लखनऊ: राजधानी लखनऊ की दुबग्गा सब्जी मंडी और सीतापुर नवीन सब्जी मंडी में हरी सब्जियां आना शुरू हो गई हैं. सब्जी मंडी में कई राज्यों से नई आलू की भी आवक हो रही है. वहीं आलू के दाम की बात करें तो आलू के दाम में दिन-प्रतिदिन गिरावट देखने को मिल रही है, जिससे आलू की खेती करने वाले किसानों में निराशा है. मंडियों में किसानों से आलू की खरीद व्यापारी 600 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर 900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कर रहे हैं.
बता दें कि राजधानी लखनऊ की मंडियों में आलू की अधिक आवक होने से आलू का रेट दर गिरता चला जा रहा है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि किसानों द्वारा खेती में लगाई गई लागत से भी ज्यादा आलू की कीमत नीचे चली गई है, जिससे किसानों की लागत भी निकलना मुश्किल हो गया है. मंडियों में आवक होने वाले आलू के किस्म- थोक भाव साठा आलू- 8 से 9 रुपये किलो, 37-97 आलू- 7 से 8 रुपये किलो, चिप सोना- 9 से 10 रुपये किलो और श्रीनाथ आलू- 9 से 10 रुपये किलो बिक रहा है.
वहीं आलू के दाम गिरने से किसानों को चेहरे पर मायूसी देखने को मिल रही है. किसान मनोज तिवारी ने बताया कि एक बीघे में आलू की खेती की है. खेती में करीब 70 हजार रुपये की लागत आ रही है. वहीं आज का जो भाव चल रहा है, उससे 20 हजार ही मिल पाएगा. 40 से 50 हजार तक का घाटा उठाना पड़ेगा. इस स्थिति में किसान किस तरह से अपना जीवन को यापन कर पाएगा और बच्चों को कैसे पढ़ा पाएगा.
किसान मसूद हुसैन ने बताया कि एक बीघा खेती में 70 हजार की लागत आ रही है, जिसमें 100 बोरी आलू का उत्पादन हो रहा है. यानी 50 क्विंटल आलू का उत्पादन होगा. आज के समय में जो मंडी में भाव चल रहे हैं, इस हिसाब से हम लोगों को 40 हजार बीघे का घाटा उठाना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में हम लोग किसानी कैसे कर पाएंगे. किसान अनीस ने बताया कि हम लोग जब खेती करते हैं तो इसमें सिंचाई से लेकर खाद और बाड़ लगाने का पूरा खर्चा करते हैं, उसके बाद भी ये आलम हो गया है कि खेती से मुनाफा निकालना मुश्किल हो गया है.
मंडी आढ़ती अरुण पांडे ने बताया कि मंडी में कई राज्यों से आलू की आवक हो रही है. आलू के रेट में दिन-प्रतिदिन घटने के आसार दिख रहे हैं, जिससे किसानों को इसका घाटा उठाना पड़ सकता है. आढ़ती गौरीशंकर ने बताया कि मंडी में कई तरह के आलू आ रहे हैं. उनकी अलग-अलग कीमत है. इस समय मंडी में चिप सोना, लाल आलू और साठा आलू आ रहा है, जिनके मंडी में अलग-अलग भाव हैं.