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लखनऊ: मुआवजा न मिलने पर किसानों ने दिया धरना, 12 साल पहले एलडीए ने किया था जमीन का अधिग्रहण - लखनऊ ताजा समाचार

यूपी की राजधानी लखनऊ में कई गांवों के किसान धरने पर बैठे. किसानों का कहना है 12 साल पहले उनकी जमीन एलडीए ने अधिग्रहण की थी, तब से किसानों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है.

एलडीए से मुआवजा न मिलने पर किसानों ने दिया धरना.
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Published : Sep 26, 2019, 10:18 PM IST

लखनऊ: राजधानी में अल्लू नगर डूंगरिया सहित कई गांव के किसान धरने पर बैठे हैं. किसानों का कहना है कि 12 साल पहले उनकी जमीन एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) ने अधिग्रहित की थी, तब से न ही किसानों को कोई मुआवजा दिया गया है और न ही किसानों को उनकी जमीन बेचने का हक दिया गया है.

एलडीए से मुआवजा न मिलने पर किसनों ने दिया धरना.
किसानों ने बयां किया अपना दर्द
  • किसानों ने बताया कि एलडीए ने उनसे वादा किया था कि उन्हें जमीन का सर्किल रेट के हिसाब से 4 गुना दाम दिया जाएगा.
  • किसानों का कहना है 12 साल पहले एलडी ने जमीन अधिग्रहित की थी और अभी भी मुआवजा नहीं मिला है.
  • किसानों का कहना है इस कारण से हमारे परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो गया है.
  • ऐसे में किसान न ही अपने बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं और न ही खेती कर पा रहे हैं.
  • पारिवारिक समस्याएं बढ़ रही हैं, जिसके चलते आज किसान धरने पर बैठे हैं.

इसे भी पढ़ें:- गुरु गोरखनाथ ने बताया कि तन-मन की शुद्धता प्रत्येक प्राणी के लिए आवश्यक: सीएम योगी


किसान देश में 70 फीसदी माने गए हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए कुछ आला अधिकारी अभी भी नजर अंदाज कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में किसानों के हित को लेकर तमाम वादे और बातें की गई थी, लेकिन किसान धरातल पर देखा जाए तो वाकई में परेशान दिखता है.
बाबा राम सेवक, किसान
अल्लू नगर देवरिया सहित दर्जनों गांव की संपत्ति को 15 साल पहले एलडीए ने अधिग्रहण किया था, जिसके बाद किसानों के अधिकारों में जमीन बेचना नहीं था. उस समय यह बात भी हुई थी कि सर्किल रेट का 4 गुना पैसा किसानों को दिया जाएगा, लेकिन अभी तक किसानों को नहीं कोई मुआवजा दिया गया है और न ही उनको अपनी जमीन बेचने का अधिकार दिया गया है.
उबैद अली, किसान
हमारी परेशानी अगर नहीं सुनी जाएगी, तो ऐसे में किसान अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएगां. हमारे घर परिवार में लोग लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, जिसकी वजह एलडीए बन रहा है.
नईम अली, किसान

लखनऊ: राजधानी में अल्लू नगर डूंगरिया सहित कई गांव के किसान धरने पर बैठे हैं. किसानों का कहना है कि 12 साल पहले उनकी जमीन एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) ने अधिग्रहित की थी, तब से न ही किसानों को कोई मुआवजा दिया गया है और न ही किसानों को उनकी जमीन बेचने का हक दिया गया है.

एलडीए से मुआवजा न मिलने पर किसनों ने दिया धरना.
किसानों ने बयां किया अपना दर्द
  • किसानों ने बताया कि एलडीए ने उनसे वादा किया था कि उन्हें जमीन का सर्किल रेट के हिसाब से 4 गुना दाम दिया जाएगा.
  • किसानों का कहना है 12 साल पहले एलडी ने जमीन अधिग्रहित की थी और अभी भी मुआवजा नहीं मिला है.
  • किसानों का कहना है इस कारण से हमारे परिवार का पालन पोषण मुश्किल हो गया है.
  • ऐसे में किसान न ही अपने बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं और न ही खेती कर पा रहे हैं.
  • पारिवारिक समस्याएं बढ़ रही हैं, जिसके चलते आज किसान धरने पर बैठे हैं.

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किसान देश में 70 फीसदी माने गए हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए कुछ आला अधिकारी अभी भी नजर अंदाज कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार में किसानों के हित को लेकर तमाम वादे और बातें की गई थी, लेकिन किसान धरातल पर देखा जाए तो वाकई में परेशान दिखता है.
बाबा राम सेवक, किसान
अल्लू नगर देवरिया सहित दर्जनों गांव की संपत्ति को 15 साल पहले एलडीए ने अधिग्रहण किया था, जिसके बाद किसानों के अधिकारों में जमीन बेचना नहीं था. उस समय यह बात भी हुई थी कि सर्किल रेट का 4 गुना पैसा किसानों को दिया जाएगा, लेकिन अभी तक किसानों को नहीं कोई मुआवजा दिया गया है और न ही उनको अपनी जमीन बेचने का अधिकार दिया गया है.
उबैद अली, किसान
हमारी परेशानी अगर नहीं सुनी जाएगी, तो ऐसे में किसान अपने परिवार का भरण पोषण कैसे कर पाएगां. हमारे घर परिवार में लोग लंबे समय से बीमार चल रहे हैं, जिसकी वजह एलडीए बन रहा है.
नईम अली, किसान

Intro: जहां राजधानी लखनऊ में एक तरफ कई दिनों से बरसात हो रही है वहीं दूसरी ओर अल्लू नगर डूंगरिया सहित कई गांव के किसान धरने पर बैठे हैं किसानों का कहना है 12 साल पहले उनकी जमीन एलडीए ने अधिग्रहण की थी तब से ना ही किसानों को कोई मुआवजा दिया गया है और ना ही किसानों को उनकी जमीन बेचने का हक दिया गया है वहीं किसानों का कहना है एलडीए ने उनसे वादा किया था की किसानों की जमीन का किसानों को सर्किल रेट के हिसाब से 4 गुना दाम दिया जाएगा वहीं 15 साल से इंतजार में बैठे किसान अब यह आस्क हो चुके हैं वहीं किसानों का कहना है 12 साल से लंबित पड़े एलडी के अधिग्रहण के कारण हमारे परिवार का पालन पोषण भी होना मुश्किल हो गया है अब ऐसे में ना ही हम अपने बच्चों को पढ़ा पा रहे हैं और ना ही खेती कर पा रहे हैं पारिवारिक समस्याएं बढ़ रही हैं जिसके चलते आज किसान धरने पर बैठे हैं


Body: वैसे तो किसान देश में 70 फ़ीसदी माने गए हैं लेकिन किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए कुछ आला अधिकारी अभी भी नजरअंदाज कर रहे हैं उत्तर प्रदेश सरकार में किसानों के हित को लेकर तमाम वादे और बातें की गई थी लेकिन किसान धरातल पर देखा जाए तो वाकई में परेशान दिखता है राजधानी लखनऊ के अल्लू नगर देवरिया सहित दर्जनों गांव की संपत्ति को 15 साल पहले एलजी ने अधिग्रहण किया था जिसके बाद से किसानों के अधिकारों में जमीन बेचना नहीं था भाई किसानों का कहना है उस समय यह बात भी हुई थी कि सर्किल रेट का 4 गुना पैसा किसानों को दिया जाएगा लेकिन अभी तक किसानों को नहीं कोई मुआवजा दिया गया है ना ही उनको अपनी जमीन बेचने का अधिकार दिया गया है लंबे समय से इंतजार कर रहे किसान आज परेशान हैं और किसान नदी में डूब कर आत्मदाह करने की भी बात कह रहे हैं किसानों का कहना है हमारी परेशानी अगर नहीं सुनी जाएगी तुम ऐसे में अपने परिवार को कैसे भरण पोषण कर पाएंगे आज इस इंतजार में हमारे घर परिवार में लोग लंबे समय से बीमार चल रहे हैं जिसकी वजह एलडीए बन रहा है


Conclusion: फिलहाल धरने पर बैठे हजारों की संख्या में किसानों का कहना है एलडीए उनकी अधिकृत जमीन को वापस करें और उनको अपनी जमीन बेचने का अधिकार सौंपा वहीं किसानों का कहना है अगर ऐसा एलडी नहीं करता है तो हम आगे भी धरना करते रहेंगे और अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहेंगे इसके बावजूद भी कोई हल नहीं निकलता है तो हम आत्मदाह भी कर सकते हैं संवाददाता सत्येंद्र शर्मा 81 9386 4012 वाइट 1 बाबा राम सेवक,वाइट 2 उबैद अली,3 नईम अली किसान
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