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किसान न हों परेशान, इस तकनीक को अपनाने से लंबे समय तक ताजी रहेंगी सब्जियां - रैक या मचान विधि

लॉकडाउन के दिनों में किसान अपनी तैयार सब्जियों को नष्ट करने के लिए विवश हो रहे हैं. वे सब्जियों को दूसरे शहर नहीं भेज पाने से निराश हैं. उन्हें सब्जियों का उचित रेट भी नहीं मिल रहा है. चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर हरेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में एक ऐसा तरीका बताया है, जिससे किसानों की सब्जियां लंबे समय तक ताजी बनी रहेगी.

lockdown effect on vegetables
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर हरेश प्रताप सिंह.
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Published : May 1, 2020, 9:00 PM IST

लखनऊ: शाक-भाजी के उत्पादक किसान लॉकडाउन के दौरान सब्जियों को दूसरे शहरों तक न भेज पाने की वजह से परेशान हैं. स्थानीय स्तर पर बाजार भाव नहीं है, ऐसे में उन्हें तैयार सब्जियों को नष्ट करना पड़ रहा है. नुकसान उठा रहे किसानों के लिए वैज्ञानिकों की सलाह है कि वह सब्जियों को खेत से मंडी तक पहुंचाने से पहले अगर नमक पानी के घोल में भिगो दें तो सब्जी की ताजगी कई दिन तक बरकरार रहेगी.

एसोसिएट डायरेक्टर से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता.

किसानों में जानकारी का अभाव
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर (प्रसार) हरेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि परेशान किसानों की समस्या का आसान समाधान है, लेकिन जानकारी न होने की वजह से किसान अपनी तैयार सब्जी को नष्ट करने के लिए विवश हो रहे हैं.

इस तरह ताजी रहेंगी सब्जियां
हरेश प्रताप सिंह ने बताया कि अगर खेत से सब्जी निकालने के बाद किसान उसे नमक-पानी के घोल में 15 मिनट तक डूबा रहने दें और उसके बाद छाया में सुखा लें तो कई दिन तक सब्जी का ताजापन बरकरार रहेगा. ऐसे में उनकी सब्जियां छोटी मंडियों से होकर बड़ी मंडी पहुंचने तक खराब नहीं होंगी. किसानों को अपनी सब्जी का बेहतर मूल्य भी मिलेगा. इस विधि का इस्तेमाल करने से सब्जियों में जो फंगस आदि आ जाते हैं, वह भी नष्ट हो जाएंगे और सब्जी की गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी.

उन्होंने यह भी बताया कि सड़ने वाली सब्जी या अन्य कृषि उत्पाद को किसान रैक या मचान विधि का इस्तेमाल कर लंबे समय तक संरक्षित रख सकते हैं. प्याज, लहसुन आदि को इस तरह से कई महीनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

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किसानों खुद को रखें सुरक्षित
एसोसिएट डायरेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को देखते हुए किसानों को सब्जी तोड़ते समय भी सावधानियों का पालन करना चाहिए. हाथ में दस्ताने पहने जाएं और जिस पेटी में सब्जी को मंडी पहुंचाना हो, उसे भी सैनिटाइज किया जाए.

लखनऊ: शाक-भाजी के उत्पादक किसान लॉकडाउन के दौरान सब्जियों को दूसरे शहरों तक न भेज पाने की वजह से परेशान हैं. स्थानीय स्तर पर बाजार भाव नहीं है, ऐसे में उन्हें तैयार सब्जियों को नष्ट करना पड़ रहा है. नुकसान उठा रहे किसानों के लिए वैज्ञानिकों की सलाह है कि वह सब्जियों को खेत से मंडी तक पहुंचाने से पहले अगर नमक पानी के घोल में भिगो दें तो सब्जी की ताजगी कई दिन तक बरकरार रहेगी.

एसोसिएट डायरेक्टर से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता.

किसानों में जानकारी का अभाव
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय के एसोसिएट डायरेक्टर (प्रसार) हरेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि परेशान किसानों की समस्या का आसान समाधान है, लेकिन जानकारी न होने की वजह से किसान अपनी तैयार सब्जी को नष्ट करने के लिए विवश हो रहे हैं.

इस तरह ताजी रहेंगी सब्जियां
हरेश प्रताप सिंह ने बताया कि अगर खेत से सब्जी निकालने के बाद किसान उसे नमक-पानी के घोल में 15 मिनट तक डूबा रहने दें और उसके बाद छाया में सुखा लें तो कई दिन तक सब्जी का ताजापन बरकरार रहेगा. ऐसे में उनकी सब्जियां छोटी मंडियों से होकर बड़ी मंडी पहुंचने तक खराब नहीं होंगी. किसानों को अपनी सब्जी का बेहतर मूल्य भी मिलेगा. इस विधि का इस्तेमाल करने से सब्जियों में जो फंगस आदि आ जाते हैं, वह भी नष्ट हो जाएंगे और सब्जी की गुणवत्ता अच्छी बनी रहेगी.

उन्होंने यह भी बताया कि सड़ने वाली सब्जी या अन्य कृषि उत्पाद को किसान रैक या मचान विधि का इस्तेमाल कर लंबे समय तक संरक्षित रख सकते हैं. प्याज, लहसुन आदि को इस तरह से कई महीनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है.

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किसानों खुद को रखें सुरक्षित
एसोसिएट डायरेक्टर ने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को देखते हुए किसानों को सब्जी तोड़ते समय भी सावधानियों का पालन करना चाहिए. हाथ में दस्ताने पहने जाएं और जिस पेटी में सब्जी को मंडी पहुंचाना हो, उसे भी सैनिटाइज किया जाए.

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