लखनऊ : उत्तर प्रदेश के गेहूं उत्पादक किसानों को अगर अपना गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचना होगा तो उनको अब खाद्य रसद विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. उत्तर प्रदेश सरकार का खाद्य रसद विभाग 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू कर रही है. जिसके लिए खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण का विकल्प खुल गया है. इस विकल्प पर किसान अपना पंजीकरण साइबर कैफे के माध्यम से करा सकते हैं. पंजीकरण कराने वाले किसानों का गेहूं सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी.
खाद एवं रसद विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि 'उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य का लाभ पहुंचाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूं खरीद करेगी. वित्तीय वर्ष 2023-24 के अन्तर्गत एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की जा रही है. समर्थन मूल्य का लाभ उठाने के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य है. किसानों को गेहूं विक्रय के पूर्व किसी भी जनसुविधा केंद्र, साइबर कैफे से ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा.'
प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत गेहूं की खरीद के लिए खोले जाने वाले क्रय केन्द्रों का स्थल निर्धारण, क्रय केन्द्रों की जियो टैगिंग, क्रय केन्द्रों पर किसानों की सुविधाओं की व्यवस्था, क्रय केन्द्रों की आवश्यकता का आंकलन कराकर धनराशि, बोरों, स्टाफ आदि समस्त व्यवस्थाएं पूर्ण कराने के लिए पूर्व में निर्देश जारी किये जा चुके हैं. किसानों को गेहूं के मूल्य का भुगतान उनके आधार लिंक्ड बैंक खाते में किया जाएगा. किसानों को अपना आधार संख्या, आधार कार्ड में अंकित अपना नाम आदि सही अंकित करना होगा. खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीद के लिए पंजीकरण करा चुके कृषकों को गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, परन्तु पंजीकरण को संशोधन कर पुनः लॉक कराना होगा.
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