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krishna janmashtami 2021: इस्कॉन मंदिर के फेसबुक पेज से घर बैठे करें कन्हैया के दर्शन - जन्माष्टमी 2021

राजधानी लखनऊ के सभी मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाया जा रहा है. सभी मंदिरों में साज-सज्जा देखने को मिल रही है. गोल्फ सिटी स्थित इस्कॉन मंदिर के फेसबुक पेज से भक्त श्रीकृष्ण पूजन ऑनलाइन देख सकेंगे.

लखनऊ के मंदिरों में जन्माष्टमी के रंग.
लखनऊ के मंदिरों में जन्माष्टमी के रंग.
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Published : Aug 30, 2021, 5:23 PM IST

Updated : Aug 30, 2021, 10:33 PM IST

लखनऊ: राजधानी के सभी प्राचीन मंदिरों में सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. लखनऊ के सभी मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. लखनऊ के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर, डालीगंज माधव मंदिर, बांग्ला बाजार श्री जानकी मंदिर, आलमबाग में सनातन धर्म मंदिर और मौनी बाबा सभी मंदिरों में पूजा और कथा की शुरुआत हो गई है. मंदिरों में साज-सज्जा देखने को मिल रही है. इस बार जन्माष्टमी के अवसर पर कोविड-19 के गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है.

मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों का ताता लगा हुआ हैं, श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. भक्त कान्हा उत्सव को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं, साथ ही कान्हा उत्सव के लिए मंदिर संचालक की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंदिर में पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं से निवेदन करके कोविड-19 गाडलाइन का पालन कराया जा रहा है. मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मूर्तियों के स्पर्श करने पर रोक लगाई गई है. मंदिर में बिना के मास्क के प्रवेश वर्जित किया गया है.

जानकारी देते मंदिर के महंत.

इस्कॉन मंदिर के फेसबुक पेज से घर बैठे करें दर्शन

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा है. लखनऊ के श्रीकृष्ण गोल्फ सिटी स्थित इस्कॉन मंदिर और डालीगंज स्थित माधव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सारी तैयारियां हो गई है. मंदिरों में अभी से ढोल नगाड़े बजने लगे हैं. रात 9 बजे से पूजा शुरु हो जाएगी. मंदिर के महंत ने बताया कि केवल सोमवार के लिए रात्रि कर्फ्यू हटाया गया है. मंदिरों में सीमित भक्तों के साथ पूजापाठ और प्रसाद वितरण होगा. इस्कॉन मंदिर के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Aparimit shyam/Iskontemplelucknow से भक्त श्रीकृष्ण पूजन ऑनलाइन देखेगें. घरों में बच्चे भी श्रीकृष्ण की वस्त्र वेशभूषा धारण कर रहे हैं.

राधा-कृष्ण की वेशभूषा में बच्चे.
राधा-कृष्ण की वेशभूषा में बच्चे.

इसे भी पढ़ें- Shri Krishna Janmashtami 2021 : भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम, जन्माष्टमी पर जपने से पूरे होंगे हर काम

राधा-कृष्ण
राधा-कृष्ण
27 साल में बना ऐसा योग

मंदिर के महंत रामशंकर अवस्थी बताते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव से संबंधित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. रात्रि के 12 बजे आज दोनों ही शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं. यह 27 साल बाद ऐसा मुहूर्त मिल रहा है जो वैष्णव और गास्त दोनों एक साथ जन्माष्टमी मनाएंगे. आज रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव होगा और खूब धूमधाम से कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

जन्माष्टमी की झांकी.
जन्माष्टमी की झांकी.

इसे भी पढ़ें- श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार : ब्रज में कान्हा ने 'हरि चंद्रिका' पोशाक में दिए दिव्य दर्शन

श्रीकृष्ण भगवान की 16 कलाएं

श्री धन संपदा, भूअचल संपत्ति, कीर्ति यश सिद्धि, इला-वाणी की सम्मोहकता, लीला आनंद उत्सव, कांति सौंदर्य और आभा, विद्या मेधा बुद्धि, विमला पारदर्शिता, प्ररेणा और नियोजन, ज्ञान नीर और विवेक, क्रिया कर्मण्यता, योग चित्तलय, प्रहवि- अत्यंतिक विनय, सत्य यथार्थ, इसना आधिपत्य व अनुग्रह उपकार.

इस्कॉन मंदिर लखनऊ
इस्कॉन मंदिर लखनऊ

इसे भी पढ़ें- कृष्ण जन्माष्टमी पर क्या है नार वाले खीरे का महत्व, क्यों बढ़ जाती है कीमत


जन्माष्टमी पर ऐसे करें पूजन मिलेगा लाभ

आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मध्यरात्रि 12 बजे से स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण को घंटा और शंख ध्वनि करते हुए पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को यज्ञोपवीत धारण कराएं, चंदन और अक्षत चढाएं, पुष्प और इत्र चढ़ाएं. धूप, दीप दिखाए और तुलसी, मक्खन, मिश्री, पंजीरी और नैवैद्य का भोग, ऋतुफल चढ़ाए. लौंग, इलायची और पान अर्पित करें. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण का मंत्र जप या स्त्रोत का पाठ करें व कपूर से आरती करें और सुख-समृद्धि व मनोकामना की प्रार्थना करें. अंत में पूजन में जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

बरेली की जेलों के कार्यक्रम.

बरेली जिला जेल में कैदियों ने जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कैदियों ने कृष्ण पर आस्था दिखाते हुए शानदार अभिनय भी किया. जेल मे बंदियों ने उन सभी किरदारों को अपने अभिनय में उतारा जो कृष्ण लीला के पात्र होते हैं. जेल प्रबंधक ने कृष्ण जन्मोत्सव की व्यापक तैयारी की है. जेल को काफी अच्छे से सजाया गया है. बंदियों को ऐसा मंच देने की कोशिश की गई थी जहां से बंदी अपनी सारी परेशानियों को पीछे छोड़ दें.

लखनऊ की जेलों में कार्यक्रम.

लखनऊ की जेलों में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोउल्लास और श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है. जेलें रंगबिरंगी रोशनी से सजाई गई हैं. DG जेल ने बताया कि श्रीकृष्ण भगवान का जन्म कारागृह में हुआ था, इसलिए बंदी जेलों में जन्माष्टमी पर्व की विशेष तैयारी की गई है और श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है. मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. कारागारों में उत्सव का माहौल है. जेल प्रशासन ने पर्व के प्रति बन्दियों की विशेष श्रद्धा, लगाव और उत्साह को देखते हुए झांकी के लिए सजावट सामग्री, पूजा सामग्री, व्रत रखने वाले बन्दियों के लिए फल-फूल, प्रसाद और उपवास समाप्ति पर विशेष भोजन जैसे खीर-पूड़ी आदि की व्यवस्था की है.

रोशनी से जगमग लखनऊ की जेल.
रोशनी से जगमग लखनऊ की जेल.
लखनऊ की जेलें.
लखनऊ की जेलें.

लखनऊ: राजधानी के सभी प्राचीन मंदिरों में सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. लखनऊ के सभी मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. लखनऊ के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर, डालीगंज माधव मंदिर, बांग्ला बाजार श्री जानकी मंदिर, आलमबाग में सनातन धर्म मंदिर और मौनी बाबा सभी मंदिरों में पूजा और कथा की शुरुआत हो गई है. मंदिरों में साज-सज्जा देखने को मिल रही है. इस बार जन्माष्टमी के अवसर पर कोविड-19 के गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है.

मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों का ताता लगा हुआ हैं, श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. भक्त कान्हा उत्सव को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं, साथ ही कान्हा उत्सव के लिए मंदिर संचालक की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मंदिर में पहुंचने वाले सभी श्रद्धालुओं से निवेदन करके कोविड-19 गाडलाइन का पालन कराया जा रहा है. मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मूर्तियों के स्पर्श करने पर रोक लगाई गई है. मंदिर में बिना के मास्क के प्रवेश वर्जित किया गया है.

जानकारी देते मंदिर के महंत.

इस्कॉन मंदिर के फेसबुक पेज से घर बैठे करें दर्शन

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाने की परंपरा है. लखनऊ के श्रीकृष्ण गोल्फ सिटी स्थित इस्कॉन मंदिर और डालीगंज स्थित माधव मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की सारी तैयारियां हो गई है. मंदिरों में अभी से ढोल नगाड़े बजने लगे हैं. रात 9 बजे से पूजा शुरु हो जाएगी. मंदिर के महंत ने बताया कि केवल सोमवार के लिए रात्रि कर्फ्यू हटाया गया है. मंदिरों में सीमित भक्तों के साथ पूजापाठ और प्रसाद वितरण होगा. इस्कॉन मंदिर के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/Aparimit shyam/Iskontemplelucknow से भक्त श्रीकृष्ण पूजन ऑनलाइन देखेगें. घरों में बच्चे भी श्रीकृष्ण की वस्त्र वेशभूषा धारण कर रहे हैं.

राधा-कृष्ण की वेशभूषा में बच्चे.
राधा-कृष्ण की वेशभूषा में बच्चे.

इसे भी पढ़ें- Shri Krishna Janmashtami 2021 : भगवान श्रीकृष्ण के 108 नाम, जन्माष्टमी पर जपने से पूरे होंगे हर काम

राधा-कृष्ण
राधा-कृष्ण
27 साल में बना ऐसा योग

मंदिर के महंत रामशंकर अवस्थी बताते हैं कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव से संबंधित है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. रात्रि के 12 बजे आज दोनों ही शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं. यह 27 साल बाद ऐसा मुहूर्त मिल रहा है जो वैष्णव और गास्त दोनों एक साथ जन्माष्टमी मनाएंगे. आज रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव होगा और खूब धूमधाम से कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा.

जन्माष्टमी की झांकी.
जन्माष्टमी की झांकी.

इसे भी पढ़ें- श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार : ब्रज में कान्हा ने 'हरि चंद्रिका' पोशाक में दिए दिव्य दर्शन

श्रीकृष्ण भगवान की 16 कलाएं

श्री धन संपदा, भूअचल संपत्ति, कीर्ति यश सिद्धि, इला-वाणी की सम्मोहकता, लीला आनंद उत्सव, कांति सौंदर्य और आभा, विद्या मेधा बुद्धि, विमला पारदर्शिता, प्ररेणा और नियोजन, ज्ञान नीर और विवेक, क्रिया कर्मण्यता, योग चित्तलय, प्रहवि- अत्यंतिक विनय, सत्य यथार्थ, इसना आधिपत्य व अनुग्रह उपकार.

इस्कॉन मंदिर लखनऊ
इस्कॉन मंदिर लखनऊ

इसे भी पढ़ें- कृष्ण जन्माष्टमी पर क्या है नार वाले खीरे का महत्व, क्यों बढ़ जाती है कीमत


जन्माष्टमी पर ऐसे करें पूजन मिलेगा लाभ

आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि मध्यरात्रि 12 बजे से स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण को घंटा और शंख ध्वनि करते हुए पंचामृत से स्नान कराएं. उसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को यज्ञोपवीत धारण कराएं, चंदन और अक्षत चढाएं, पुष्प और इत्र चढ़ाएं. धूप, दीप दिखाए और तुलसी, मक्खन, मिश्री, पंजीरी और नैवैद्य का भोग, ऋतुफल चढ़ाए. लौंग, इलायची और पान अर्पित करें. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण का मंत्र जप या स्त्रोत का पाठ करें व कपूर से आरती करें और सुख-समृद्धि व मनोकामना की प्रार्थना करें. अंत में पूजन में जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें.

बरेली की जेलों के कार्यक्रम.

बरेली जिला जेल में कैदियों ने जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए कैदियों ने कृष्ण पर आस्था दिखाते हुए शानदार अभिनय भी किया. जेल मे बंदियों ने उन सभी किरदारों को अपने अभिनय में उतारा जो कृष्ण लीला के पात्र होते हैं. जेल प्रबंधक ने कृष्ण जन्मोत्सव की व्यापक तैयारी की है. जेल को काफी अच्छे से सजाया गया है. बंदियों को ऐसा मंच देने की कोशिश की गई थी जहां से बंदी अपनी सारी परेशानियों को पीछे छोड़ दें.

लखनऊ की जेलों में कार्यक्रम.

लखनऊ की जेलों में जन्माष्टमी का पर्व हर्षोउल्लास और श्रद्धा भाव से मनाया जा रहा है. जेलें रंगबिरंगी रोशनी से सजाई गई हैं. DG जेल ने बताया कि श्रीकृष्ण भगवान का जन्म कारागृह में हुआ था, इसलिए बंदी जेलों में जन्माष्टमी पर्व की विशेष तैयारी की गई है और श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है. मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण के जन्म की पूरी तैयारियां कर ली गई हैं. कारागारों में उत्सव का माहौल है. जेल प्रशासन ने पर्व के प्रति बन्दियों की विशेष श्रद्धा, लगाव और उत्साह को देखते हुए झांकी के लिए सजावट सामग्री, पूजा सामग्री, व्रत रखने वाले बन्दियों के लिए फल-फूल, प्रसाद और उपवास समाप्ति पर विशेष भोजन जैसे खीर-पूड़ी आदि की व्यवस्था की है.

रोशनी से जगमग लखनऊ की जेल.
रोशनी से जगमग लखनऊ की जेल.
लखनऊ की जेलें.
लखनऊ की जेलें.
Last Updated : Aug 30, 2021, 10:33 PM IST
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