लखनऊ: प्रदेश के राजनाधी लखनऊ में रवि ने अपना अंगदान करके 4 लोगों को एक नया जीवन दिया है. रवि हजरतगंज में पूड़ी सब्जी की दुकान लगाते थे. उनका एक्सीडेंट हो जाने के बाद डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था. रवि के परिवार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि मेरा बेटा जाने के बाद भी कई लोगों को जीवनदान देकर गया है, हमारा बच्चा तो मरकर भी अमर हो गया है.
दरअसल रवि के पिता श्यामकिशोर ने अपने 30 साल के बेटे की मौत के बाद उसका लिवर और किडनी डोनेट कर दिया. जिसके बाद केजीएमयू में लिवर एसजीपीजीआई में किडनी ट्रांसप्लांट कर तीन लोगों को नई जिंदगी दी गई है. दीवार पर लगे पोस्टर को देखकर अंगदान की प्रेरणा मिली.
अस्पताल में लगा था अंगदान पोस्टर
बमरौली डालीगंज निवासी श्याम किशोर राठौर के बेटे रवि 16 अगस्त को एक दुर्घटना के बाद 18 अगस्त को उसको केजीएमयू में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने 20 अगस्त को रवि को ब्रेन हेड घोषित कर दिया. परिजनों ने असपताल मे अंगदान का एक बैनर लगा देखा, जिसे देखकर उन्होंने यह फैसला लिया. जिसके बाद सर्जिकल गेस्ट्रोलॉजी विभाग के ऑर्गन को ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर पियूष श्रीवास्तव एवं क्षितिज वर्मा एवं मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर अश्वनी सिंह ने आर्गन डोनेट के लिए परिजनों की काउंसलिंग की. परिजन लीवर एवं किडनी के लिए राजी हो गए.
14 घंटे चला लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी
कैडेवर से प्राप्त लीवर को लखीमपुर निवासी 43 वर्षीय मरीना ट्रांसप्लांट किया गया, जो कि लीवर सिरोसिस से पीड़ित थी. ट्रांसप्लांट प्रत्यारोपण बीते सोमवार रात 10 बजे शुरू हुई जो कि मंगलवार दोपहर 12 बजे तक हुई. फिलहाल लीवर प्रत्यारोपित के जाने वाले मरीज की स्थिति स्थिर है. वहीं शुरुआत के बाद 4 घंटे अति महत्वपूर्ण हैं.
ये डॉक्टर रहे टीम में शामिल
लिवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम के सदस्यों में सर्जिकल गेस्ट्रोलॉजी विभाग के हेड प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा डॉ विवेक गुप्ता एवं डॉ प्रदीप जोशी गैस्ट्रो, मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सुमित रोंगटा ट्रांसफ्यूजन, मेडिसिन के डॉक्टर तूलिका चंद्र, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की डॉ अमिता जैन, डॉ शीतल वर्मा सहित पैथोलॉजी कार्डियोलॉजी पलमोनरी एवं कम्युनिटी मेडिसिन का डॉक्टर शामिल रहे.
पूड़ी-सब्जी का ठेला लगाता था रवि
मृतक के भाई आकाश ने बताया कि उनका भाई दो बहन और दो भाई में रवि सबसे बड़ा था. एक बहन की पहले मौत हो चुकी है वहीं दूसरी की शादी हो चुकी है. रवि हजरतगंज स्थित हलवासिया के पास पूड़ी-सब्जी का ठेला लगाते थे. आकाश आगे बताते हैं कि डॉक्टरों तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचा न सके. ऐसे में उन्होंने हम लोगों से आर्गन डोनेट करने की बात कही, हम लोगों को दिल लगा कि इससे अच्छी और क्या बात होगी कि रवि जाते-जाते लोगों को नया जीवन देकर जाए. जिसके बाद हम लोग आर्गन डोनेट करने के लिए तैयार हो गए.
2 महिलाओं को ट्रांसप्लांट की गई रवि की किडनी
रवि की दोनों किडनी रोटो के आदेशानुसार एसजीपीजीआई को ट्रांसप्लांट के लिए दे दी गई. पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड डॉ अमित गुप्ता ने बताया कि एक किडनी लखनऊ की 29 साल की महिला तो दूसरी लालगंज रायबरेली की 37 साल की महिला के ट्रांसप्लांट किया गया. जिसमें से एक 2011 तो 2015 से डायलिसिस पर थे. डॉ गुप्ता ने आगे बताया कि किडनी आते ही 6 मरीजों को बुलाया गया.
जिसके बाद पोस्ट और क्रश मैच करने के बाद 2 महिलाओं को ओके किया गया. जिन को तुरंत सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद किडनी ट्रांसप्लांट कर दिया गया है. जिसमें करीब तीन से चार घंटे का समय लगा, फिलहाल दोनों मरीजों की हालत स्थिर और आईसीयू में है. ट्रांसप्लांट करने वाली टीम में निदेशक डॉ राकेश कपूर, नेफ्रोलॉजी विभाग के हेड डॉ अमित गुप्ता, डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव, डॉक्टर अंसारी और डॉक्टर उदय प्रताप सिंह सहित अन्य लोग शामिल थे.