कर दी है। हालांकि, विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कस्टम लखनऊ सुदेश कुमार ने पुलिस द्वारा मामले को बंद करने सम्बंधी उक्त अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया है
    मामले की एफआईआर गोमती नगर थाने में
आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा मई 2014 में दर्ज कराई गई थी। जिसमें सोशल मीडिया फेसबुक पर किडनी रैकेट के सक्रिय होने का आरोप लगाया गया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 270, 336, 403, 413, 414,  420467, 468 511 तथा धारा 19, ट्रांसप्लांटेशन ऑफ़ ह्यूमन ओर्गंस एक्ट के तहत दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया था कि शिकायतकर्ता को अनुराग जोशी नामक व्यक्ति ने फेसबुक पर किडनी बेचने के लिए संपर्क किया था और करीब तीन लाख रुपये देने की बात कही थी, जिसके लिए उन्हें पुणे आने को भी कहा गया था, जहां से शिकायतकर्ता को से ईरान भेजे जाने की बात कही गई थीक्राइम ब्रांच, लखनऊ ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल किया, जिसका विरोध करते हुए शिकायतकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि लखनऊ पुलिस द्वारा इस अत्यंत संवेदनशील प्रकरण में बहुत ही सतही ढंग से विवेचना की गईकोर्ट ने कहा कि पुलिस ने सरसरी तौर पर विवेचना की है। लिहाजा कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट खरोज करते हुए थानाध्यक्ष गोमतीनगर को अग्रिम विवेचना करने के आदेश दिए हैं

    

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Chandan Srivastava
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