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यूपी में प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने का फैसला, जानिए क्यों है सरकार के इस फैसले पर नाराजगी

बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में लाखों पैरंट्स को योगी आदित्यनाथ सरकार ने राहत दी है. योगी सरकार ने आदेश किया है कि अगले सत्र 2022-23 में भी यूपी के कोई भी स्कूल अपनी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. उधर, निजी स्कूलों की ओर से इस को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. आरोप है कि सरकार ने चुनावी साल में लाभ उठाने के लिए यह आदेश दिया है लेकिन, इस फैसले से इन स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों कर्मचारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

यूपी में प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने का फैसला
यूपी में प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने का फैसला
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Published : Jan 14, 2022, 7:53 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से प्रदेश के निजी स्कूलों में पैसा न बढ़ाने का फैसला लिया गया. यह आदेश सत्र 2022-23 के लिए लागू किया गया. यानी अगले सत्र में निजी स्कूल संचालक किसी तरह की फीस वृद्धि नहीं कर सकते हैं. सरकार के इस फैसले ने अभिभावकों को बड़ी राहत दी है.

उधर, निजी स्कूलों की ओर से इस को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. आरोप है कि सरकार ने चुनावी साल में लाभ उठाने के लिए यह आदेश दिया है लेकिन, इस फैसले से इन स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों कर्मचारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. फीस न बढ़ने से इनके वेतन वृद्धि में भी रोक लग सकती है. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को इस तरह का फैसला लेने से पहले दूसरे पहलू पर भी सोचना चाहिए था.

यूपी में प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने का फैसला

यह है सरकार का आदेश
माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की तरफ से बीते दिनों एक आदेश जारी किया गया. इस आदेश में साफ तौर पर कहा गया कि शैक्षिक सत्र 2022-23 में कोई फीस बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. यह आदेश प्रदेश में संचालित सभी यूपी बोर्ड सीबीएसई ओर आईसीएसई के स्कूलों पर लागू किया गया. आदेश के मुताबिक पिछले 2 साल से लगातार निजी स्कूल और दूसरे बोर्ड वाले स्कूलों की फीस नहीं बढ़ाई गई है.

आदेश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि सभी स्कूल वही फीस लेंगे जो वर्ष 2019 बीच में स्वीकृत की गई थी. सरकार के इस फैसले पर अभिभावकों की तरफ से खुशी जताई गई . अभिभावक संघ से जुड़े सुरेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 साल से उद्योग ठप हो चुके हैं. इन हालातों में अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है.

इसे भी पढ़ें-IT Raid in Agra: शू एक्सपोर्टर मनु अलघ समेत चार शू एक्सपोर्टर के यहां तीसरे दिन भी छापा जारी



यह है आपत्ति
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से इस को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई गई. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि पिछले 2 साल से फीस न बढ़ने का असर शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर पड़ रहा है. उनका कहना है कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की है. ऐसे अभिभावकों को फीस देने में समस्या नहीं होनी चाहिए. चुनावी साल में सरकार का यह फैसला राजनीतिक ज्यादा नजर आ रहा है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरफ से प्रदेश के निजी स्कूलों में पैसा न बढ़ाने का फैसला लिया गया. यह आदेश सत्र 2022-23 के लिए लागू किया गया. यानी अगले सत्र में निजी स्कूल संचालक किसी तरह की फीस वृद्धि नहीं कर सकते हैं. सरकार के इस फैसले ने अभिभावकों को बड़ी राहत दी है.

उधर, निजी स्कूलों की ओर से इस को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई है. आरोप है कि सरकार ने चुनावी साल में लाभ उठाने के लिए यह आदेश दिया है लेकिन, इस फैसले से इन स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों कर्मचारियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. फीस न बढ़ने से इनके वेतन वृद्धि में भी रोक लग सकती है. अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को इस तरह का फैसला लेने से पहले दूसरे पहलू पर भी सोचना चाहिए था.

यूपी में प्राइवेट स्कूलों की फीस न बढ़ाने का फैसला

यह है सरकार का आदेश
माध्यमिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला की तरफ से बीते दिनों एक आदेश जारी किया गया. इस आदेश में साफ तौर पर कहा गया कि शैक्षिक सत्र 2022-23 में कोई फीस बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. यह आदेश प्रदेश में संचालित सभी यूपी बोर्ड सीबीएसई ओर आईसीएसई के स्कूलों पर लागू किया गया. आदेश के मुताबिक पिछले 2 साल से लगातार निजी स्कूल और दूसरे बोर्ड वाले स्कूलों की फीस नहीं बढ़ाई गई है.

आदेश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि सभी स्कूल वही फीस लेंगे जो वर्ष 2019 बीच में स्वीकृत की गई थी. सरकार के इस फैसले पर अभिभावकों की तरफ से खुशी जताई गई . अभिभावक संघ से जुड़े सुरेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले 2 साल से उद्योग ठप हो चुके हैं. इन हालातों में अभिभावकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है.

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यह है आपत्ति
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की तरफ से इस को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई गई. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि पिछले 2 साल से फीस न बढ़ने का असर शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर पड़ रहा है. उनका कहना है कि सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की है. ऐसे अभिभावकों को फीस देने में समस्या नहीं होनी चाहिए. चुनावी साल में सरकार का यह फैसला राजनीतिक ज्यादा नजर आ रहा है.

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